बतकही : थानेदारी के लिए चुगलखोरी
इस बार के साप्ताहिक कॉलम में पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली को केंद्र रखकर समझाने का प्रयास किया गया है। कप्तान और थानेदारों की स्थिति कैसी होती है उसी पर ज्यादा फोकस है। आप भी पढ़ें गोरखपुर से सतीश कुमार पांडेय का साप्ताहिक कॉलम बतकही।
सतीश कुमार पांडेय, गोरखपुर। मनचाही थानेदारी पाना कोई आसान खेल नहीं। इसके लिए खूब पापड़ बेलने पड़ते हैं। थानेदारी छिनने के बाद दोबारा ताजपोशी के लिए एक दारोगा नेताओं के दरबार में हाजिरी लगाकर आजकल इसी का सहारा ले रहे हैं। दारोगा की नजर औद्योगिक क्षेत्र वाले थाने पर है, जिसके लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी है। सिफारिश से थाने का प्रभार पाने वाले अपने समकक्ष को हटाने के लिए उन्होंने चुगलखोरी की राह चुन ली है। औद्योगिक क्षेत्र वाले थाने में अगर कोई घटना होती है तो साहब को बढ़ा चढ़ाकर बताते हैं। दस दिन पहले कप्तान ने बदमाशों पर प्रभावी कार्रवाई न करने पर थानेदार को खूब फटकार लगाई। हटाने की चेतावनी तक दे डाली। यह खबर मिलते ही दारोगा खुशी से झूम उठे। समर्थकों को बताना शुरू कर दिया कि जल्द ही थानेदार का विकेट गिरने वाला है। जिसके बाद कमान उनके हाथ में होगी। साहब भरोसा करने लगे हैं।
ईमानदार साहब का बे-ईमान दारोगा
शहर के साहब की गिनती ईमानदारों में होती है, लेकिन इसका फायदा जनता को नहीं मिल पा रहा। साहब का सबसे ज्यादा भरोसेमंद एक बे-ईमान दारोगा है, जिसको सबसे काबिल बताते हुए उन्होंने थानेदार बनवाया है। दारोगा का काकस ऐसा है कि कप्तान बदल गए लेकिन वह थाने से नहीं हिला। अंडर ट्रांसफर होने के बाद भी उसे हटाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा। जिसकी वजह, सिस्टम में मजबूत पकड़ बताई जा रही है। पिछले दिनों दारोगा के कारनामे से पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो गए, लेकिन अधिकारियों ने आंख बंद कर ली। बचाव में तर्क दिया कि दारोगा क्राइम फ्रंट पर अच्छा काम करता है। तीन दिन पहले यह भ्रम भी दूर हो गया। जिस बदमाश को जिले की पुलिस व क्राइम ब्रांच सरगर्मी से ढूंढ रही थी वह दारोगा के इलाके में छिपा था। चर्चा है कि थाने के सिपाही उसके संपर्क में थे।
चर्चा में रिहाई वाला इश्तेहार
जिला कारागार के सामने लगे रिहाई की गारंटी वाले इश्तेहार की चर्चा कचहरी के साथ ही प्रशासनिक महकमे में भी खूब हो रही है। जेल गेट के पास मुलाकाती जहां नंबर लगाते हैं वहां दो इश्तेहार लगे हैं। पहले में लिखा है कि यहां हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बंगाल, बिहार, गुजरात के साथ ही किसी भी प्रदेश के अभियुक्त की जमानत और जमानतदार की व्यवस्था है। रिहाई मात्र सात दिन में। आखिर में इश्तेहार देने वाले का मोबाइल नंबर और पता लिखा है। दूसरे इश्तेहार पर भी यही बातें लिखी हैं लेकिन रिहाई पांच दिन में कराने की गारंटी दी गई है। जमानत मिलने में देरी से परेशान लोगों ने इश्तेहार पर दिए गए नंबरों पर संपर्क किया। रुपये खर्च करने के बाद भी सात दिन में जमानत नहीं मिली। रिहाई की गारंटी वाले इश्तेहार की चर्चा प्रशासनिक महकमे के साथ ही पूरे शहर में जोर शोर से हो रही है।
प्रेमिका ने टाली पुलिस की बला
रात में प्रेमिका के साथ घूम रहे शादीशुदा युवक का सामना बाइक सवार बदमाशों से हो गया। लूट की नीयत से बदमाशों ने रोका तो बहादुरी दिखाने के लिए युवक उनसे भिड़ गया। बदमाशों ने पहले तो उसे जमकर पीटा, इसके बाद रुपये और मोबाइल भी छीन लिए। विरोध करने पर चाकू से जख्मी भी कर दिया। युवक ने परिचितों के साथ ही पुलिस को लूट की सूचना दी तो थानेदार की नींद ही उड़ गई। रास्ते भर वह सोचते रहे कि कप्तान को क्या जवाब देंगे। पूछताछ के दौरान जैसे ही उन्हें मालूम हुआ कि युवक अपनी प्रेमिका के साथ घूम रहा था तो थानेदार ने राहत की सांस ली। शादीशुदा युवक से तहरीर में यह बात लिखकर देने के लिए कहा तो युवक की हवाई उड़ गई। प्रेमिका के साथ घूमने वाली बात किसी को मालूम न हो जाए इसलिए वह तहरीर दिए बिना ही चला गया।