तीसरी नजर : साहब को लड्डू पसंद है Gorakhpur News
पढ़ें गोरखपुर से नवनीत प्रकाश त्रिपाठी का साप्ताहिक कालम तीसरी नजर---
नवनीत प्रकाश त्रिपाठी, गोरखपुर। वर्दी वाले महकमे में दक्षिणी इलाके के साहब इन दिनों लड्डू से प्रेम को लेकर खासा चर्चा में हैं। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए शनिवार और रविवार को बंदी रहती है। पिछले रविवार को साहब बंदी की स्थिति देखने के लिए भ्रमण पर निकले थे। खजनी इलाके के एक चौराहे पर पहुंचे। कई दुकानें खुली दिखाई दीं। इससे साहब बहुत नाराज हुए। मातहतों से दुकानदारों को बुलवाकर कड़ी फटकार लगाई। महामारी की गंभीरता के बारे में भी उन्हें समझाया और आगे से संक्रमण रोकने के लिए जारी किए जाने वाले दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी। साहब की फटकार से सहमा चौराहे का हलवाई अपनी दुकान बंद कर रहा था। इसी बीच एक वर्दीधारी उसकी दुकान पर पहुंचा और तीन-चार किलो लड्डू लेकर जाने लगा। हलवाई ने पैसे मांगे, तो वर्दीधारी ने कड़क आवाज में जवाब दिया, जानते नहीं हो, साहब को लड्डू बेहद पसंद है।
चोर हम पकड़ेंगे, तुम नहीं
पुलिस जो भी करती है, कमाल का करती है। इस फेर में कई बार कानून और कर्तव्य को भी पीछे छोड़ देती है। ताजा उदाहरण बाइक चोरी का एक मामला है। तारामंडल इलाके से बाइक चोरी हुई। वाहनस्वामी ने रामगढ़ ताल थाने में तहरीर दी। साथ में चोरी की घटना का सीसीटीवी फुटेज भी दिया। फुटेज में चोरी करने वाला साफ दिखाई दे रहा था। तहरीर व फुटेज का पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया। वाहनस्वामी दौड़ता रहा। इस बीच उसी बाइक का महराजगंज जिले की पुलिस ने ई चालान किया। ई चालान की वजह से सूचना आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड वाहनस्वामी के मोबाइल फोन पर आई। वाहनस्वामी एक बार फिर थाने पहुंचा। थानेदार से गुहार लगाई कि साहब महराजगंज पुलिस से बात कर लें, मेरी बाइक मिल जाएगी। उसकी बात सुनते ही थानेदार हत्थे से उखड़ गए। बोले, तफ्तीश तुम क्यों कर रहे हो? चोर को हम पकड़ेंगे, तुम नहीं।
शारीरिक दूरी से ऊपर हैं हम
शारीरिक दूरी, मास्क है बहुत जरूरी। सरकारी प्रचार माध्यमों से इस स्लोगन का खूब प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हर चौराहे पर लाउडस्पीकर के जरिए इस स्लोगन को बार-बार दोहराया जा रहा है, लेकिन वर्दी वाला महकमा हर जगह इस स्लोगन का मजाक उड़ाता नजर आ रहा है। शहर के कुछ इलाकों में घोषित बंदी के बावजूद बाहर निकलने वालों को रोकने, गाड़ी का पेपर चेक करने और निकलने की वजह पूछने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों पर है। इस प्रक्रिया में हर चौराहे पर खूब भीड़ लग रही है। पुलिसकर्मी भीड़ के बीच में खड़े होकर शारीरिक दूरी बनाए रखने की नसीहत दे रहे हैं। इस पर सवाल करने पर एक पुलिसकर्मी ने व्यंग्यात्मक लहजे में जवाब दिया, पुलिस वाले हैं हम। हर नियम से ऊपर उठे हुए। वर्दी से आम आदमी ही नहीं कोरोना भी डरता है। यह बात जुदा है कि बहुत सारे पुलिस वाले संक्रमित हो चुके हैं।
परेशानी का सबब बना गमछा
कोरोना के संक्रमण से खुद को बचाने के लिए गमछा काफी कारगर हथियार साबित हो रहा है। यही गमछा तथाकथित दो युवा समाजसेवियों की वजह से गुलरिहा पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लंबे समय से गले में लाल गमछा डालकर दोनों दिन निकलते ही थाने पहुंच जाते हैं और देर रात तक जमे रहते हैं। खुद को सत्ता प्रतिष्ठान के बेहद करीब बताते हैं। इलाके के छोटे-छोटे मामलों में दखल देना इन कथित समाजसेवियों का शगल है। उनकी यही हरकत पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गई है। खासकर इलाके में हुए दोहरे हत्याकांड के बाद। इस मामले में पुलिस ज्यों किसी को हिरासत में लेती है, दोनों समाजसेवी उसे छुड़ाने पहुंच जाते है। स्थिति यह है कि इनकी वजह से पुलिस किसी से भी ठीक से पूछताछ नहीं कर पा रही है, लेकिन गमछे के आतंक से उफ भी नहीं कर पा रही है।