रेलवे में हड़ताल की चेतावनी, फायदे में नहीं, घाटे में चल रही तेजस Gorakhpur News
ट्रेनों और स्टेशनों को बेचने नहीं दिया जाएगा। न रेलवे का निजीकरण होगा और न ही निगमीकरण। सरकार ने मजबूर किया तो हड़ताल होगा। एक साथ देशभर में भारतीय रेलवे का चक्का जाम हो जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि रेलवे बोर्ड ही नहीं सरकार भी झूठा प्रचार कर रही है कि देश की पहली कॉरपोरेट एक्सप्रेस तेजस 70 लाख के फायदे में है। लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। जबकि यह ट्रेन पूरी तरह से घाटे में चल रही है। इसके बाद भी रेलवे बोर्ड ने 150 प्राइवेट ट्रेन और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में देने की योजना तैयार कर ली है। शिव गोपाल मिश्र रेलवे अधिकारी क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सरकार ने मजबूर किया तो हड़ताल तय
एनई रेलवे मजदूर यूनियन के 59वें वार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने आए शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि फेडरेशन सरकार की मंशा सफल नहीं होने देगा। ट्रेनों और स्टेशनों को बेचने नहीं दिया जाएगा। न रेलवे का निजीकरण होगा और न ही निगमीकरण। सरकार ने मजबूर किया तो हड़ताल होगा। एक साथ देशभर में भारतीय रेलवे का चक्का जाम हो जाएगा। अब कोई विकल्प भी नहीं बचा है।
चुनौती बनती जा रही सरकार की योजनाएं
बातचीत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे में निजीकरण, निगमीकरण, नई पेंशन योजना, खाली होते रिक्त पद और कर्मचारियों के बढ़ते कार्य की अवधि बड़ी चुनौती बनती जा रही है। चेन्नई में आयोजित एआइआरएफ के अधिवेशन में लड़ाई की रणनीति पर मुहर लग चुकी है। हड़ताल की सफलता पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि फेडरेशन देश भर के श्रमिक और कर्मचारी संगठनों को एक मंच पर लाने का कार्य करेगा। इसके लिए संगठनों बातचीत की जा रही है। पत्र लिखा जा रहा है। कर्मचारी संगठन ही नहीं रेल उपभोक्ताओं को भी आंदोलन से जोड़ा जाएगा। क्योंकि अब यह आंदोलन फेडरेशन और रेल कर्मचारियों का ही नहीं आम जन का मुद्दा बन गया है। फेडरेशन कर्मचारियों के अन्य मुद्दों पर दूसरे संगठनों को भी सपोर्ट कर रहा है।
संसद के सामने प्रदर्शन करेगा सेंट्रल ट्रेड यूनियन
सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर बजट सत्र में आठ जनवरी को संसद पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। आज स्थिति यह है कि पेंशन बंद होने से छह लाख से अधिक युवाओं का भविष्य अंधकार में है। फेडरेशन भी संसद सहित देशभर में आंदोलन करेगा। निजीकरण, निगमीकरण पर अंकुश लगाने तथा पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर सरकार नहीं मानी तो फेडरेशन बजट सत्र में ही हड़ताल की घोषणा भी कर देगा। लेकिन हड़ताल को राजनीतिक रंग नहीं देंगे।