अधिवक्ताओं के रास्ते में समस्याओं की दीवार
दीवानी कचहरी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। अधिवक्ताओं तक फरियादियों को पहुंचने में नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं।
संत कबीरनगर, जेएनएन : दीवानी कचहरी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। अधिवक्ताओं तक फरियादियों को पहुंचने में नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। सीधे रास्ते पर बारिश में घुटने तक पानी लग जाता है। इसलिए लोग कचहरी पहुंचने के लिए घुमकर आते हैं। इस बीच प्रशासन ने अधिवक्ताओं के बैठने वाले रास्ते पर बारिश के पानी से बचने के लिए जेसीबी से दो गड्ढे खुदवा दिए थे, जो अब पूरी तरह से भरकर पानी रास्ते पर पसर गया है। पानी निकालने के लिए कच्चा नाला बनाया गया था, जो अब खतरनाक हो गया है।
अधिवक्ता मोहम्मद मोबिन ने कहा कि जनपद में दीवानी कचहरी स्थापित हुए ग्यारह वर्ष हो चुके हैं। अपने नये भवन में स्थापित हुए भी लगभग तीन साल से अधिक का समय हो गया है। बावजूद इसके अधिवक्ताओं की मूलभूत समस्याएं ज्यों की त्यों ही बनी हैं।
अधिवक्ता विद्यानंद ने कहा कि कचहरी परिसर में जलजमाव का आलम यह है कि हम अधिवक्ताओं के बैठने के स्थान पर जगह-जगह पानी लगा है। जलजमाव की शिकायत पर नगरपालिका ने जलनिकासी के लिए जेसीबी से दो बड़े गढ्ढे खोलकर नाला बनाया, जिसका परिणाम यह हुआ कि फरियादी उसमें गिरकर चोटहिल होने लगे। अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि न्याय प्रशासन की उदासीनता के चलते फरियादी समेत अधिवक्ताओं को भी भारी दुर्दशा का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट में जाने के लिए अधिवक्ताओं के आवागमन का कोई प्रबंध नही है।
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बीते जनवरी में एक पत्र सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखकर कचहरी की समस्याओं का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई के लिए आग्रह किया था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका के रूप में दर्ज भी कर लिया। जिला जज से शुक्रवार को मिलकर एक बार फिर जलनिकासी की बात की गई है, जिस पर उन्होंने आश्वासन भी दिया है।
कृष्ण मोहन मिश्र, कार्यवाहक अध्यक्ष, जनपद बार एसोसिएशन।