कोरोना वायरस को मात दे चुके लोगों पर अब वायरल फीवर का हमला
उमस भरी गर्मी के बीच अचानक बारिश शुरू होने से हर साल वायरल फीवर के मामले बढ़ते हैं लेकिन इस बार का वायरल फीवर अलग है। बुखार सिर दर्द के साथ ही नाक से पानी गिरने का नया लक्षण सामने आ रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के तारामंडल निवासी रामेंद्र दुबे का फेफड़ा कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गया था। घर पर ही इलाज और एहतियात बरत कर वह ठीक तो हो गए थे लेकिन मौसम बदला तो वायरल फीवर की चपेट में आ गए। बुखार और सिर दर्द के अलावा उनकी नाक से पानी टपक रहा है। डाक्टरों का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट में भी नाक से पानी टपकने लगता है। राहत की बात यह है कि रामेंद्र की कोरोना की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच रिपार्ट निगेटिव आयी है। फिर भी उन्हें एंटीबायोटिक दी जा रही है। रामेंद्र ऐसे अकेले नहीं हैं, उनके जैसे कई अन्य मरीजों में यह लक्षण मिल रहा है।
उमस भरी गर्मी के बीच अचानक बारिश शुरू होने से हर साल वायरल फीवर के मामले बढ़ते हैं लेकिन इस बार का वायरल फीवर अलग है। बुखार, सिर दर्द के साथ ही नाक से पानी गिरने का नया लक्षण सामने आ रहा है।
ओपीडी में आ रहे मरीज
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बाबा राघवदास मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मेडिसिन ओपीडी में आने वाले मरीजों में तकरीबन 10 फीसद वायरल फीवर से पीडि़त मिल रहे हैं। प्राइवेट डाक्टरों की क्लीनिक में रोजाना आठ से 10 मरीज वायरल फीवर के लक्षण वाले पहुंच रहे हैं।
ओपीडी में ऐसे आ रहे मरीज
तिथि एम्स बीआरडी जिला अस्पताल
एक जुलाई 1062 839 860
दो जुलाई 1004 892 1084
तीन जुलाई 715 549 789
पांच जुलाई 1240 1143 1294
छह जुलाई 1200 1086 1210
सात जुलाई 1238 954 1102
आठ जुलाई 989 441 572
नौ जुलाई 1280 1001 1212
दस जुलाई 971 817 647
शुगर, ब्लड प्रेशर वालों पर ज्यादा खतरा
पहले से शुगर, ब्लड प्रेशर या हृदय की बीमारियों से पीडि़त पोस्ट कोविड मरीजों में वायरल फीवर का खतरा ज्यादा है। अचानक बुखार के साथ खांसी आनी शुरू हो जा रही है। कोरोना संक्रमण में फेफड़े पहले से ही सिकुड़े हैं, ऊपर से वायरल फीवर के साथ खांसी से सांस फूलने की भी समस्या सामने आ रही है। एक ही परिवार के कई लोग पीडि़त हो रहे हैं। कमजोरी भी पहले की तुलना में ज्यादा लग रही है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं। पोस्ट कोविड मरीजों में ज्यादा दिक्कत देखने को मिल रही है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खानपान दुरुस्त करने की सलाह दी जा रही है। साथ ही एंटीबायोटिक भी चलानी पड़ रही है। - डा. बीके सुमन, वरिष्ठ फिजीशियन, जिला अस्पताल।
वायरल फीवर हर साल इस मौसम में होता है लेकिन पिछले वर्षों की तुलना में यह ठीक होने में ज्यादा समय ले रहा है। सबसे खास बात यह है कि ज्यादातर मरीजों की नाक से पानी टपक रहा है। कोविड प्रोटोकाल का पालन न करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। - डा. अखिलेश सिंह, वरिष्ठ फिजीशियन।
वायरल फीवर वाले मरीजों के गले में दर्द के मामले भी सामने आ रहे हैं। पोस्ट कोविड मरीज वायरल फीवर से पीडि़त हो रहे हैं तो कमजोरी के साथ सांस भी फूल रही है। एक परिवार में किसी को वायरल फीवर हो रहा है तो कई लोग पीडि़त हो रहे हैं। बचाव बहुत जरूरी है। - डा. वीएन अग्रवाल, वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन।