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बांध की सुरक्षा को लेकर अधिकारी लापरवाह

सरयू नदी में समाकर छह गांवों का अस्तित्व हो चुका है खत्म

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 06:57 PM (IST)
बांध की सुरक्षा को लेकर अधिकारी लापरवाह
बांध की सुरक्षा को लेकर अधिकारी लापरवाह

संतकबीर नगर: 32 किमी लंबे बहराडाड़ी-मकदूमपुर (एमबीडी) बांध पर सरयू नदी की बाढ़ से तहसील क्षेत्र के दोआबा निवासियों की सुरक्षा निहित है। हाल है कि नदी की कटान को लेकर वर्ष के छह माह से अधिक समय तक लोग परेशान रहते हैं। नदी में एक के बाद एक करके गांव समाते जा रहे हैं और बांध को मजबूत करने के लिए अधिकारी हर वर्ष बारिश शुरू होने के बाद जागते हैं।

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एमबीडी बांध पर तुर्कवलिया में वर्ष 2013 से लगातार सरयू की कटान जारी है। हर वर्ष कटान को रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। समय रहते प्रयास आरंभ नहीं किए जाने से बारिश आरंभ होने के बाद बुरा हाल होता है। नदी और बांध के बीच बसे गांव के लोग पशुओं और परिवार के साथ नदी की उफान के बाद ही बांध पर शरण लेने को विवश होते हैं। मानसून आने का समय लगभग एक माह बचा है परंतु बांध और कटान स्थल पर कार्य ठप पड़े हैं। जिम्मेदारों की शिथिलता से इस बार भी लोग पहले जैसा हाल होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इस वर्ष लगभग आठ करोड़ की लागत से कटान स्थल पर कटर, बोल्डर पिचिग करवाने की अनुमति शासन स्तर से मिलने के बाद 16 अप्रैल से कार्य आरंभ करवाया गया। अभी आधा कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। ग्रामीण राम निवास, भगवानदास, वीरेंद्र, सुरेश,जयराम आदि ने कहा कि हर वर्ष विभाग करोड़ों रुपये की सामग्री बाढ़ के समय में नदी के पानी में डाली जाती है। यदि समय रहते इसी धन से बांध को मजबूत करवा दिया जाता तो फिर कोई समस्या ही नहीं रहती। क्षेत्र के भिखारीपुर, मल्लूपुरवा, सोखापुरवा समेत छह गांव नदी की कटान से अस्तित्व खो चुके हैं। इसके बाद भी बांध की देखरेख के लिए नामित महकमा अपनी साल दर साल पुरानी कार्यशैली पर ही कार्य कर रहा है। हर बार बारिश का समय नजदीक आने पर कार्य आरंभ होता है, वहीं हाल इस बार भी है। बांध को मजबूत करने का कार्य योजनाबद्ध रूप से किया जा रहा है। समय रहते कार्य को पूरा कर दिया जाएगा। विभाग बाढ़ और कटान रोकने के लिए तैयारी पूरी कर चुका है। लोग परेशान न रहें, इस बार कहीं से कोई समस्या नहीं आने पाएगी।

सतीश चंद्र, सहायक अभियंता, बाढ़ खंड


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