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दूषित जल पीने को मजबूर मठिया माफी के ग्रामीण, मोटर खराब होने के बाद बढ़ गई समस्या Gorakhpur News

नीर निर्मल परियोजना से आच्छादित कुशीनगर जिले के दुदही विकास खंड के गांव मठिया माफी में जिम्मेदारों की लापरवाही से ग्रामीणों को पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है। पाइप जाम होने व मोटर खराब होने के चलते आपूर्ति ठप है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 05:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 05:55 PM (IST)
मठिया माफी गांव में स्थापित ओवरहेड टैंक।

गोरखपुर, जेएनएन : नीर निर्मल परियोजना से आच्छादित कुशीनगर जिले के दुदही विकास खंड के गांव मठिया माफी में जिम्मेदारों की लापरवाही से ग्रामीणों को पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है। पाइप जाम होने व मोटर खराब होने के चलते आपूर्ति ठप है और ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। देखरेख के अभाव में परिसर चारागाह बना हुआ है। ग्रामीणों ने शीघ्र आपूर्ति बहाल किए जाने की मांग की है।

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एक करोड़ रुपये से शुरू हुआ था कार्य

एक करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2013 में गांव में ओवरहेड टैंक व अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ। 2014 के उत्तरार्ध में कार्य पूरा हुआ और लगभग 300 से अधिक घरों को कनेक्शन दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि घरों के सामने तथा सार्वजनिक स्थानों पर टोंटी लगाकर जलापूर्ति शुरू कर दी गई। लगभग एक साल तक आपूर्ति होती रही मगर जगह-जगह पाइप फट जाने तथा मोटर खराब होने के कारण जब आपूर्ति बाधित हुई तो फिर किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

नियमानुसार नहीं हुआ कनेक्शन

कनेक्शन घरों तक पहुंचाने का नियम है, जिसके लिए आठ मीटर पाइप लगाने का प्रावधान है। ग्रामीणों का आरोप है कि मेन लाइन से महज एक मीटर पाइप जोड़कर सिर्फ दरवाजे तक कनेक्शन दिया गया है। कई कनेक्शनधारियों के यहां न तो जीआइ पाइप लगी और नही स्टैंड पोस्ट बना है।

आपरेटर को विगत पांच साल से नहीं मिला मानदेय

आपरेटर हरिलाल ने बताया कि विभाग ने दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर उन्हें रखा गया था, लेकिन विगत पांच साल से मानदेय नहीं मिला है। न ही कोई जिम्मेदार पूछने ही आता है।

ग्राम सभा को सुपुर्द है ओवरहेड टैंक

ओवरहेड टैंक निर्माण और ट्रायल के बाद ग्राम सभा को सुपुर्द कर दिया गया है। प्रधान शांति देवी ने बताया कि आपूर्ति न होने की जानकारी विभागीय अधिकारियों को दे चुकी हूं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई  कदम नहीं उठाया जा सका है।

मेंटीनेंस के लिए नहीं है कोई मद

जेई रितेश यादव ने बताया कि मेंटीनेंस के लिए कोई सरकारी मद नहीं है। बिल की वसूली से मेंटीनेंस व आपरेटर को मानदेय मुहैया कराया जाता है। ग्राम सभा को सुपुर्द करने के बाद मेंटीनेंस की जिम्मेदारी ग्राम सभा की है। अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि आई दिक्कतों को दूर कर शीघ्र आपूर्ति शुरू कराई जाएगी।


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