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सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर ट्रेन में चोरी करने वाला शातिर गिरफ्तार

सर्विलांस की मदद से छानबीन में जुटी आरपीएफ व जीआरपी ने सीआरपीएफ की वर्दी पहने युवक को गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर दबोच लिया। पूछताछ में उसकी पहचान बलिया चितबड़ागांव के महरेव निवासी अरविंद तिवारी उर्फ भोला के रूप में हुई।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:21 PM (IST)
गिरफ्तार किया गया रविंद तिवारी उर्फ भोला।

गोरखपुर, जेएनएन। सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर ट्रेन में चोरी करने वाले जालसाज को आरपीएफ व जीआरपी की टीम ने शुक्रवार की सुबह रेलवे स्‍टेशन पर गिरफ्तार किया। बलिया का रहने वाला आरोपी वर्दी पहनकर ट्रेन में सफर करता था। यात्रियों से दोस्‍ती करने के बाद उनका सामान चोरी करके ट्रेन से उतर जाता था। आरोपित के कब्‍जे से मुजफ्फरपुर के रहने वाले यात्री का चोरी हुआ सामान, रुपये, मोबाइल व फर्जी आधार कार्ड मिला।

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इन्‍होंने की थी शिकायत

मुजफ्फरपुर (बिहार), मोतीपुर के ब्रह्मपुर, रामपुर उगन निवासी मोहम्‍मद फैजल लुधियाना में रहते हैं। 29 सितंबर को सप्‍तक्रांति एक्‍सप्रेस से वह मुजफ्फरपुर लौट रहे थे। ट्रेन के कोच संख्‍या एस- 9 में सीट नंबर 20 पर बैठे थे। लखनऊ व गोरखपुर के बीच में सीआरपीएफ की वर्दी पहने एक युवक फैजल के पास पहुंचा। जम्‍मू में तैनात होने की जानकारी देते हुए घर पर बात करने के लिए उनसे मोबाइल मांगा। एक नंबर पर फोन करने के बाद मोबाइल लौटा दिया और बगल की सीट पर बैठ गया। सैनिक होने के अंदेशा में सहानुभूति दिखाते हुए फैजल ने कुछ नहीं बोला। 30 सितंबर की भोर में ट्रेन गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर पहुंची। फैजल की नींद खुली तो उनका बैग व मोबाइल गायब था। बगल की सीट पर बैठा युवक भी नहीं था। कंट्रोल रूम में सूचना देकर उन्‍होंने बताया कि बैग में 50 हजार रुपये नकद, दो लाख के गहने व 25 हजार रुपये कीमत का एक मोबाइल था। मुजफ्फरपुर पहुंचने पर फैजल ने अज्ञात के खिलाफ चोरी का मुकदमा चोरी का दर्ज कराया। बाद में मुकदमा ट्रांसफर होकर गोरखपुर जीआरपी थाने चला आया।

गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर दबोचा गया जालसाज

सर्विलांस की मदद से छानबीन में जुटी आरपीएफ व जीआरपी ने सीआरपीएफ की वर्दी पहने युवक को गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर दबोच लिया। पूछताछ में उसकी पहचान बलिया, चितबड़ागांव के महरेव निवासी अरविंद तिवारी उर्फ भोला के रूप में हुई। तलाशी लेने पर उसके पास से चोरी के दो मोबाइल, चार हजार रुपये व उसकी फोटो वाला तीन आधार कार्ड मिला जिस पर अलग- अलग नाम, पता व जाति लिखा था। चोरी के मामले में फर्जी दस्‍तावेज तैयार कर जालसाजी करने की धारा बढ़ाकर जीआरपी ने शुक्रवार की शाम कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।

वर्दी में टिक - टाक व स्‍नैकचैट पर बनाता था वीडियो

पकड़े गए जालसाज ने सीआरपीएफ की वर्दी में टिक-टाक व स्‍नैकचैट पर वीडियो बनाकर शेयर करता था। सोशल मीडिया पर उसके एक हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं। वर्दी पहनकर कर ट्रेन से लंबी यात्रा करने वाला जालसाज यात्रियों से घुलमिल कर उनका सामान चोरी कर लेता था। सप्‍तक्रांति एक्‍सप्रेस में चोरी करने के बाद अरविंद सिवान, छपरा, आरा, दिल्ली , पुणे, मुम्बई, जालंधर की यात्रा कर चुका है। चोरी करने से पहले लखनऊ में रहने वाले सीआरपीएफ के एएसआइ के घर उसकी ही जाती व गांव का रहने वाला बताकर तीन दिन रुका था। कैसरबाग में रहने वाले रहने वाले एक फल बिक्रेता को उसने चोरी का मोबाइल बेचा था।


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