सीखने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग जरूरी Gorakhpur News
सेंट एंड्रयूज कालेज के भौतिकी विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कई विशेषज्ञों ने भाग लिया और लोगों को नई जानकारी दी।
गोरखपुर, जेएनएन। कोविड -19 के इस कठिन दौर में सबको एक साथ लेकर सीखने की प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग जरूरी है। इसके जरिये शिक्षा व शोध कार्य को आगे ले जाया जा सकता है। जब जब हम आधुनिक तकनीक का उपयोग नहीं करेंगे, आगे बढ़ने में परेशानी ही होगी। यह बातें सेंट एंड्रयूज कालेज के प्राचार्य प्रो.जेके लाल ने कही। वह सेंट एंड्रयूज कालेज के भौतिकी विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कई विशेषज्ञों ने भाग लिया और जानकारी से लोगों को परिचित कराया।
नैनोटोक्नोलॉजी से ही नैनो युग की शुरूआत संभव
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय , बरेली के पूर्व कुलपति प्रो.मुशाहीद हुसैन ने कहा कि नैनोटोक्नालॉजी से ही मानवता का विकास व भविष्य में नैनो युग की शुरूआत संभव है। गोरखपुर विवि के अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. सुग्रीव नाथ तिवारी ने कहा कि लिक्विड क्रिस्टल का उपयोग डिस्पले डिवाइसेज, हाइड्रोलिक क्लच और ब्रेक थर्मोमीटरस आदि में किया जाता है।
सौर ऊर्जा से ही ऊर्जा की कमी समाप्त संभव
साऊथ कोरिया के प्रो.एम शहीर अख्तर ने कहा कि आज का युग सौर ऊर्जा का है। सौर ऊर्जा से ही ऊर्जा की कमी को समाप्त किया जा सकता है। अमेठी विश्वविद्यालय नोएडा के डॉ.अवशीश कुमार ने कहा कि कार्बन वेस नैनो मटेरियल का उपयोग मानव जाति की भलाई के लिए सेंसर, ऊर्जा नियंत्रक, पेंट व मेडिकल उपकरणों में किया जा रहा है।
वेबिनार में जर्मनी और यूएसए के भी विशेषज्ञों ने भी लिया हिस्सा
वेबिनार को जर्मनी के प्रो. सऊद बिन अजूज, यूएसए के डॉ.ल्यूडमिला ब्रोंस्टीन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रो. लोकेंद्र कुमार, जामिया मिलिया इस्लामियां नई दिल्ली की डॉ.समीना हुसैन, एनआइटी पटना के डॉ.नीरज शुक्ला ने भी संबोधित किया। सचिव डॉ.शमशाद अहमद खान ने वेबिनार के बारे में जानकारी दी। प्रथम सत्र का संचालन प्रो. शांतनु रस्तोगी ने किया। वेबिनार के संयोजक डॉ.एके निषाद व सह-संयोजक डॉ.हरिओम गुप्ता ने आभार ज्ञापित किया।