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गांव की सरकार बनाने में निर्णायक रहे शहरी, ऐसे दिया अपना योगदान Gorakhpur News

प्रत्याशियों ने अपने चुनाव चिह्र का नमूना पत्र भी शहर में रहने वाले मतदाताओं के पास भेज दिया था। उन्हें लगातार मतदान के लिए प्रेरित भी करते रहे। कोई संबंधों का हवाला देकर वोट मांगता रहा तो कोई गांव के विकास के लिए मौका देने का अनुरोध करता रहा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 11:30 AM (IST)
संतकबीर नगर के एक बूथ पर मतदाताओं की लगी लंबी लाइन। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। गांव की सरकार बनाने में शहरियों ने भी भागीदारी निभायी। पंचायत चुनाव में मतदान के लिए सुबह से ही गांव से शहर तक भागदौड़ मची रही। कई प्रत्याशियों ने शहर में वाहन भेज मतदाताओं को बुलाया तो कई मतदाता खुद अपने साधनों से गांव में पहुंचे। गर्मी के बीच शहर से गांव जाने और वापस आने का सिलसिला शाम तक जारी रहा।

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मतदान के लिए हजारों नागरिक सुबह ही रवाना हुए गांव

ग्रामीण क्षेत्र से सीधे ताल्लुकात रखने वाले हजारों परिवार शहर में रहते हैं। बड़हलगंज, गोला बाजार, उरुवा, बेलघाट, कौड़ीराम, सिकरीगंज, खजनी, बासगांव, माल्हनपार, भटहट, मानीराम, कालेसर आदि गांवों के लोग शहर में या तो मकान बनवाकर रहते हैं या किराए के कमरे में। पंचायत चुनाव के आहट के साथ ही प्रत्याशियों ने शहर में रह रहे गांव के नागरिकों से मेल-मुलाकात बढ़ा दी थी। आरक्षण की तस्वीर साफ हुई तो संपर्क का क्रम तेज हो गया। प्रत्याशियों ने शहर में रहने वाले सभी मतदाताओं को मतदान जरूर करने की अपील करनी शुरू कर दी।

भेजा था नमूना पत्र

प्रत्याशियों ने अपने चुनाव चिह्र का नमूना पत्र भी शहर में रहने वाले मतदाताओं के पास भेज दिया था। उन्हें लगातार मतदान के लिए प्रेरित भी करते रहे। कोई संबंधों का हवाला देकर वोट मांगता रहा तो कोई गांव के विकास के लिए एक बार मौका देने का अनुरोध करता रहा।

महिलाओं को भी दी गई थी जिम्मेदारी

प्रत्याशियों ने परिवार की महिलाओं को शहर में रहने वाली मतदाताओं से बात करने की जिम्मेदारी दी थी। प्रत्याशियों के साथ ही उनके परिवार की महिलाएं मतदाताओं के संपर्क में रहकर गांव आने के लिए व्यवस्था करने की बात करती रहीं। मतदाता पहुंचे तो प्रत्याशियों ने राहत की सांस ली।

सुबह ही पहुंच गया गांव

बेलघाट के मूल निवासी सोनू मिश्र शहर में मकान बनवाकर रहते हैं। वह एक कंपनी में काम करते हैं। बताते हैं कि गांव से प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का लगातार फोन आता रहा। कोरोना की वजह से घर से निकलने में डर लग रहा था लेकिन गांव से जुड़ाव और प्रत्याशियों के लगातार फोन आने से मतदान के लिए गया। मतदान करने के बाद गांव के लोगों से मिलकर तत्काल वापस लौट आया। रामगढ़ताल निवासी भानु प्रताप सिंह परिवार के साथ वोट डालने दोपहर में गांव रवाना हुए। भानु प्रताप ने कहा कि गांव के रहने वाले हैं तो वहां मतदान जरूर करेंगे। दोपहर में मतदान केंद्रों पर भीड़ कम होती है इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए वोट देने गए।


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