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Good News: गोरखपुर में खुलेगी उत्तर प्रदेश की पहली रीजनल फिल्म सिटी, GDA ने मांगी 100 एकड़ जमीन

गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी बनने से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए जीडीए ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर जमीन की मांग की है। जमीन गोरखपुर- वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ताल नदौर में मिलने की संभावना है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sun, 27 Nov 2022 01:25 PM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 01:25 PM (IST)
गोरखपुर में खुलेगी रीजनल फिल्म सिटी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, उमेश पाठक। कला, संस्कृति के विकास के साथ ही रोजगार को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर में उत्तर प्रदेश की पहली रीजनल फिल्म सिटी खोली जाएगी। इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने जिला प्रशासन से 100 एकड़ जमीन मांगी है। उम्मीद जताई जा रही है कि गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ताल नदौर में जमीन की तलाश पूरी हो सकती है। इस फिल्म सिटी को रीजनल गोरखपुर फिल्म सिटी नाम दिया जाएगा। लगभग 100 करोड़ रुपये निवेश की बात भी हो चुकी है।

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ऐतिहासिक रूप से अग्रणी रहा है गोरखपुर परिक्षेत्र

हाल के दिनों में रीजनल सिनेमा ने काफी प्रगति की है। गोरखपुर परिक्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कला, संस्कृति एवं सिनेमा जगत में अग्रणी रहा है। यह क्षेत्र भोजपुरी सिनेमा एवं नेपाली सिनेमा का हब है। अनुमान के मुताबिक भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दो हजार करोड़ रुपये से ऊपर का उद्योग बन चुका है। भोजपुरी के साथ ही प्रदेश में आने वाले दिनों में अवध, बुंदेलखंडी, बृज व अन्य क्षेत्रीय सिनेमा के उभरने की संभावना है। ऐसे में गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी की स्थापना से इन संभावनाओं को बल मिलेगा। ताल नदौर में करीब 500 एकड़ सरकारी जमीन है, इसमें से 100 एकड़ फिल्म सिटी के लिए दी जा सकती है।

हो चुका है जमीन का निरीक्षण

रीजनल फिल्म सिटी को लेकर जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर, सचिव उदय प्रताप सिंह मुंबई से आए सिनेमा जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ ताल नदौर का दौरा कर चुके हैं। यहां कनेक्टिविटी काफी अच्छी है। गोरखपुर एवं कुशीनगर एयरपोर्ट से भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकेगा। नोएडा में प्रस्तावित फिल्म सिटी के बाद गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी खुलने से सिनेमा को काफी आगे ले जाया जा सकेगा। जल्द ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार हो जाएगी।

ये होंगी सुविधाएं

  • अलग-अलग तरह के सेट बनाए जाएंगे, जहां आकर फिल्मों की शूटिंग की जा सकेगी। सेट को अपने हिसाब से बदला भी जा सकेगा। निदेशकों को अलग-अलग तरह के दृश्यों के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। एक जगह ही उन्हें सारी सुविधा मिल जाएगी।
  • फिल्म की शूटिंग से लेकर आन स्क्रीन करने के बीच कई तरह के कार्य होते हैं। ये सभी कार्य फिल्म सिटी में ही किए जा सकेंगे।
  • बड़े ओटीटी प्लेटफार्म के साथ समझौता किया जाएगा। जिससे वे अपने सेट भी यहां तैयार करेंगे। इसका लाभ दूसरे निदेशकों को भी मिलेगा।
  • फिल्म निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 90 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं, जो पर्दे के पीछे रहते हैं। गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ये लोग विभिन्न फिल्म इंडस्ट्री में सेवा दे रहे हैं। अब उन्हें घर के पास ही रोजगार मिलेगा।
  • सिनेमा जगत से जुड़कर रोजगार पाए ऐसे लोगों के लिए फिल्म सिटी में कम मूल्य के आवास भी बनाए जाएंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी

जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि कला, संस्कृति को बढ़ावा देने एवं रोजगार के अवसर पैदा करने में रीजनल फिल्म सिटी काफी कारगर होगी। यहां इसकी काफी संभावनाएं हैं। जीडीए ने इसके लिए प्रशासन से जमीन मांगी है। जमीन मिलते ही एक अच्छी रीजनल फिल्म सिटी विकसित की जाएगी। इससे क्षेत्रीय सिनेमा में बड़ा बदलाव आएगा।


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