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UP: डिप्टी सीएम डाॅ दिनेश शर्मा ने स्कूल फीस में रियायत से किया इन्कार, कहा- यह संभव नहीं

यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने निजी स्कूलों में किसी तरह की फीस मे रियायत से इंकार किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 08:36 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 08:20 AM (IST)
UP: डिप्टी सीएम डाॅ दिनेश शर्मा ने स्कूल फीस में रियायत से किया इन्कार, कहा- यह संभव नहीं
UP: डिप्टी सीएम डाॅ दिनेश शर्मा ने स्कूल फीस में रियायत से किया इन्कार, कहा- यह संभव नहीं

गोरखपुर , जेएनएनप्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने गोरखपुर के नगर विधायक डाॅ। राधा मोहन दास अग्रवाल को बताया कि स्कूलों की फीस माफ किया जाना या कम किया जाना संभव नहीं है। 

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मंत्री ने ये बातें तब कहीं जब नगर विधायक ने उन्हें टेलीफ़ोन पर बात की। इसके पूर्व गोरखपुर पैरेंट्स एशोसियेशन की ओर से नागरिकों ने नगर विधायक से मुलाकात कर माध्यमिक शिक्षा मंत्री तक उनकी बात पंहुचना का अनुरोध किया था।

नगर विधायक ने उप-मुख्यमंत्री को बताया कि पैरेंट्स का कहना है कि 4 महीने से सारे स्कूल बंद हैं और आगे भी खुलने की संभावना नहीं है। सिर्फ आनलाइन शिक्षा की औपचारिकता पूरी की जा रही है। बच्चों तथा अभिवावकों को इससे बहुत परेशानी हो रही है और बच्चों को कोई विशेष शिक्षा भी नहीं मिल रही है। जबरन तीन महीने की एडवांस फीस और वार्षिक फीस जमा कराई जा रही है। कम से कम आनलाइन शिक्षा के दौरान फीस तो कम की ही जानी चाहिए। 

उप-मुख्यमंत्री ने सारी बातें सुनने के बाद नगर विधायक को बताया कि सरकार ने पैरेंट्स को तीन सुविधाएं पहले ही दी हैं। पहली, सभी स्कूलों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि इस साल फीस में कोई वृद्धि नहीं की जायेगी। दूसरी, सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी विद्यालय, यदि पिछला बकाया नहीं है तो सिर्फ एक माह की फीस लेंगे। एक साथ तीन महीने की एकमुश्त फीस नहीं ली जायेगी। अगर किसी अभिवावकों को एक महीने की फीस देने में भी दिक्कत हो तो वे निजी रूप से स्कूल में अप्लिकेशन देकर फीस स्थगित करा सकेंगे और तीसरे परिवहन शुल्क नहीं लिया जायेगा। 

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने अंत में यह भी कहा कि फीस को पूरी तरह से माफ करना अथवा कम ही करना, व्यवहारिक रूप से सम्भव नहीं है, क्योंकि विद्यालय के स्थाई खर्च होते है, जिसे फीस लिये बिना पूरा करना संभव नहीं है। 

नगर विधायक डाॅ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने नागरिकों की परेशानियों से मंत्री को अवगत करा दिया है। इस संदर्भ में निर्णय लेने का अधिकार किसी विधायक के हाथ में नहीं होता है। सरकार को ही निर्णय लेना होता है। अगर कोई विद्यालय अभिवावकों को उक्त तीनों आदेशों की अवहेलना कर रहे हों और जिला विद्यालय निरीक्षक या बेसिक शिक्षा अधिकारी का नागरिकों को सहयोग नहीं मिल रहा हो तो वे लिखित शिकायत लेकर उन्हें मिलें, वे तीनों आदेशों का अनुपालन करवाएंगे।


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