किसानों को व्यावसायिकता सिखाएगा विश्वविद्यालय, महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र से करार Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने पूर्वांचल के किसानों को व्यवसायिकता सिखाने की योजना बनाई है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र से करार किया है और वहां के वैज्ञानिकों को इसे लेकर किसानों को प्रशिक्षित करने करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने पूर्वांचल के किसानों को व्यवसायिकता सिखाने की योजना बनाई है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र से करार किया है और वहां के वैज्ञानिकों को इसे लेकर किसानों को प्रशिक्षित करने करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए फार्मर प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) बनाया है और उससे किसानों को जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। आर्गेनाइजेशन में किसानों को संगठित होकर खेती करने और अपने उत्पादन का उचित मूल्य प्राप्त करने का तरीका बताया जाएगा।
हर वैज्ञानिक की तय की गई है जिम्मेदारी
हर वैज्ञानिक की जिम्मेदारी तय की गई है कि वह इसके लिए कम से कम 100-100 किसानों को खुद से जोड़कर, उनका पूरा डाटा तैयार करें। डाटा तैयार करने के दौरान इसका भी आकलन करें कि इसका लाभ कितने और किसानों को मिल सकेगा। करार के मुताबिक फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) कंपनियों को पूर्ण विकसित कंपनियों के रूप में तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालय का बिजनेस इनक्यूबेटर सेल इस कार्य में वैज्ञानिकों और किसानों की मदद करेगा। ये एफपीओ कंपनियां बीज उत्पादन, मत्स्य व पशुपालन, जैव-उर्वरक, गुड़ उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन पर कार्य करेंगी। करार के अनुसार विश्वविद्यालय इसे स्टार्टअप के तौर पर शुरू करने के लिए कार्यालय, स्थान और बुनियादी सहायता प्रदान करेगा। विकसित होने पर उन्हें दूसरी जगह पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
जल्द आयोजित की जाएगी वर्कशाप
योजना के सफल कार्यान्वयन को एफपीओ से जुड़े महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और किसानों के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से जल्द एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें किसानों को संगठित रूप से खाद-बीज की खरीद और बिक्री के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यशाला से कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाली बड़ी कंपनियों के विशेषज्ञों को भी आनलाइन या आफलाइन मोड में जोड़ा जाएगा।
किसानों को लाभ दिलाने की दिशा में बनाई गई ठोस योजना
दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से अपने उत्पाद का ज्यादा से ज्यादा लाभ किसानों को दिलाने की दिशा में ठोस योजना बनाई गई है। महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र को एक माडल कृषि विज्ञान केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना है, जिससे दूसरे कृषि विज्ञान केंद्र के लोग भी इससे जुड़े और योजना का लाभ उठा सकें।
सीबीसीएस पद्धति पर तैयार करें बीएड और एमएड के पाठ्यक्रम
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय का कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संकाय भवन में मौजूद संसाधनों की जानकारी ली और पाठ्यक्रम में सुधार को लेकर कई जरूरी निर्देश दिए। कुलपति ने संकाय के शिक्षकों से कहा कि वह बीएड और एमएड के पाठ्यक्रम को सीबीसीएस (वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के अनुरूप तैयार करें।
प्रयोग और प्रोजेक्ट की प्रगति पूछी
उन्होंने विभाग के टाइम टेबल, शिक्षकों की ओर से किए जा रहे प्रयोग और प्रोजेक्ट की प्रगति पूछी और उसे बेहतर बनाने का सुझाव दिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भवन में साफ-सफाई और खस्ताहाल शौचालय पर असंतोष जताया। शिक्षकों ने जब इसके लिए पर्याप्त सफाई कर्मचारी के न होने की वजह बताई तो कुलपति ने उन्हें समस्या के समाधान के लिए आश्वस्त किया। इस दौरान संकायाध्यक्ष प्रो. एनपी भोक्ता, प्रो. सुषमा पांडेय, प्रो. शोभा गौड़ आदि मौजूद रहे। इससे पहले कुलपति शिक्षा संकाय परिसर में ही मौजूद एनसीसी भवन में पहुंचे। वहां 44 यूपी बटालियन के कमांडिंग आफिसर कर्नल इंद्रजीत घोषाल ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने जर्जर भवन की मरम्मत का प्रस्ताव रखा। कुलपति ने अभियंता को मरम्मत का प्रस्ताव तैयार करने का तत्काल निर्देश दिया।