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Gorakhpur University: शिक्षक संघ का चुनाव कराने की मांग, कुलपति को लिखा पत्र

उन्होंने कुलपति को बताया है कि पिछला चुनाव 2017 में हुआ था जिसके तहत गठित कार्यकारिणी 31 जुलाई 2018 को भंग हो चुकी है। नियम के मुताबिक चुनाव के जरिये शिक्षक संघ की कार्यकारिणी एक वर्ष तक के लिए ही गठित की जाती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 04:39 PM (IST)
Gorakhpur University: शिक्षक संघ का चुनाव कराने की मांग, कुलपति को लिखा पत्र
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय भवन के गेट का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। नए कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ चुनाव की मांग तेज हो गई है। संघ के निवर्तमान महामंत्री प्रो. उमेश यादव ने कुलपति को इस बाबत पत्र लिखा है। उन्होंने शिक्षक हित प्रभावित होने का हवाला देते हुए जल्द चुनाव प्रक्रिया शुरू कराने की अपील की है।

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दो वर्ष से कोई कार्यकारिणी सक्रिय नहीं

पत्र में उन्होंने कुलपति को बताया है कि पिछला चुनाव 2017 में हुआ था, जिसके तहत गठित कार्यकारिणी 31 जुलाई 2018 को भंग हो चुकी है। नियम के मुताबिक चुनाव के जरिये शिक्षक संघ की कार्यकारिणी एक वर्ष तक के लिए ही गठित की जाती है। ऐसे में बीते दो वर्ष से विश्वविद्यालय में शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाली कोई कार्यकारिणी सक्रिय नहीं है। इससे सीधे तौर पर शिक्षकों का हित प्रभावित हो रहा है।

संघ की स्थिति से कुलपति को कराया अवगत

प्रो. उमेश ने जागरण से बातचीत में बताया कि शिक्षक संघ की वर्तमान स्थिति से कुलपति को अवगत करा दिया गया है। अब अगली कार्यवाही का इंतजार है। इस संबंध में कुलसचिव डा. ओमप्रकाश का कहना है कि शुक्रवार को पत्र के माध्यम से दी गई जानकारी से कुलपति को अवगत कराया गया, जिससे कार्यकारिणी के पुनर्गठन की प्रक्रिया अतिशीघ्र शुरू की जा सके।

दो और स्कूलों को बीएसए की नोटिस

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर ब'चों का प्रवेश लेने में लापरवाही बरतने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने गुरुवार को आरपीएम बक्शीपुर और आदित्य पब्लिक स्कूल खोराबार को भी नोटिस जारी किया है। अभिभावकों ने दोनों ही विद्यालय प्रबंधनों के विरुद्ध बेसिक शिक्षा विभाग में शिकायत की थी। हालांकि आरपीएम की बक्शीपुर शाखा पहले ही बंद हो चुकी है, जबकि आदित्य पब्लिक स्कूल प्रबंधन को जल्द प्रवेश सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई है। बीएसए बीएन ङ्क्षसह ने कहा कि आरटीई के तहत स्कूलों को आर्थिक रूप से कमजोर ब'चों का प्रवेश लेना अनिवार्य है। यदि कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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