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Gorakhpur University: संत विनोबा कालेज के 26 फेल छात्रों को विश्‍वविद्यालय ने किया पास, शिक्षक कटघरे में

छात्रों को पास करने के फैसले को लेकर जहां विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनशीलता की सराहना हो रही है वहीं छात्रों को फेल करने वाले देवरिया के संत विनोबा पीजी कालेज के शिक्षकों को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:34 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 05:19 PM (IST)
Gorakhpur University: संत विनोबा कालेज के 26 फेल छात्रों को विश्‍वविद्यालय ने किया पास, शिक्षक कटघरे में
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के मुख्‍य द्वार का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध देवरिया के संत विनोबा पीजी कालेज के विधि तृतीय वर्ष (पंचम सेमेस्टर) सत्र-2020 के 26 विद्याॢथयों को मौखिकी में औसत अंक देकर पास करने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया है। लिखित परीक्षा में पास इन विद्यार्थियों को मौखिक परीक्षा में फेल कर दिया गया था।

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मामले की जांच के लिए हुआ था कमेटी का गठन

विद्यार्थियों और कालेज प्रशासन की अपील के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में एक जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने इस मामले में सभी विद्यार्थियों को बुलाकर उनका पक्ष लिया और कालेज का मौका मुआयना कर एक रिपोर्ट कुलपति प्रो. राजेश सिंह को सौंपी। कुलपति ने जांच रिपोर्ट को परीक्षा समिति के एजेंडे में शामिल किया। शुक्रवार को कुलपति की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक हुई,  जिसमें विश्वविद्यालय के अध्यादेशों का अवलोकन करने के बाद सभी 26 विद्यार्थियों को 24वें और 25वें क्लीनिकल कोर्स की मौखिकी में मिले नंबरों को मिलाकर औसत अंक देने का निर्णय लिया गया। इन विद्यार्थियों के क्लिनिकल कोर्स-1 (24वां प्रश्नपत्र) और क्लिनिकल कोर्स-2 (25वां प्रश्नपत्र) की मौखिकी में मिले नंबरों में विसंगति मिली थी। इस वजह से उन्हें अनुत्तीर्ण घोषित किया गया था। एक विद्यार्थी को 18 नंबर मिले थे, जबकि 50 नंबर में पास होने के लिए 18 नंबर ही चाहिए थे। इसलिए उसका मामला इसमें शामिल नहीं किया गया।

शिक्षकों की भूमिका पर उठ रहे सवाल

छात्रों को पास करने के फैसले को लेकर जहां विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनशीलता की सराहना हो रही है, वहीं छात्रों को फेल करने वाले शिक्षकों को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं। मौखिक परीक्षा में कई विद्याॢथयों को क्लिनिकल कोर्स-1 में 70 से 80 फीसदी तक नंबर मिले जबकि दूसरे में पासिंग नंबर भी नहीं दिया गया।

बीआरडी के एमबीबीएस छात्रों को मिला कृपांक

परीक्षा समिति की बैठक में बीआरडी मेडिकल कालेज के तीन छात्रों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों के मुताबिक पांच नंबर का कृपांक देकर उत्तीर्ण होने के फैसले पर भी परीक्षा समिति ने मुहर लगाई है। इस संवेदनशील फैसले के लिए कालेज के विद्यार्थियों ने आभार ज्ञापित किया है।


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