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विश्वविद्यालयों में भी अब First, Second की जगह Grading system, इस विश्वविद्यालय ने कर दिया लागू Gorakhpur News

परास्नातक छात्रों को अब अंक नहीं ग्रेड मिलेंगे। चालू सत्र से विश्वविद्यालय परिसर एवं ऐसे महाविद्यालय जहां सेमेस्टर प्रणाली प्रचलित है में सीबीसीएस लागू कर दिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 02:05 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 09:57 AM (IST)
विश्वविद्यालयों में भी अब First, Second की जगह Grading system, इस विश्वविद्यालय ने कर दिया लागू Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परास्नातक छात्रों को अब अंक नहीं ग्रेड मिलेंगे। चालू सत्र से विश्वविद्यालय परिसर एवं ऐसे महाविद्यालय जहां सेमेस्टर प्रणाली प्रचलित है, में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू कर दिया गया है। परास्नातक छात्रों को अब अंक नहीं ग्रेड मिलेंगे। चालू सत्र से विश्वविद्यालय परिसर एवं ऐसे महाविद्यालय जहां सेमेस्टर प्रणाली प्रचलित है, में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू कर दिया गया है। कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि संकायों में अब मूल्यांकन नए पैटर्न से होगा।

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वर्तमान प्रणाली से इतर सीबीसीएस में अंकों के स्थान पर ग्रेड मिलेंगे, कोर्स का विभाजन क्रेडिट में होगा और लिखित परीक्षा के अलावा आंतरिक परीक्षा में होने वाले अभ्यास कार्य, सेमिनार, फील्डवर्क, प्रोजेक्ट वर्क अंतिम रिजल्ट तैयार करने में बड़ी भूमिका में होंगे।

ऐसे होगा परीक्षा/मूल्यांकन

प्राप्तांक -                - सीजीपीए - ग्रेड - अर्थ

90 से अधिक -           - 10- ओ- आउटस्टेंडिंग

80 से अधिक 90 से कम -  9 - ए+- एक्सीलेंट

70 से अधिक 80 से कम - 8- ए- वेरी गुड

60 से अधिक 70 से कम - 7-बी+-गुड

50 से अधिक 60 से कम -6-बी-औसत से अधिक

45 से अधिक 50 से कम -5-सी-औसत

40 से अधिक 45 से कम -4- पी- पास

40 से कम -               0- एफ - फेल

अनुपस्थित -                0-  एबी

एसजीपीए और सीजीपीए

नई प्रणाली में अंकों की जगह ग्रेड मिलेंगे। यह दो तरह के होंगे। पहला एसजीपीए यानी सेमेस्टर ग्रेड प्वाइंट एवरेज। इसकी गणना प्रति सेमेस्टर होगी। अंतिम वर्ष में सभी एसजीपीए के आधार पर सीजीपीए यानी कम्युलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज की गणना होगी। उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 4 सीजीपीए होने जरूरी हैं।

खास बातें

सभी परास्नातक में कुल 100 क्रेडिट होंगे। जो चार सेमेस्टर में समान रूप से विभाजित होकर 25 क्रेडिट प्रति सेमेस्टर होंगे।

प्रत्येक सेमेस्टर में 5-5 प्रश्नपत्र, प्रत्येक प्रश्नपत्र 5 क्रेडिट।

दो तरह के कोर्स होंगे। पहला कोर कोर्स यानी जिस विषय के अध्ययन के लिए दाखिला लिया है। यह अनिवार्य होगा। दूसरा इलेक्टिव कोर्स यानी ऐ'िछक पेपर। इलेक्टिव कोर्स का विकल्प अलग-अलग विभागों में भिन्न-भिन्न होगा। यह अंतरविभागीय अथवा अंतर संकाय हो सकता है।

मौखिकी का अलग से कोई प्रश्नपत्र नहीं होगा। इसकी जगह प्रत्येक प्रश्नपत्र में अभ्यास कार्य, सेमिनार, फील्ड वर्क, प्रोजेक्ट व आंतरिक मूल्यांकन और मौखिकी का प्रावधान होगा।

एक सेमेस्टर में कुल 15-18 सप्ताह की शैक्षिक अवधि होगी।

वाह्य और आंतरिक मूल्यांकन का अनुपात 70:30 होगा।

अलग से कोई मौखिकी अथवा प्रायोगिक परीक्षा नहीं होगी। यह आंतरिक मूल्यांकन का ही एक हिस्सा होगी।

अगली कक्षा में प्रमोट होने के 4 से कम क्रेडिट नहीं होने चाहिए।

विज्ञान संकाय

हर कोर्स 100 क्रेडिट का होगा, जो चार सेमेस्टरों में 25-25 क्रेडिट में बंटा होगा।

प्रत्येक सेमेस्टर में चार प्रश्न पत्र होंगे, 4 क्रेडिट प्रति प्रश्नपत्र), 8 क्रेडिट प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए और एक क्रेडिट सेमिनार/प्रोजेक्ट वर्क के लिए होगा।

प्रत्येक सेमेस्टर 625 अंकों का होगा। इनमें से 400 अंकों की लिखित परीक्षा, 200 अंकों की प्रायोगिक परीक्षा और 25 नंबर सेमिनार, प्रोजेक्ट, उपस्थिति आदि के लिए होंगे। पास होने के लिए अलग-अलग न्यूनतम 36 फीसद अंक जरूरी होंगे।

शिक्षा संकाय

दो साल के कोर्स में कुल 100 क्रेडिट होंगे। जो चार सेमेस्टरों में 25-25 क्रेडिट में बंटा होंगे।

प्रत्येक सेमेस्टर में पांच प्रश्न पत्र होंगे, 5 क्रेडिट प्रति प्रश्नपत्र। पांचवा पेपर कॉप्रिहेंसिव वाइवा का होगा।

प्रत्येक सेमेस्टर में मूल्यांकन 500 अंकों में होना है। हर पेपर में सेमेस्टर परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन 70:30 में बंटा होगा।

पाठ्यक्रम में प्रत्येक प्रश्नपत्र (प्रायोगिक एवं शोध प्रस्ताव लेखन सहित) का पूर्णांक 100 अंक का होगा। प्रत्येक सेमेस्टर में न्यूनतम उत्तीर्णांक पूर्णांक  36 फीसद होगा, लेकिन हर पेपर (प्रायोगिक एवं शोध प्रस्ताव लेखन सहित) में न्यूनतम उत्तीर्णांक पूर्णांक  का 26 फीसद होगा। बाह्य और आंतरिक मूल्यांकन में अलग-अलग उत्तीर्ण करना जरूरी होगा।

विधि संकाय

प्रत्येक सेमेस्टर 16 क्रेडिट का होगा। इस तरह दो वर्ष में कुल 64 क्रेडिट होंगे।

दो वर्ष के चार सेमेस्टरों के दौरान  कुल 64 क्रेडिट में कोर्स बंटा होगा।

एलएलएम में हर सेमेस्टर में इलेक्टिव कोर्स की सुविधा होगी।

वाणिज्य संकाय

एमकॉम के में हर सेमेस्टर में इलेक्टिव कोर्स की सुविधा होगी।

प्रत्येक सेमेस्टर में 5 क्रेडिट प्रति पेपर होगा। जबकि अंकों में प्रत्येक पेपर 100 अंक का होगा। इस तरह एक सेमेस्टर में 500 अंकों के बीच मूल्यांकन होगा।

हर सेमेस्टर में एक पेपर के लिए कम से कम 60 लेक्चर और 30 ट्यूटोरियल होंगे। एक सप्ताह में चार लेक्चर औसतन।

सेमिनार और सेशनल के लिए 10-10 अंक तय होंगे।

एमबीए में 800 अंक प्रति सेमेस्टर पूर्णांक होगा।

एमबीए में अंतर संकाय इलेक्टिव कोर्स की सुविधा है।

गहन विचार-विमर्श के बाद छात्रों के हित में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को विश्वविद्यालय ने अपनाया है। इसे कार्यपरिषद की अनुमति मिल चुकी है। यह सिस्टम छात्रों के लिए अधिक उपयोगी और व्यावहारिक साबित होगा। - प्रो. विजय कृष्ण सिंह, कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय 


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