नाबालिग दृष्टिहीन से दुष्कर्म के जुर्म में दो को दस वर्ष की सजा Gorakhpur News
दृष्टिहीन से दुष्कर्म करने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर दो लोगों को दस-दस वर्ष की सजा सुनाई गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। नाबालिग दिव्यांग (दृष्टिहीन) से दुष्कर्म करने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सत्यानंद उपाध्याय ने गगहा थानाक्षेत्र के भूषण व भगवती को दस- दस वर्ष के कठोर कारावास एवं तीस-तीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को आठ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी रणविजय सिंह व विशेष लोक अभियोजक विजेंद्र सिंह का कहना था कि घटना 26 जून 2014 की शाम 7.30 बजे की है। वादिनी शौच के लिए घर से बाहर गई थी। जब वह वापस घर आई तो देखी कि अभियुक्त भूषण उसके घर में से जा रहा था।
अंदर पहुंचने पर उसके आने की आहट पाकर उसकी नाबालिग लड़की ने उसे रोते हुए बताया कि अभियुक्त भूषण ने उसके साथ दुष्कर्म किया है तथा उसके विरोध करने पर उसे मारा भी है। अभियुक्त के इस कृत्य में भगवती दूबे तथा वादिनी की जेठानी किसमती ने षडय़ंत्र किया है। अभियुक्त किसमती की दौरान विचारण मृत्यु हो गई।