गोरखपुर शहर के दो बड़े डाक्टर भी डेंगू की चपेट में Gorakhpur News
जिन चिकित्सकों में बीमारी सामने आई है उनमें एक वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ जबकि दूसरे बीआरडी मेडिकल कालेज में हड्डी विभाग में हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर शहर में डेंगू का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है। बुधवार को दो चिकित्सकों व एक तारामंडल के युवक में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके अलावा तुर्कमानपुर के पांच लोगों में डेंगू की पुष्टि होने के साथ ही अन्य बीमारों के ब्लड सैंपल की जांच जारी है।
डेंगू की चपेट में आए एक डाक्टर मेडिकल कॉलेज के
जानकारी के मुताबिक जिन चिकित्सकों में बीमारी सामने आई है उनमें एक वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ जबकि दूसरे बीआरडी मेडिकल कालेज में हड्डी विभाग में हैं। लगभग 10 दिन से तुर्कमानपुर मोहल्ले में डेंगू फैला है, इसे स्वास्थ्य विभाग ने भी मान लिया। जागरण में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए सीएमओ ने तुर्कमानपुर मलिन बस्ती व सुल्तान खान मस्जिद के आसपास स्वास्थ्य टीम भेजकर बुखार से पीडि़त मरीजों के ब्लड सैंपल मंगवाए और उनकी जांच कराई। कुल 11 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए जिसमें से पांच लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है।
सीएमओ ने कहा-किसी मरीज को प्लेटलेट्स नहीं चढ़ाना पड़ा
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी का कहना है किसी मरीज को प्लेटलेट्स नहीं चढ़ाना पड़ा, सामान्य इलाज से सभी ठीक हो रहे हैं। तुर्कमानपुर में लगातार टीम जा रही है। जो भी मरीज बुखार से पीडि़त है उसका ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। जब तक आखरी केस मिलता रहेगा, स्वास्थ विभाग की टीम वहां जाती रहेगी। साथ ही वहां नगर निगम एंटी लार्वल का छिड़काव कर रहा है और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहां के लोगों को भी नोटिस दिया गया है कि अपने घर के बाहर पड़े टूटे-फूटे बर्तनों या टायरों में पानी जमा न होने दें। वहां जो जल जमाव पाया गया, उसे ठीक करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी मरीज में डेंगू है या नहीं, इसकी पुष्टि सिर्फ एलाइजा टेस्ट से हो सकती है। रैपिड टेस्ट से यह पता चल सकता है कि अमुक केस संदिग्ध डेंगू है, लेकिन उसे प्रामाणिक नहीं माना जा सकता।