प्रदेश के समस्त जिला अस्पतालों में लगेगी ट्रू-नेट मशीन, दो घंटे में मिलेगा कोरोना का रिजल्ट Gorakhpur News
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश के समस्त जिला अस्पतालों में ट्रू-नेट मशील लगाई जाएगी। इससे कोरोना के बारे में दो घंटे के भीतर ही रिजल्ट मिल जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में ट्रू-नेट मशीन लगाई जाएगी। इससे कोरोना संदिग्धों की त्वरित जांच संभव हो सकेगा। जिला अस्पतालों में ओपीडी संचालित की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों के अस्पतालों का दौरा किया जा रहा है। फिलहाल अभी इमरजेंसी सेवा प्रारंभ है। सामान्य मरीजों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह पहल की है। पहले सीमित ओपीडी संचालित की जाएगी। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराया जाएगा। मास्क लगाना अनिवार्य किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री शनिवार को सिद्धार्थनगर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ट्रू-नेट मशीन में टेस्टिंग के लिए मरीज के मुंह का लार लिया जाएगा। इससे एक से दो घंटे के भीतर रिपोर्ट आ जाएगी। अगर मरीज पॉजिटिव मिलता है तो उसका सैंपल जांच के लिए गोरखपुर मेडिकल कालेज भेजी जाएगी। इससे लाभ यह होगा कि अगर कोई मरीज आता है तो उसकी प्रारंभिक जांच करने के बाद अन्य बीमारियों का उपचार किया जा सकेगा।
आठ मार्च को प्रदेश में मिला था पहला कोरोना मरीज
उन्होंने कहा कि आठ मार्च को प्रदेश में पहला कोरोना का मरीज मिला था। इसके बाद विदेशी पर्यटक के संपर्क में आने से संक्रमित होने वाले मरीजों की पहचान की गई। दूसरे चरण में कोरोना का फैलाव तब्लीगी जमात के जमातियों से हुआ। इसे नियंत्रण में कर लिया गया है। तीसरे चरण में प्रवासी मजदूरों को लाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 1255 ट्रेनों का संचालन हुआ। जिसमें करीब 28 लाख प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटे हैं। इनकी प्रारंभिक जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर इन्हें आइसोलेट व फैसेल्टी क्वारंटाइन कराया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण को लेकर 78 हजार बेड तैयार
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने 10.25 लाख लोगों की जांच कर ली है। प्रदेश सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर है। कोरोना संक्रमण को लेकर 78 हजार बेड तैयार हैं। आक्सीजन व वेंटीलेटर की सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी गई है। अस्पतालों में संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिला अस्पताल की व्यवस्था में सुधार आया है। सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है।