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सील नर्सिंग होम में एक साल से चल रहा था इलाज, मारपीट के बाद सामने आया मामला

मानक की अनदेखी कर नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टरों के लिए जीडीए महज कागजी शेर साबित हो रहा है। उन पर शिंकजा कसने की लेकर जीडीए की कार्रवाई केवल नोटिस चस्पा करने तक सिमट गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 11:02 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 11:02 AM (IST)
सील नर्सिंग होम में एक साल से चल रहा था इलाज, मारपीट के बाद सामने आया मामला

गोरखपुर, जेएनएन। मानक की अनदेखी कर नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टरों के लिए जीडीए महज कागजी शेर साबित हो रहा है। उन पर शिंकजा कसने की लेकर जीडीए की कार्रवाई केवल नोटिस चस्पा करने तक सिमट कर रह जा रही है। इसकी बानगी दो दिन पूर्व एक मरीज के मौत को लेकर हंगामे की घटना के बाद देखने को मिली, जब एक वर्ष पहले जीडीए की ओर से सील किया गया नर्सिंग होम चलता मिला। हद तो यह है कि घटना को लेकर इस बात को उठे 72 घंटे हो चुके हैं, लेकिन जीडीए अब तक यह तय नहीं कर सका कि उस नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई क्या करनी है। इसके पीछे जीडीए अफसर शासन-सत्ता की ओर से बनाए गए दबाव का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

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पैडलेगंज स्थित राजवंशी न्यूरो एंड मल्टी स्पेशियलिटी नर्सिंग को जीडीए ने 12 अप्रैल 2018 को सील कर दिया था। सील करने की कार्रवाई की वजह पुराने भवन में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए नर्सिंग होम चलाना बताई गई। कार्रवाई के दौरान जब नर्सिंग होम के मालिक ने मरीजों का हवाला देकर पूरी बिल्डिंग सील न करने की गुजारिश की तो सील करने गई जीडीए टीम ने डॉक्टर का चैंबर आदि सील करने के बाद उसे मरीजों से खाली कराने के लिए 10 दिन का मौका दिया, लेकिन यह मौका जीडीए की अनदेखी की वजह से साल भर से अधिक समय में अपने-आप तब्दील हो गया। यदि घटना न हुई होती तो शायद यह सिलसिला शांतिपूर्वक आगे भी चलता रहता। ऐसा नहीं कि इसे लेकर किसी ने कोई शिकायत नहीं की। कई शिकायतें हुई लेकिन जीडीए अफसरों ने उन शिकायतों को भी अनसुना कर दिया। अब जबकि जीडीए की इस अनदेखी का मामला खुल चुका है, बावजूद इसके 72 घंटा बीत जाने के बाद भी जीडीए कार्रवाई के पालन की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका है। जीडीए की यह अनदेखी उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाने वाली है।

जीडीए सचिव ने कहा, कड़ी कार्रवाई होगी

जीडीए सचिव राम सिंह गौतम ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद एक अवर अभियंता को मौके पर जांच के लिए भेजा गया था। उसे जल्द से जल्द लापरवाही की वजह को लेकर रिपोर्ट देने को कहा गया है। अगर जांच रिपोर्ट में सील तोड़कर नर्सिंग होम चलाने की रिपोर्ट मिली तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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