Coronavirus : सामान्य बीमारी मानकर होता रहा इलाज, मौत के बाद पता चला कोरोना वायरस से पीडि़त था Gorakhpur News
Coronavirus बीआरडी मेडिकल कॉलेज में युवक का कोरोना जांच के लिए नमूना उसकी मौत के बाद लिया गया। दूसरी बीमारी से पीडि़त होने की बात कहते हुए नमूना लेने की जरूरत ही नहीं समझा गया।
गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बस्ती के युवक हसनैन अली का कोरोना जांच के लिए नमूना उसकी मौत के बाद लिया गया। दूसरी बीमारी से पीडि़त होने की बात कहते हुए नमूना लेने की जरूरत ही नहीं समझी गई। लापरवाही यह भी कि नमूना लेने गए दोनों लैब टेक्नीशियन व्यक्तिगत सुरक्षा किट में नहीं थे।
17 घंटे अस्पताल में भर्ती रहा
बस्ती के युवक हसनैन अली को लेकर परिजन रविवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वह किडनी व लीवर की बीमारी से ग्रसित था। उसे मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया गया। रात को जब सांस तेज फूलने लगी तो आनन-फानन उसे ट्रामा सेंटर के आइसीयू में भर्ती किया गया। वहीं सोमवार को सुबह लगभग आठ बजे उसकी मौत हो गई। सांस फूलने की वजह से मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने उसकी कोरोना संक्रमण की जांच कराने की जरूरत समझी। इसके बाद नमूना लेने की प्रक्रिया पूरी की गई। मरीज 17 घंटे अस्पताल में भर्ती रहा।
मेडिकल कॉलेज छोड़कर जाने लगे मरीज
कोरोना से मौत की सूचना आम होने के बाद मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन वार्ड से मरीज वापस जाने लगे हैं। उन्हें संक्रमण का डर सता रहा है। हालांकि कॉलेज प्रशासन ने पूरे वार्ड को सैनिटाइज करा दिया है लेकिन डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ वहां भर्ती मरीज व उनके तीमारदार सहमे हुए हैं। चूंकि कोरोना से मृत मरीज की देखरेख करने वाला कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी व्यक्तिगत सुरक्षा किट में नहीं था। इसलिए भी सभी को संक्रमण की चिंता सता रही है।
चूंकि मरीज किडनी व लीवर की बीमारी से ग्रस्त था। इसलिए कोरोना संक्रमण का संदेह ही नहीं हुआ। सांस फूलने की वजह से उसकी मौत के बाद एहतियातन उसका नमूना लिया गया था। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। - डॉ. गणेश कुमार, प्राचार्य- बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर
हसनैन के जनाजे में शामिल 16 लोग आइसोलेट
हसनैन की मौत के बाद उसके जनाजे में शामिल हुए 16 लोगों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में क्वारंटाइन कर दिया गया है। मृतक की मौत कोरोना वायरस से होने की पुष्टि के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। हसनैन के संपर्क में आए लोगों की कुंडली खंगाल रही है। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि शहर के तुर्कहिया निवासी हसनैन (25) की मौत के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने शव को परिजनों को सौंप दिया था। 30 मार्च को उसको सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। हसनैन के जनाजे में शामिल समेत संपर्क में आए 16 लोगों को चिह्नित करते हुए उन्हें 14 दिन के लिए जिला अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया गया है। जिला अस्पताल प्रशासन अब अपने हिसाब से उन सभी का सैंपल लेगा।
कहां से आया था हसनैन
जिला अस्पताल में भर्ती होते समय हसनैन के परिजन यह नहीं बताए थे कि हसनैन कहां से आया था। चिकित्सकों को यात्रा की हिस्ट्री भी नहीं बताया गया। परिजन सिर्फ इतना कहते रहे कि हसनैन लंबे समय से बीमारी से पीडि़त था। इन सभी पहलुओं के दृष्टिगत स्वास्थ्य महकमा, पुलिस और जिला प्रशासन किसी सटीक नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है। हसनैन कितने दिनों से कोरोना संक्रमित था या फिर कितने के संपर्क में वह आया होगा, इसका उत्तर नहीं मिल पा रहा है। पुलिस हसनैन से जुड़े लोगों के फोन नंबर तलाश कर रही है।
बस्ती में हाई अलर्ट
हसनैन के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होते ही बस्ती जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गया। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ को जिला अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया गया। उसके गांधीनगर मोहल्ले को सील करने के साथ रोडवेज तिराहा से कंपनी बाग तक की सड़क पर लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई। गांधीनगर में रहने वाले हर परिवार के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सर्वे शुरू किया गया है। हसनैन के जनाजे में शामिल लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में स्थिति से निपटने के लिए विशेष एहतियाती उपाय किए गए हैं।