तेल के खेल में फुंक रहे ट्रासफार्मर, हर माह लग रहा 51 हजार लीटर तेल
गोरखपुर : ट्रासफार्मर के तेल में भी खूब खेल चल रहा है। इसकी ठीक से मानीट¨रग नहीं होती। कभी
गोरखपुर : ट्रासफार्मर के तेल में भी खूब खेल चल रहा है। इसकी ठीक से मानीट¨रग नहीं होती। कभी तेल चोरी तो कभी निर्धारित मात्रा से कम तेल भरने के मामले भी सामने आते हैं। ट्रासफार्मर जलने के बाद पता चलता है कि तेल था ही नहीं। तेल बदलने के नाम पर कागजों में खूब तिकड़मबाजी होती है। इसकी वजह से ट्रासफार्मर आए दिन जल जाते हैं।
ट्रासंफार्मर की सुरक्षा नहीं हो पाती है, जिससे लगातार बिजली आपूर्ति के बाद भी चोर पूरा तेल निकाल लेते हैं। हालाकि बिना विभागीय मिलीभगत के यह संभव भी नहीं है। विभागीय सूत्र ट्रासफार्मर फुंकने की वजह ओवरलोड के साथ तेल की कमी बता रहे हैं।
रोजाना आते हैं 10 ट्रासफार्मर : गर्मी की शुरुआत में रोजाना वर्कशॉप में करीब 10 ट्रासफार्मर बनने के लिए आते हैं। गर्मी जैसे-जैसे बढ़ेगी इनकी संख्या में भी इजाफा होगा। सूत्रों का कहना है कि इनमें से आधे में तेल कम मिलता है। कम तेल की वजह से जले ट्रासफार्मरों के अंदर के क्वायल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
200 रुपये लीटर में बिकता है तेल
ट्रासफार्मर का तेल बिजली निगम तकरीबन 65 रुपये लीटर खरीदता है। इस तेल की बाजार में काफी डिमाड होती है। बाजार में यह तेल आसानी से 200 रुपये प्रति लीटर में बिक जाता है। इस तेल के सबसे बड़े खरीदार वेल्डिंग का काम करने वाले हैं।
ट्रासफार्मर आयल के कार्य : ट्रासफार्मर तेल का उपयोग ट्रासफार्मर के साथ ही उच्च क्षमता के संधारित्रों, स्विचों व सर्किट ब्रेकरों आदि में किया जाता है। ट्रासफार्मर तेल का सबसे बड़ा गुण इसका गर्म न होना होता है। यह ट्रासफार्मर को ठंडा रखता है।
रिपोर्ट दर्ज कराने तक है अफसरों की जिम्मेदारी : तकरीबन दो महीने पहले मोहद्दीपुर में सड़क किनारे 400 केवीए के दो ट्रासफार्मरों से तेल चोरी हो गया। सुबह ट्रासफार्मर जलने के बाद कर्मचारी जाच को पहुंचे तो पता चला कि एक ट्रासफार्मर में एक बूंद तेल नहीं बचा है, दूसरा आधा खाली हो चुका है। पता चला कि आपूर्ति जारी रहने के दौरान रात में ही तेल चोरी हुआ है। अफसरों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर चुप्पी साध ली। यह सिर्फ एक जगह का मामला नहीं है। कई जगहों से ट्रासफार्मर चोरी के मामले आते हैं लेकिन अफसर खुद पचड़े में फंसने से बचने के लिए लीकेज से तेल गिरने की रिपोर्ट दे देते हैं।
51 हजार लीटर है खपत : गोरखपुर वर्कशाप के अधीन देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर के भी वर्कशाप आते हैं। तेल की आपूर्ति गोरखपुर वर्कशाप को होती है। यहा से जरूरत के मुताबिक जोन के अन्य जिलों में तेल की आपूर्ति दी जाती है। वर्तमान समय में गोरखपुर वर्कशाप को 51 किलोलीटर यानी 51 हजार लीटर ट्रासफार्मर के तेल की जरूरत है।
किस ट्रासफार्मर में कितने लीटर की जरूरत
क्षमता तेल
10 केवीए 35 लीटर
25 केवीए 75 लीटर
63 केवीए 140 लीटर
100 केवीए 180 लीटर
250 केवीए 350 लीटर
400 केवीए 410 लीटर
630 केवीए 600 लीटर
दो साल में इतने जले ट्रासफार्मर
जिला वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18
गोरखपुर 3659 4782
देवरिया 2159 2413
कुशीनगर 1938 2242
महराजगंज 1617 1498
कुल 9373 10935
नोट- यह आकड़े अप्रैल से जनवरी तक के हैं
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ट्रासफार्मर में निर्धारित मात्रा के अनुसार ही तेल भरा जाता है। कई बार जले हुए ट्रासफार्मर वर्कशाप में आते हैं तो पता चलता है कि इनमें तेल ही नहीं है। तेल का मामला वितरण के अफसरों का होता है। वर्कशाप के स्तर से कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होती है।
एमके गौड़, अधिशासी अभियंता, वर्कशाप