ट्राम वे रेल म्यूजियम पर उपेक्षा की चादर
सोहगीबरवा में ट्राम वे पर सरकारी उपेक्षा की चादर लिपटी है, करीब 2 5लाख रुपये अब तक खर्च किए जा चुके हैं।
गोरखपुर : जनपद महराजगंज के सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग व तराई क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित ट्राम वे रेल म्यूजियम में रंगाई- पुताई व सुंदरीकरण में 25 लाख खर्च कर दिया गया। इसके बाद भी रेल म्यूजियम के हालत जस की तस रह गए। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वन विभाग का यह कदम आंख में धूल झोंकने के बराबर है। अगर इसकी जांच कराई जाए तो सरकारी धन के बंदरबांट की कलई खुल जाएगी। लक्ष्मीपुर के एकमा डिपो के ट्राम -वे को म्यूजियम बनाने की घोषणा हुई तो क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों को लगा कि रेल म्यूजियम बना तो दूर दराज के लोग इसे देखने आएंगे, लेकिन जनपद का बहुप्रतीक्षित ट्राम-वे रेल म्यूजियम परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई । शासन से वर्ष 2016 में 25 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे, लेकिन इन मोटी रकम को देख कर कुछ अधिकारियों में खलबली मच गई। अपनी जेब गरम करने के लिए नियम व कानून को ही ताख पर रख दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि जो सोचा भी नहीं जा सकता। हुआ यूं कि पुराने कटरेन को ही पुन: लगाकर, रेल इंजन की रंगाई पुताई कर व फर्स को बनाने के बजाए कुछ जगहों पर सीमेंट पोत दिया गया। साथ तीन पुराने कुंए में से केवल दो कुंए का चबूतरा का सुंदरीकरण कर कोरम पूर्ति कर दिया गया। साथ ही पानी टैंक व गेट को पें¨टग तथा डाक बंगले में भी सीमेंट पोतकर 25 लाख रुपये का व्यारा-न्यारा कर लिया गया। लाखों खर्च के बावजूद भी म्यूजियम की हालत जस की तस रह गई। जो एकमा डिपो की उदासीनता खुद ही बयां कर रही है।
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प्रभागीय वनाधिकारी मनीष ¨सह का कहना है कि ट्राम वे रेल म्यूजियम का लगभग 23 लाख रुपये मेरे कार्यकाल से पहले खर्च किया जा चुका था। जिसमें जो धन अवशेष बचा है उसका कार्य कराया गया है। यदि कार्य में अनियमितता की गई है तो उसकी जांच कराई जाएगी।