कानून-व्यवस्था में अब प्रशिक्षु सिपाहियों की नहीं लगेगी ड्यूटी
प्रशिक्षु सिपाहियों की अब कानून व्यवस्था और कार्यों में ड़यूटी नहीं लगेगी, उन्हें केवल प्रशिक्षण ही दिया जाएगा। डीजीपी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। प्रशिक्षु सिपाहियों की अब कानून-व्यवस्था ड्यूटी नहीं लगेगी। प्रशिक्षण पूरा होने तक संतरी, मेस और बैरक ड्यूटी से भी उन्हें मुक्त रखा जाएगा। डीजीपी ओपी सिंह ने इस संबंध में सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों और पीएसी के कमांडेंट को पत्र लिखकर प्रशिक्षु सिपाहियों को ड्यूटी से मुक्त रखने का आदेश दिया है। ताकि ठीक से उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाया जा सके। पत्र में डीजीपी ने माना है कि ड्यूटी की वजह से प्रशिक्षण प्रभावित होता। जिसका खामियाजा विभाग के साथ ही आम जनता को भी भुगतना पड़ता है।
राजपत्रित अधिकारी करेंगे निगरानी
प्रदेश पुलिस के मुखिया ने पत्र में मातहतों को रंगरूटों के प्रशिक्षण, उनके रहने और खाने की व्यवस्था की नियमित निगरानी के लिए एक राजपत्रित अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया है। नामित अधिकारी रंगरूटों के प्रशिक्षण और रहने, खाने के इंतजाम पर नजर रखने के लिए सप्ताह में कम से कम एक दिन कक्षा में जाकर उन्हें पढ़ाएगा भी। डीजीपी ने जोर देकर कहा है कि प्रशिक्षु सिपाहियों को नैतिकता, सामाजिक संवेदना, अपराध पीडि़त, बुद्धिजीवियों, पर्यटकों, असहाय व्यक्तियों की मदद करने तथा थाने में आने वाले आवेदन के निस्तारण और जरूरत पडऩे पर यातायात ड्यूटी करने का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाय।
आपदा प्रबंधन, बचाव व राहत कार्य का प्रशिक्षण देने के साथ ही ङ्क्षहसक भीड़ से निपटने और लोगों को समझाने-बुझाने का भी प्रशिक्षण देने का डीजीपी ने निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होंने विशेषज्ञों के सहयोग से माह में कम से कम एक बार कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव दिया है।