Railway News: नवरात्र में वाराणसी की राह कठिन, गोरखपुर से ही लखनऊ लौट रही कृषक एक्सप्रेस ट्रेन
नवरात्र में रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में हजारों यात्री सड़क मार्ग से सफर करने को मजबूर हैं। गोरखपुर- बनारस एक्सप्रेस निरस्त होने और कृषक एक्सप्रेस ट्रेन गोरखपुर से ही लौटने से एक लाख से अधिक लोगों की यात्रा प्रभावित हुई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। होली बाद भी रेल यात्रियों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं। 15008 कृषक एक्सप्रेस वाराणसी सिटी की जगह गोरखपुर में ही रुक जा रही। 15007 गोरखपुर से ही लखनऊ के लिए वापस हो रही। 15129/15130 नंबर की वाराणसी सिटी-गोरखपुर-वाराणसी सिटी एक्सप्रेस भी निरस्त है। 30 मार्च तक विभिन्न तिथियों में 18 जोड़ी ट्रेनें भी रद कर दी गई हैं।
मार्ग बदलकर चल रही हैं 23 ट्रेनें
पूर्वांचल सहित 23 ट्रेनें मार्ग बदलकर चल रही हैं। गोरखपुर से वाराणसी की राह कठिन हो गई है। एक लाख से अधिक लोगों की यात्रा प्रभावित है। हजारों लोग सड़क मार्ग से यात्रा को मजबूर हैं। आरक्षित टिकट कैंसिल होने से अधिकतर ने अपनी यात्रा ही रद कर दी है।
यात्रियों को नहीं मिल रही सीट
कृषक के नहीं चलने से अधिकतर यात्री 15104/15103 बनारस-गोरखपुर-बनारस इंटरसिटी एक्सप्रेस पकड़ रहे हैं। उसमें भी सीट नहीं मिल रही। यह यह ट्रेन भी 26, 29 एवं 30 मार्च को नहीं चलेगी। ऐसे में अगले सप्ताह परेशानी और बढ़ेगी। नवरात्र में गोरखपुर, देवरिया, भटनी, लार रोड और बेल्थरा रोड से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी, विंध्याचल और मैहर धाम की यात्रा करते हैं।
दोहरीकरण होने से बढ़ जाएगी ट्रैक क्षमता
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार वाराणसी मंडल में भटनी-औंड़िहार खंड का दोहरीकरण हो रहा है। भटनी से औंड़िहार 117 किमी रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए 1177 करोड़ रुपये स्वीकृत है। दोहरीकरण हो जाने से ट्रैक की क्षमता बढ़ने के साथ रेलयात्रा और सुगम हो जाएगी। प्रथम चरण में इंदारा से कीड़िहरापुर तक 13 किमी रेलमार्ग का दोहरीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है। इंटरलाकिंग के चलते 30 मार्च तक चिह्नित कुछ ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा।