एक एसएमएस से ट्रेन की पूरी बोगी होगी चकाचक
आनबोर्ड हाउस किपिंग सिस्टम (ओबीएचएस) के तहत अब ट्रेन की बोगियों की सफाई यात्रियों के एक एसएमएस से होगी। रेलवे ने यह व्यवस्था शुरू कर दी है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। रेलवे स्टेशन पर ही नहीं चलती ट्रेनों की बोगियों में भी साफ-सफाई सुनिश्चित होगी। भारत सरकार की स्वच्छता ही सेवा और स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए रेलवे ने क्लीन माई कोच योजना के तहत आनबोर्ड हाउस किपिंग सिस्टम (ओबीएचएस) का विस्तार किया है। यह सिस्टम पूवरेत्तर रेलवे से बनकर चलने वाली गोरखधाम और गोरखपुर-एलटीटी सहित 47 प्रमुख गाड़ियों में लागू कर दिया गया है।
कोचों के गेट पर और केबिन में निचली शायिका के पास इस सेवा के लिए दिशा-निर्देश जारी रहते हैं। कोच में गंदगी दिखने पर कोई भी यात्री रेलवे की वेबसाइट पर शिकायत कर सकता है या अपने मोबाइल पर क्लीन स्पेश पीएनआर नंबर लिखकर 58888 नंबर पर एसएमएस कर सकता है। आधे घंटे के अंदर सफाई कर्मी उपस्थित हो जाएंगे। ओबीएचएस के तहत सफाई करने वाले कर्मचारियों को ट्रेन में अलग से दो सीट आरक्षित रहती हैं। शयनयान श्रेणी के एस 1 कोच में किनारे के दो बर्थ (71 व 72 संभावित) या एसी थर्ड श्रेणी के कोच के किनारे वाले बर्थ बुक किए जाते हैं।
सफाई से संतुष्ट भी करना होगा
एसएमएस करने बाद यात्री के मोबाइल नंबर पर रेलवे का एक कोड भी आएगा। सफाई से संतुष्ट होने पर ही यात्री सफाई कर्मी को कोड बताएंगे। अगर यात्री सफाई कार्य से संतुष्ट नहीं हैं तो वे सफाईकर्मी को कोड नहीं नहीं दे सकते हैं। यानी सफाईकर्मी की बहानेबाजी नहीं चलेगी। यही नहीं अगर आधे घंटे के अंदर सफाईकर्मी नहीं पहुंचता है तो शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाएगी। फिलहाल यह सुविधा आरक्षित बोगियों में ही मिल रही है।
यहां मिल रहा ओबीएचएस
- लखनऊ मंडल में गोरखपुर से चलने वाली 25 और लखनऊ जंक्शन से चलने वाली सात ट्रेनों में।
- वाराणसी मंडल में छपरा जंक्शन से बनकर चलने वाली तीन और मंडुआडीह से चलने वाली पांच ट्रेनों में।
- इज्जतनगर मंडल में काठगोदाम से बनकर चलने वाली दो और रामनगर से चलने वाली पांच ट्रेनों में।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा कि स्वच्छता के अलावा क्लीन माई कोच योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है।