Top Gorakhpur News Of The Day, 23 May 2020: Coronavirus Lockdown 4: Lockdown के दौरान 60 दिन बाद गोरखपुर आए मुख्यमंत्री Gorakhpur News
गोरखपुर-बस्ती मंडल में कोरोनावायरस के मरीजों लाकडाउन क्वारंटाइन प्रवासियों और स्वास्थ्य विभाग के बारे में ताजा जानकारी के लिए जागरण डाट काम की खबरें पढ़ें।
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन के दौरान शुक्रवार को पहली बार गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर से नाता जोडऩे के बाद ऐसा पहला मौका है जब वह अपने मठ से पूरे दो महीने दूर रहे। ऐसा करके उन्होंने एक बार फिर नाथ पीठ के जनसमर्पण भाव की बानगी पेश की। कोरोना संक्रमण के दौर में राजधर्म निभाने के लिए उन्होंने दो महीने के लिए उस मठ से भी दूरी बना ली, जिसके वह पीठाधीश्वर हैं।
पहले उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तैयारियों की समीक्षा और फिर लॉकडाउन के दौरान जिले के स्थिति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की सुबह कोरोना संक्रमण से लोकरक्षा के लिए अपने आवास स्थित शक्तिपीठ में रुद्राभिषेक किया। गोरखपुर शहर के जीएन पब्लिक स्कूल की कक्षा-चार सेक्शन ए की क्लास टीचर शादाब खानम की तरफ से ऑनलाइन शिक्षण के लिए बने वाट्सएप ग्रुप पर नाउन समझाने के लिए दिए गए उदाहरणों से विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षिका ने पाकिस्तान का गुणगान करते हुए कई उदाहरण दिए हैं, जिस पर अभिभावकों ने आपत्ति जताई हैं। एक जून से स्पेशल ट्रेन के रूप में चलने वाली 02555 गोरखधाम एक्सप्रेस टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही फुल हो गई। तीन जून तक इस ट्रेन में आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) टिकट मिल रहा है। वैशाली और सत्याग्रह एक्सप्रेस में भी कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। हालांकि, चार जून से दिल्ली जाने वाली सभी ट्रेनों में पर्याप्त बर्थें खाली हैं।
Lockdown के बाद पहली बार हुआ मुख्यमंत्री योगी का गोरखपुर आगमन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन के दौरान शुक्रवार को पहली बार गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर से नाता जोडऩे के बाद ऐसा पहला मौका है जब वह अपने मठ से पूरे दो महीने दूर रहे। ऐसा करके उन्होंने एक बार फिर नाथ पीठ के जनसमर्पण भाव की बानगी पेश की। कोरोना संक्रमण के दौर में राजधर्म निभाने के लिए उन्होंने दो महीने के लिए उस मठ से भी दूरी बना ली, जिसके वह पीठाधीश्वर हैं।
पहले उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तैयारियों की समीक्षा और फिर लॉकडाउन के दौरान जिले के स्थिति पर चर्चा की। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने मंदिर से जुड़ी संस्था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने गोरखपुर में कोरोना संक्रमण, लाकडाउन और क्वारंटाइन सेंटरों के बारे में जानकारी ली। साथ ही सोनबरसा में बन रहे गुरु श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे लोगों को फिजीकल डिस्टेंसिंग का हरहाल में पालन करने के लिए कहा। बताया कि यही एक मात्र बचाव का तरीका है। उन्होंने गुरु श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य की जानकारी लेने के साथ ही शीघ्र निर्माण कराने को कहा।
CM योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में लोकरक्षा के लिए किया रुद्राभिषेक
दो दिन के दौरे पर शुक्रवार की शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की सुबह कोरोना संक्रमण से लोकरक्षा के लिए अपने आवास स्थित शक्तिपीठ में रुद्राभिषेक किया। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक पूजा के बाद वह लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
शनिवार की भोर में करीब साढ़े पांच बजे मुख्यमंत्री योगी अपने आवास से बाहर निकले। सबसे पहले उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ एवं अखण्ड ज्योति का दर्शन-पूजन किया। उसके बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वह गोशाला पहुंचें, जहां तकरीबन आधे घंटे का समय गोसेवा में व्यतीत किया। गोशाला की गायों की देखभाल करने वाले सेवकों से बातचीत की और वहां की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। गोसेवा के बाद लोकसेवा के क्रम में वह अपने आवास के शक्तिपीठ में पहुंचे, जहां मन्दिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी ने पूरे विधि-विधान से रुद्राभिषेक संपन्न कराया। करीब दो घंटे चला यह अनुष्ठान शुक्ल यजुर्वेद संहिता के अष्टाध्यायी के आठवें अध्याय के महामंत्रों के जाप के साथ 25 लीटर महाद्रव्य से किया गया। इसके पहले कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने होली में अपने गोरखनाथ मन्दिर प्रवास के दौरान रुद्राभिषेक किया था।
बच्चों को समझाने के लिए महिला शिक्षक ने पाकिस्तान का किया गुणगान
शहर के जीएन पब्लिक स्कूल की कक्षा-चार सेक्शन ए की क्लास टीचर शादाब खानम की तरफ से ऑनलाइन शिक्षण के लिए बने वाट्सएप ग्रुप पर नाउन समझाने के लिए दिए गए उदाहरणों से विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षिका ने पाकिस्तान का गुणगान करते हुए कई उदाहरण दिए हैं, जिस पर अभिभावकों ने आपत्ति जताई हैं। हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख शिक्षिका ने तत्काल पहले वाले उदाहरण को हटा दिया। महिला शिक्षक शादाब खानम ने नाउन समझाने के क्रम में दिए गए उदाहरण में छात्रों को बताया कि पाकिस्तान हमारी प्रिय मातृभूमि है। 'मैं पाकिस्तानी सेना में शामिल होउंगा तथा 'रशीद मिनहद एक बहादुर सैनिक था आदि। जैसे ही कुछ अभिभावकों ने इसे पर ग्रुप देखा तत्काल इसको स्क्रीन शॉट लेकर वायरल कर दिया। इसको लेकर लोगों में रोष है। महिला शिक्षक शादाब खानम ने बड़ी चतुराई से कहा कि मेरा मकसद बच्चों को आसान तरीके से नाउन समझाना था। इसके लिए मैंने गूगल से सर्च कर सबसे छोटा उदाहरण ढूढ़ा। मैंने यह नहीं देखा कि पाकिस्तान है, चाइना है या फिर अमेरिका। जब बाद में मेरे संज्ञान में आया कि इससे लोगों को तकलीफ पहुंची है तो तत्काल मैंने इसे बदल दिया। उधर भाजपा नेता देशबंधु शुक्ल का कहना है कि पाकिस्तान आतंकी देश है। वह भारत के दुश्मन देशों में एक है। विदेशों में रह रहे लोगों को भी पता है कि पाकिस्तान आतंक का केंद्र है। उसने भारत और भारतवासियों नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा से आतंकवादियों का सहारा लिया है। पाकिस्तान ही आतंक की फैक्ट्री है। जबकि पूरी दुनिया को पता है कि आतंकवादियों का सफाया करने और उनका विरोध करने में भारत का कोई जोड़ नहीं है। ऐसे में भारत के बजाय आतंकी देश पाकिस्तान का उदाहरण देना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि शादाब खान नामक महिला शिक्षक से यही उम्मीद की जा सकती है। उनके जेहन में पाकिस्तान और पाकिस्तानी ही हैं। भारत और भारतवासी नहीं है। वह और उनके जैसे लोग इस तरह की शिक्षा दे रहे हैं तो कोई आश्चर्यजनक नहीं है। वह अपने मकसद में कामयाब हैं।
टिकट काउंटर खुलते ही तीन जून तक फुल हो गई गोरखधाम
एक जून से स्पेशल ट्रेन के रूप में चलने वाली 02555 गोरखधाम एक्सप्रेस टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही फुल हो गई। तीन जून तक इस ट्रेन में आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) टिकट मिल रहा है। वैशाली और सत्याग्रह एक्सप्रेस में भी कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। हालांकि, चार जून से दिल्ली जाने वाली सभी ट्रेनों में पर्याप्त बर्थें खाली हैं। स्पेशल के रूप में गोरखपुर से मुंबई के बीच चलने वाली ट्रेनों की स्थिति दिल्ली से ठीक उल्टा है। 02541 गोरखपुर-एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में एक जून को भी बर्थें खाली हैं। पहली को इस ट्रेन के शयनयान श्रेणी में 47 और दो जून को 339 बर्थ खाली है। वहीं वातानुकूलित तृतीय श्रेणी में एक को दस, दो को 79 तथा तीन जून को 120 बर्थें खाली हैं। जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन में दिल्ली और मुंबई के नौकरीपेशा, व्यवसायी या अन्य कारणों से जो लोग पूर्वांचल में फंसे थे, उन्होंनें ही अभी अपना टिकट कराया है। ऐसे में एक से तीन जून तक ही सर्वाधिक टिकटें बुक हुई हैं। चार जून से आगे ट्रेनें पूरी तरह खाली ही हैं। अभी तो दिल्ली और मुंबई से रोजाना हजारों प्रवासी गोरखपुर पहुंच रहे हैं। ठीक 60 दिन बाद शुक्रवार को रेलवे के आरक्षित टिकट काउंटर खुल गए। आरक्षित टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो गई। यही हाल शनिवार को रहा। इसके साथ ही चहल-पहल भी बढ़ गई।
काउंटरों पर सिर्फ 1 से 30 जून तक चलने वाली स्पेशल ट्रेनों के टिकटों की ही बुकिंग होगी। 25 मई से पहले से बुक टिकटों की वापसी होगी। सुबह जैसे ही आरक्षण कार्यालय का गेट खुला, लोग धीरे-धीरे पहुंचने लगे। भटहट बाजार के अरविंद कुमार कोटा का टिकट लेने पहुंचे थे। उनका कहना था कि रेलवे ने ट्रेन चलाकर लोगों को राहत दी है। उनके जैसे हजारों लोग देश भर में जगह जगह फंसे हैं। होली से ही गोरखपुर में रुके दिल्ली के विजय कुमार का कहना था कि वह शादी में आए थे। फर्रुखाबाद के रवि कुमार परेशान थे। उनका कहना था कि वह भी महीनों से ट्रेन चलने का इंतजार कर रहे थे। श्रमिक ट्रेनें गोरखपुर आ तो रही हैं लेकिन यहां से जा नहीं रहीं। अब दूसरे राज्यों के गोरखपुर व आसपास क्षेत्रों में फंसे लोग भी अपने घर जा सकेंगे। हालांकि, कुछ लोग टिकट वापस कराने भी पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। आरक्षण कार्यालय के प्रभारी राजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार टिकट काउंटर रोजाना सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुलेंगे। स्पेशल ट्रेनों के जनरल टिकट भी बुक होंगे।
पहले दिन तीन काउंटर खुले थे। रात आठ बजे तक 107 यात्रियों ने विभिन्न स्टेशनों के लिए आरक्षित टिकट बुक कराया। 44680 रुपये की आमदनी हुई। स्पेशल ट्रेनों के टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन भी शुरू है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे में गोरखपुर के तीन सहित कुल 32 टिकट काउंटर खोले गए हैं। जिसमें लखनऊ मंडल में 16, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में आठ-आठ काउंटर शामिल हैं।
सरकार से नहीं ली अनुमति और तैयार कर लिया घातक पीपीई किट
बाजार में सक्रिय नक्काल, कोरोना के संकट काल में भी लाभ का जुगाड़ तलाश रहे हैं। इन अवसरवादियों ने पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) के नाम पर ऐसी किट तैयार की है, जो कोरोना योद्धाओं की हिफाजत तो दूर उनके लिए घातक हो सकती है। मानक व सुरक्षा सिद्धांतों पर पूरी तरह अनफिट इस किट को सरकारी महकमों ने लेने से मना किया तो कंपनियों ने सस्ते का लालच देकर अब नर्सिंगहोम का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया। अफसोसजनक पहलू यह है कि मामला मेडिकल कालेज, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के संज्ञान में होने के बावजूद इन कंपनियों पर न तो नकेल कसी गई न ही संचालकों की गिरफ्तारी कर जवाबदेही तय हो सकी।
कोरोना की महामारी में भी अपने फायदे के लिए जीवनरक्षकों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाली ये कंपनियां कोरोना के दस्तक देते ही सक्रिय हो गईं। पहले मास्क व सैनिटाइजर में डुप्लीकेसी और कालाबाजारी के जरिये लाखों का वारा-न्यारा किया अब पीपीई को कमाई का जरिया बना लिया। भारत सरकार के अनुमोदित लैब और संस्थाओं से अपने पीपीई किट को पास कराए बगैर ही कंपनियों ने न केवल इसे बनाना बल्कि बेचना भी शुरू कर दिया। मानकों को पूरा करने वाली जिस किट को तैयार करने में लगभग एक हजार का खर्च आता है, उसे स्थानीय स्तर की यह कंपनियां महज 100-300 रुपये में ही उपलब्ध करा दे रही हैं।
इन धंधेबाजों ने अपना माल खपाने के लिए पहले स्वास्थ्य विभाग व बीआरडी मेडिकल कालेज में संपर्क साधा था, लेकिन दाल नहीं गली। इसकी वजह वहां होने वाली पीपीई किट की सरकारी आपूर्ति थी। यहां से हाथ मलते निकले कंपनी संचालकों ने अब उन नर्सिंगहोम को टारगेट किया है, जिन्हें जल्द ही इमरजेंसी सेवाएं शुरू करने की अनुमति मिली है। कंपनियां नर्सिंगहोम संचालकों को एकमुश्त खरीद पर यह किट बहुत सस्ते दर पर देने को तैयार हैं। अगर यह किट बाजार में आ गई तो कोरोना योद्धाओं के लिए यह बड़ा खतरा होगी।
सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि कई कंपनियों ने पीपीई किट को लेकर संपर्क किया था ले किन सभी को मना कर दिया गया। केवल शासन से आई किट का ही इस्तेमाल हो रहा है। शासन से पर्याप्त पीपीई किट की आपूर्ति हो रही है। उधर बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि हमारे यहां सरकार से पीपीई किट की आपूॢत होती है। उसी का इस्तेमाल किया जाता है। हम बाजार से या किसी कंपनी से सीधे यह किट नहीं खरीद सकते। हमारे पास पर्याप्त पीपीई किट मौजूद है।
पर्सनल प्रोटेक्शन किट में अमूमन मास्क, ग्लव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेसशील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स व डिस्पोजल बैग शामिल होते हैं। भारत सरकार से अनुमोदित कंपनियों के कपड़े से तैयार होने वाली किट की सिलाई के बाद उसके महीन छिद्रों को बंद करने के लिए विशेष टैप हीट सीलिंग की जाती है। इसके बाद पूरी किट को कीटाणु रहित या बैक्टीरिया मुक्त किया जाता है। ऐसा न करना घातक हो सकता है। लोकल कंपनियां ऐसा कुछ नहीं करतीं। यही नहीं वह किट में सस्ते व घटिया चश्में का प्रयोग करती हैं, जिससे संक्रमण के अलावा आंखों के पास रैशेस व घाव हो जाते हैं जो कि जानलेवा हो सकते हैं, क्योंकि किसी भी कट या घाव से संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है।