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Top Gorakhpur News Of The Day, 05 December 2020: जानें, किस आधार पर चुनाव में विजयी घोषित किए गए ध्रुव त्रिपाठी

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By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 06:50 PM (IST)
चुनाव जीतने के नव निर्वाचित शिक्षक एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र 2020 के लिए संपन्न चुनाव इस बार काफी दिलचस्‍प रहा। अंत तक सस्‍पेंस बना रहा। इस चुनाव में भी इलेक्टोरल कोटा के 50 फीसद से एक अधिक वोट पाने का मानक पूरा नहीं हो सका। सभी प्रत्याशियों के मतपत्रों के द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती के बाद भी जब अपेक्षित संख्या तक वोट नहीं पहुंचे तो सर्वाधिक मत पाने वाले ध्रुव कुमार त्रिपाठी को विजेता घोषित किया गया। त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत) चुनावों में मतदान करने के लिए उन हजारों युवाओं को भी इसी बार मौका मिलेगा, जिन्होंने दो जनवरी 2020 से लेकर एक जनवरी 2021 तक 18 साल की उम्र पूरी की है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत निर्वाचक नामावली की समय सारिणी में परिवर्तन कर युवकों को यह मौका दिया है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी अनेक लोग अभी सांस की समस्या से उबर नहीं पाए हैं। पहले सामान्य दवाओं से उन्हेंं ठीक करने की कोशिश की गई लेकिन ज्यादा लाभ नहीं हुआ। कंपनियों ने एक नई दवा- निनटेडानिब, बाजार में उतारी हैं। अभी तक यह दवा भारत में उपलब्ध नहीं थी। ड़य़ूटी में लापरवाही बरतने वाले जिले में तैनात 50 साल से अधिक उम्र के 27 अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर कर दिया गया है। इनमें 20 मुख्य आरक्षी, सात आरक्षी शामिल है।

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जानें, किस आधार पर चुनाव में विजयी घोषित किए गए ध्रुव त्रिपाठी

गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र 2020 के लिए संपन्न चुनाव इस बार काफी दिलचस्‍प रहा। अंत तक सस्‍पेंस बना रहा। इस चुनाव में भी इलेक्टोरल कोटा के 50 फीसद से एक अधिक वोट पाने का मानक पूरा नहीं हो सका। सभी प्रत्याशियों के मतपत्रों के द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती के बाद भी जब अपेक्षित संख्या तक वोट नहीं पहुंचे तो सर्वाधिक मत पाने वाले ध्रुव कुमार त्रिपाठी को विजेता घोषित किया गया।

इस चुनाव में कुल 27525 वैध वोट पड़े थे। यही इलेक्टोरल कोटा भी था। नियमानुसार निर्वाचित होने के लिए 13763 वोट पाने थे। प्रथम वरीयता या द्वितीय वरीयता की गिनती के दौरान जैसे ही कोई प्रत्याशी इस आंकड़े तक पहुंचता मतगणना बंद हो जाती लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी ऐसा नहीं हुआ। 16 प्रत्याशियों में से 14 प्रत्याशियों को परिणाम की  दौड़ से बाहर (एलिमिनेट) कर देने के बाद एक नंबर पर रहे ध्रुव कुमार त्रिपाठी को 10227 व दूसरे नंबर पर रहे अजय सिंह को 9219 वोट मिले थे।

जीत के दूसरे विकल्प के अनुसार अंतिम बचे दो प्रत्याशियों में से सर्वाधिक वोट पाने वाले को विजेता घोषित किया जाता है। इसी के तहत ध्रुव कुमार त्रिपाठी को 1008 मतों से विजयी हो गए लेकिन राज्य चुनाव आयोग के निर्देश के बाद दूसरा स्थान पाने वाले अजय सिंह के मतपत्रों में भी द्वितीय वरीयता के वोटों की गिनती की गई। पहले ही सभी प्रत्याशी बाहर हो चुके थे इसलिए केवल ध्रुव त्रिपाठी के खाते में वोट जोड़े गए। इस गिनती में उन्हें 927 वोट और मिल गए। इसलिए ध्रुव कुमार त्रिपाठी के जीत का अंतर 1935 मतों का हो गया। पर, अंतिम प्रत्याशी को बाहर करने तक भी 50 फीसद से एक वोट अधिक का आंकड़ा दूर ही रहा।

Teacher MLC Election Results: जानें, किस प्रत्‍याशी को कितने मत मिले

गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव परिणाम कई प्रत्‍याशियों के लिए किसी सबक से कम नही है। कुछ ऐसे भी प्रत्‍याशी रहे, जो दहाई से आगे तक नहीं बढ़ पाए। चुनाव प्रचार में ऐसे प्रत्‍याशियों का भी अपना जलवा रहा है।

प्रथम एवं द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती के बाद प्रत्याशियों को मिले वोट

अवधेश कुमार यादव 2667

नागेंद्र दत्त त्रिपाठी             131

अजय सिंह                   9219

अनिल कुमार गौतम             59

अनिल कुमार श्रीवास्तव 60

अरुण सिंह                    235

देशबंधु शुक्ला             211

ध्रुव कुमार त्रिपाठी          11154

नरेंद्र सिंह                    1607

नागेंद्र प्रताप सिंह              519

रमेश कुमार विमल            241

राजीव यादव             4529

राम प्रताप राम             610

राम जन्म सिंह             653

लाल बहादुर यादव            232

विभ्राट चंद कौशिक            553

कुल पड़े वोट             28802

अवैध मत एवं एलिमिनेट प्रत्याशी को मिले दूसरी वरीयता के वोट 9356

Panchayat Election: एक जनवरी 2021 तक 18 साल पूरा करने वाले युवाओं को मिला वोटर बनने का मौका

त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत) चुनावों में मतदान करने के लिए उन हजारों युवाओं को भी इसी बार मौका मिलेगा, जिन्होंने दो जनवरी 2020 से लेकर एक जनवरी 2021 तक 18 साल की उम्र पूरी की है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत निर्वाचक नामावली की समय सारिणी में परिवर्तन कर युवकों को यह मौका दिया है। पुरानी समय सारिणी के अनुसार एक जनवरी 2020 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं को ही मतदाता बनने का अवसर मिला था। राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से पंचायत चुनाव लड़ने को तैयार लोगों की गतिविधि बढ़ गई है। नई समय सारिणी के अनुसार 22 जनवरी 2021 को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

पुरानी समय सारिणी के अनुसार निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 29 दिसंबर 2020 तक हो जाना था। इसलिए एक जनवरी 2020 के बाद 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवाओं को यह मौका नहीं मिल पा रहा था। अपने गांव का प्रधान चुनने के लिए उन्हें पांच साल का और इंतजार करना पड़ता लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने इसी बार उनकी इच्छा पूरी कर दी है।

पुरानी समय सारिणी के अनुसार ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन छह दिसंबर को होना था, उसके बाद आपत्तियां ली जातीं लेकिन नई समय सारिणी में 27 दिसंबर 2020 को ड्राफ्ट प्रकाशित करना है। 28 दिसंबर से तीन जनवरी 2021 तक प्रकाशित सूची पर आपत्तियां एवं दावे किए जा सकेंगे। समय सारिणी के अनुसार इसी समय एक जनवरी 2021 तक 18 साल पूरा करने वाले युवा भी आवेदन कर सकते हैं लेकिन इस तिथि का इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं। माना जा रहा है कि एक साल में करीब एक लाख युवा ऐसे होंगे जो मतदाता बनने के लिए अर्हता उम्र पूरी कर रहे होंगे। ऐसे में जिला प्रशासन का कहना है कि जिन्हें मालूम है कि उनकी उम्र 18 साल हो जाएगी, वे बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) के यहां आवेदन तुरंत शुरू कर दें। पुनरीक्षण के काम में बीएलओ घर-घर जाकर विवरण जुटा चुके हैं इसलिए अब लोगों को ही उनके पास आना होगा। अपर जिला मजिस्ट्रेट वित्त एवं राजस्व/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत निर्वाचक नामावली की समय सारिणी में परिवर्तन किया है। इससे उन युवाओं को भी मतदाता बनने का अवसर मिला है, जो दो जनवरी 2020 से एक जनवरी 2021 के बीच 18 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं। ऐसे लोग 28 दिसंबर का इंतजार किए बिना अभी से बीएलओ के यहां नाम जोड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कोरोना से सिकुड़ी फेफड़ों की नसों को ठीक करने की नई दवा गोरखपुर पहुंची

कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी अनेक लोग अभी सांस की समस्या से उबर नहीं पाए हैं। पहले सामान्य दवाओं से उन्हेंं ठीक करने की कोशिश की गई लेकिन ज्यादा लाभ नहीं हुआ। कंपनियों ने एक नई दवा- निनटेडानिब, बाजार में उतारी हैं। अभी तक यह दवा भारत में उपलब्ध नहीं थी।

कोरोना से पीडि़त होने के बाद संक्रमण से तो मुक्ति मिल गई लेकिन फेफड़ों में रक्त के थक्के जमने से आई सिकुडऩ (फाइब्रोसिस) के चलते मरीजों को बाद में दिक्कतें बढऩी शुरू हो गईं। फाइब्रोसिस के चलते सांस लेने की तकलीफ बढ़ गई । केवल बीआरडी मेडिकल कालेज में अब तक ऐसे 16 मरीजों ने संपर्क किया। निजी चिकित्सकों के यहां आने वाले मरीजों की संख्या 45 से अधिक है। डाक्टरों के मुताबिक फाइब्रोसिस की कोई अच्छी दवा न होने से ऐसे मरीजों का इलाज कठिन हो रहा था। सामान्य दवाओं से उन्हें बहुत लाभ नहीं मिल रहा था। यह दवा भारत में नई है। इसके पहले विदेश में इसका इस्तेमाल हो रहा था। कोरोना के चलते लोगों के फेफड़ों में आई सिकुडऩ को देखते हुए कंपनियों नेे इस दवा को भारत में भी उतार दिया है। इस दवा के इस्तेमाल से मरीजों को ज्यादा राहत मिली है।

कोरोना के जिन मरीजों के फेफड़ों की नसों में रक्त के थक्के जम गए। वहां खून का दौरा बंद हो गया। इसलिए बाद में वह हिस्सा सिकुड़ गया। इससे सांस लेने में समस्या आ रही है। यही फाइब्रोसिस है। सीना रोग विशेषज्ञ डा. वीएन अग्रवाल का कहना है कि अभी तक फाइब्रोसिस की कोई अच्छी दवा उपलब्ध नहीं थी। इस दवा के आ जाने से मरीजों को काफी राहत मिल रही है। पहले जो दवाएं थीं, वह बहुत ज्यादा कारगर नहीं थीं। फिजीशियन डा. गौरव पांडेय का कहना है कि यह दवा मूलत: फाइब्रोसिस की है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में भी फाइब्रोसिस की समस्या आ रही है। ऐसे लोगों का इलाज इस दवा से आसान हो जाएगा।

गोरखपुर में जबरन रिटायर कर दिए गए 27 पुलिस वाले, जानिये क्‍या थी वजह 

ड़य़ूटी में लापरवाही बरतने वाले जिले में तैनात 50 साल से अधिक उम्र के 27 अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर कर दिया गया है। इनमें 20 मुख्य आरक्षी, सात आरक्षी शामिल है। एक इंस्पेक्टर व दो दारोगा को रिटायर करने के लिए एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने डीआइजी रेंज राजेश मोदक को रिपोर्ट भेजी है। डीआइजी कार्यालय से उनके रिटायरमेंट पर अंतिम मुहर लगेगी। इस कार्रवाई के बाद महकमे में खलबली मची है। जबरन रिटायरमेंट के बाद पुलिसकर्मी शुक्रवार को दिनभर पुलिस कार्यालय के चक्कर काटते रहे।

डीजीपी मुख्यालय ने इस संबंध में सभी एडीजी, डीआइजी व जिले के पुलिस कप्तान को पत्र लिखा था। जिसके मुताबिक 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अक्षम और लापरवाह पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। यह जिम्मेदारी एसएपी को सौंपी गई थी। जिले में 50 की उम्र पार कर चुके सिपाही, दारोगा व इंस्पेक्टर की स्क्रीनिंग के लिए एसपी व सीओ लाइन के नेतृत्व में कमेटी बनाई है। स्क्रीनिंग के बाद जो पुलिसकर्मी अक्षम पाए जाएंगे, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति कर दिया जाएगा। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नियम कोई नया नहीं है। समय-समय पर पुलिस विभाग में 50 की उम्र के बाद अक्षम होने पर स्‍क्रीनिंग के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाती रही है। स्क्रीनिंग में अक्षम पाए गए 27 पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है। एक इंस्पेक्टर व दो दारोगा को रिटायर करने के लिए डीआइजी को रिपोर्ट भेजी गई है। कार्रवाई की जानकारी संबंधित पुलिसकर्मी के साथ ही उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

सहजनवां थाने पर तैनात रहे सिपाही अरविंद तिवारी को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। श्रावस्ती जिले में तैनाती के दौरान एक ब्लाक प्रमुख के पुत्र की हत्या के मामले में अरविंद आरोपित है, और नौकरी केवल आठ माह शेष थी। गीडा थाना पर तैनात सिपाही बच्चा सिंह हादसे में घायल हो गए थे। जिसकी वजह से उनका एक पैर काम नहीं करता था। अक्षम मानते हुए उनको सेवानिवृत्ति दी गई है। थाने पर तैनात सिपाही राम आशीष तिवारी को लापरवाही के आरोप में दंड मिलने पर जबरन रिटायर किया गया है। जबरन रिटायर किए गए पुलिसकर्मी जिले के अलग- अलग थाने व पुलिस लाइन में तैनात थे। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि थानेदारों से भी लापरवाही व अक्षम पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। उनकी रिपोर्ट पर भी कई लोगों को रिटायर किया गया है।


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