Top Gorakhpur News Of The Day, 04 अप्रैल 2020 : Gorakhpur Lockdown update : गोरखपुर-बस्ती मंडल में काेरोना से अब तक 11 संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग सतर्क
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गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस को हुए लाकडाउन के दौरान गोरखपुर और बस्ती मंडल से कुल 11 मरीजों में कोरोना वायरस पाया गया है। इसमें छह जमाती हैं जो महराजगंज जिले के निवासी हैं। जबकि बस्ती जिले में कोरोना से संक्रमित युवक की मौत के बाद चार अन्य भी संक्रमित हो गए हैं। इसमें मृतक की मां, उसके दो भाई और उसका एक दोस्त भी शामिल हैं। सभी अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है और संबंधित मरीजों के गांवों पर पहरा बैठा दिया गया है। कोरोना से लडऩे के लिए शहर में बड़ी पहल हुई है। महेवा मंडी के प्रवेश द्वार पर डिसइन्फेक्शन टनल (संक्रमणरोधी सुरंग) बनाई गई है। मंडी में आने-जाने वालों को इसी सुरंग से गुजरना होगा। तीन-चार सेकेंड तक विशेष लिक्विड का फव्वारा छिड़का जाएगा। उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है। चीन, तुर्की, रूस आदि देश इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। देश में तमिलनाडु और कश्मीर में भी यह सुरंग बनाई गई है। कुशीनगर जिले के हाटा नगर स्थित गांधी इंटर कालेज में बने क्वारंटाइन केंद्र से 12 लोगों के भागने के मामले में सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद शनिवार को पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने लापरवाही बरतने में छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। देवरिया जनपद में कोरोना वायरस को लेकर चारों तरफ हड़कंप मचा है। पूरा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी के साथ कोरोना की राह रोकने में लगा हुआ है। बावजूद इसके विदेश से आए लोग चुनौती बने हुए हैं। कारण उन्हीं से सबसे ज्यादा खतरा है। इसमें जो लोग जागरूक हैं वह तो अपनी जांच कराने स्वयं जिला अस्पताल या सीएचसी, पीएचसी पहुंच जा रहे हैं लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो चुपचाप घर के अंदर बैठ जा रहे है। उधर सीएमओ कार्यालय से पांच टीम कार्य कर रही है, बावजूद इसके सभी की स्क्रीनिंग का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। विदेश से आने वाल लोगों में अभी तक 1371 लोगों की स्क्रीनिंग टीम ने किया है। बाकी बचे 320 लोगों की स्क्रीनिंग नहीं हो सकी है। लॉकडाउन की वजह से सामूहिक सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियां इन दिनों पूरी तरह ठप हैं। हालांकि सृजन का सिलसिला नहीं थमा है, पर माध्यम न होने की वजह से वह लोगों तक नहीं पहुंच रहा। सारी सृजनात्मकता चंद दीवारों के बीच सिमट कर रह गई है। बिना किसी सामूहिक आयोजन के उन्हें दीवारों से बाहर निकालने की दैनिक जागरण ने एक अनूठी पहल की है। वाट्सएप के माध्यम से कवि सम्मेलन और मुशायरे के आयोजन की। इसे लेकर बने वाट्सएप ग्रुप पर शुक्रवार को कवि सम्मेलन और मुशायरे की महफिल साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ तिवारी सहित शहर के नामचीन कवियों और शायरों ने अपनी नायाब रचनाओं से सजाई।
काेरोना से अब तक 11 संक्रमित, एक की मौत
कोरोना वायरस को हुए लाकडाउन के दौरान गोरखपुर और बस्ती मंडल से कुल 11 मरीजों में कोरोना वायरस पाया गया है। इसमें छह जमाती हैं जो महराजगंज जिले के निवासी हैं। जबकि बस्ती जिले में कोरोना से संक्रमित युवक की मौत के बाद चार अन्य भी संक्रमित हो गए हैं। इसमें मृतक की मां, उसके दो भाई और उसका एक दोस्त भी शामिल हैं। सभी अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है और संबंधित मरीजों के गांवों पर पहरा बैठा दिया गया है।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में महराजगंज जिले के कोल्हुई थाना क्षेत्र के कम्हरिया बुजुर्ग, सोनपिपरी खुर्द, एकसड़वा गांव, बड़हरा इंद्रदत्त तथा पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के विशुनपुर फुलवरिया तथा इसी थाना क्षेत्र के विशुनपुर कुर्सियां निवासी कुल 21 लोग शामिल हुए थे। वहां से आने पर सभी अपने घरों में छिपे थे। गृहमंत्रालय की सूचना पर सभी की लताश की गई। उसके बाद पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक अप्रैल को महराजगंज के जिला महिला अस्पताल के क्वारंटाइन वार्ड में भर्ती कराया था। क्वारंटाइन किए गए सभी लोगों की जांच के लिए नमूना गुरुवार भेजा गया था। शुक्रवार की रात में जांच रिपोर्ट से पता चला कि इनमें से छह लोग संक्रमित हैं।
जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने बताया कि तब्लीगी मरकज से शामिल होकर घर आए छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्हें जगदौर सीएचसी पर बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। संक्रमित लोगों के परिजनों को भी अस्पताल में आइसोलेट कराया जा रहा है।
तब्लीगी मरकज में शामिल होकर आए कोल्हुई और पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद शनिवार की भोर में पुलिस ने सभी के 36 परिजनों को भी महराजगंज जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया है। इन सभी का नमूना जांच के लिए भेजा जाएगा। कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए कम्हरिया बुजुर्ग, बड़हरा इंद्रदत्त, बिशुनपुर कुर्सियहवा व बिशुनपुर फुलवरिया गांव में सख्ती बढ़ा दी गई है। लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । सभी से सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।
दिल्ली के तब्लीगी मरकज में शामिल होकर बीते 21 अप्रैल को कामाख्या एक्सप्रेस से घर आए छह लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने उनकी ट्रवेल हिस्ट्री की पड़ताल शुरू कर दी है । सभी लोग बीते 18 व 19 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित मरकज में शामिल होने के बाद कामाख्या एक्सप्रेस पकड़कर गोरखपुर पहुंचे थे। ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि इन लोगों द्वारा ट्रेन में यात्रियों को भी संक्रमित किया गया होगा। जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने कहा कि इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है । शासन द्वारा रेलवे बोर्ड को तबलीगी मरकज में शामिल लोगों के यात्रा विवरण के बारे में अवगत कराया जाएगा।
बस्ती जिले में शुक्रवार को कोरोना पाजिटिव के तीन और केस पाए गए। तीनों एक ही परिवार के हैं। इनमें कोरोना से मरे युवक की मां और उसके दोनों भाई शामिल हैं ।इसी के साथ ही बस्ती में कोरोना से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने इसकी पुष्टि की है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना के संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
कोरोना से ग्रसित युवक की 30 मार्च को गोरखपुर मेडिकल कालेज में मौत हो गई। जांच रिपोर्ट मंगलवार को जैसे ही आई उसके करीबियों और परिवारीजनों को घरों से उठा लिया गया था। सभी नौ लोगों को बस्ती मेडिकल कालेज में आइसोलेट कर जांच के लिए सेंपल भेजे गए थे। इनमें से तीन की रिपोर्ट पाजिटिव पाए जाने के बाद उनको अलग अलग कमरों में रखकर इलाज शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान बीते शनिवार को कोरोना वायरस से मरे युवक के संपर्क में उसका एक दोस्त भी था। वह डरा हुआ है। इसी डर के कारण वह मंगलवार को जिला अस्पताल में पहुंच गया। अस्पताल में आइसोलेट कर जांच के लिए उसका सेंपल भेजा गया। गुरुवार को इसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई तो हड़कंप मच गया। तब उसके गांव को संवेदनशील घोषित कर उसके परिवार के पांच सदस्यों समेत सात को आइसोलेट करा दिया गया। इनके भी सेंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बस्ती के जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा है कि सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में पुलिस का कड़ा पहरा कर दिया गया है। संवेदनशील घोषित गांव और मोहल्ले पर निगरानी रखी जा रही है। निरोधात्मक व उपचारात्मक कार्रवाई में आई तेजी आ गई है।
इस सुरंग से गुजरेंगे तो मर जाएगा कोरोना
कोरोना से लडऩे के लिए शहर में बड़ी पहल हुई है। महेवा मंडी के प्रवेश द्वार पर डिसइन्फेक्शन टनल (संक्रमणरोधी सुरंग) बनाई गई है। मंडी में आने-जाने वालों को इसी सुरंग से गुजरना होगा। तीन-चार सेकेंड तक विशेष लिक्विड का फव्वारा छिड़का जाएगा। उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है। चीन, तुर्की, रूस आदि देश इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। देश में तमिलनाडु और कश्मीर में भी यह सुरंग बनाई गई है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन शहर में सोडियम हाइपो क्लोराइट लिक्विड का छिड़काव करा रहा है। यह लिक्विड मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। बाजार में पहुंचे व्यापारियों को सैनिटाइज करने के लिए सुरंग में विशेष घोल से छिड़काव किया जाएगा। यह घोल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है।
महेवा मंडी में सचिव के कार्यालय के बाहर रखी गई सुरंग में चार फव्वारे लगाए गए हैं। फव्वारे में लिक्विड पहुंचाने के लिए पानी की टंकी लगाई गई है। फव्वारे से होकर तीन-चार सेकेंड में गुजरने से पूरा शरीर सैनिटाइज हो जाएगा।
सुरंग में प्रवेश करने से पहले हाथ में सैनिटाइजर लगाना होगा। हाथ सैनिटाइज करने के बाद सुरंग में भेजा जाएगा। अफसरों का कहना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है। नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि चीन, तुर्की, वियतनाम आदि देशों में डिसइन्फेक्शन टनल के काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। महेवा मंडी में आने वाले व्यापारियों और ठेला वालों की ज्यादा संख्या को देखते हुए यह टनल कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड से पहले वहीं लगाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना फैलने से रोकने में यह टनल काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
क्वारंटाइन केंद्र से 12 लोगों के भागने के मामले में उप निरीक्षक समेत छह पुलिसकर्मी सस्पेंड
कुशीनगर जिले के हाटा नगर स्थित गांधी इंटर कालेज में बने क्वारंटाइन केंद्र से 12 लोगों के भागने के मामले में सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद शनिवार को पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने लापरवाही बरतने में छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें उप निरीक्षक विजय शंकर यादव, कांस्टेबल श्याम सुंदर, अनिल मौर्या, सत्यम राय, सुभाष समेत पुलिस कार्यालय के शिकायत प्रकोष्ठ में तैनात भगवान सिंह शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक गांधी इंटर कालेज में बने क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र में 70 लोगों को रखा गया था। सभी की नियमित गिनती होती थी। इनकी निगरानी में पुलिस को भी लगाया गया था। केंद्र में शामिल सभी लोगों को हिदायत दी गई थी कि किसी को भी यहां से नहीं जाना है अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
बताते हैं कि शुक्रवार को जब सभी की गणना की गई तो इनमें से 12 लोग गायब मिले। हालांकि दोबार गिनती हुई। उसके बाद वहां पर रहे अन्य लोगों से पूछताछ हुई। पता चला कि एक एक कर लोग फरार हो गए। फरार होने वालों में विनोद साहनी, गुड्डू, मेघू साहनी, रामबेलास निवासी बगहा बिहार, अफरोज खां, अरविंद यादव, नूरआलम, जुम्मन मियां, लाल बाबू, राजेंद्र, दीनानाथ यादव व सूरज कुमार हैं। उक्त सभी बिहार के बेतिया के निवासी हैं। इसकी जानकारी प्रशासन को दी गई। एसडीएम प्रमोद कुमार के निर्देश पर लेखपाल संजय सिंह की तहरीर पर फरार लोगों के खिलाफ हाटा कोतवाली में धारा 269, 270, 271, 188, आइपीसी तथा नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 55 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि उक्त केंद्र की जिम्मेदारी निभाने के लिए बकायदा निर्देश दिया गया था। पुलिस निगरानी के बाद भी लोग फरार हो गए। यह सरासर लापरवाही है। लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जहां भी जिसकी तैनाती है, वह ठीक से जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
यहां पर विदेश से आए 320 लोगों की नहीं हुई स्क्रीनिंग
देवरिया जनपद में कोरोना वायरस को लेकर चारों तरफ हड़कंप मचा है। पूरा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी के साथ कोरोना की राह रोकने में लगा हुआ है। बावजूद इसके विदेश से आए लोग चुनौती बने हुए हैं। कारण उन्हीं से सबसे ज्यादा खतरा है। इसमें जो लोग जागरूक हैं वह तो अपनी जांच कराने स्वयं जिला अस्पताल या सीएचसी, पीएचसी पहुंच जा रहे हैं लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो चुपचाप घर के अंदर बैठ जा रहे है। उधर सीएमओ कार्यालय से पांच टीम कार्य कर रही है, बावजूद इसके सभी की स्क्रीनिंग का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। विदेश से आने वाल लोगों में अभी तक 1371 लोगों की स्क्रीनिंग टीम ने किया है। बाकी बचे 320 लोगों की स्क्रीनिंग नहीं हो सकी है।
विदेश से आए लोगों की जांच प्राथमिकता के आधार पर होना है। इसके लिए शासन का सख्त निर्देश भी है। सीएमओ कार्यालय से रेपिड रिस्पांस टीम, डब्ल्यूएचओ की टीम, सीएचसी पीएचसी टीम, टीबी विभाग की टीम के अलावा निगरानी टीम विदेश से आए लोगों के घर पहुंच कर उनकी स्क्रीनिंग कर रही है।
यह टीम गोरखपुर, वाराणसी व लखनऊ एयरपोर्ट से मिली सूची के आधार पर यात्रियों के मिले नाम पते पर जा रही है। विदेश से आने वाले लोगों की संख्या अधिक होने के कारण टीमों को पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर लाक डाउन व वाहनों के नहीं चलने के कारण तीन दिन से लोग दिल्ली, लखनऊ उतर कर पैदल घर पहुंच रहे हैं, तो कुछ रास्ते में ही रुके हैं। जिससे उनकी स्क्रीनिंग में परेशानी हो रही है।
सीएमओ डा. आलोक पांडेय ने कहा कि विदेश से आए लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य सभी टीमें कर रही है। हर रोज सुबह से रात तक टीमें घर पहुंच उनकी स्क्रीनिंग का कार्य कर रही है। सभी लोगों का स्कीनिंग होना है। उन्होंने विदेश से आने वालों से अपील करते हुए कहा कि वह अगर अपने आने की सूचना दे दें तो उन्हें ढूढने में परेशानी नहीं होगी। बहरहाल टीम लगी हुई है।
वाट्सएप ग्रुप पर कवि सम्मेलन व मुशायरे का अनूठा आयोजन
लॉकडाउन की वजह से सामूहिक सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियां इन दिनों पूरी तरह ठप हैं। हालांकि सृजन का सिलसिला नहीं थमा है, पर माध्यम न होने की वजह से वह लोगों तक नहीं पहुंच रहा। सारी सृजनात्मकता चंद दीवारों के बीच सिमट कर रह गई है। बिना किसी सामूहिक आयोजन के उन्हें दीवारों से बाहर निकालने की दैनिक जागरण ने एक अनूठी पहल की है। वाट्सएप के माध्यम से कवि सम्मेलन और मुशायरे के आयोजन की। इसे लेकर बने वाट्सएप ग्रुप पर शुक्रवार को कवि सम्मेलन और मुशायरे की महफिल साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ तिवारी सहित शहर के नामचीन कवियों और शायरों ने अपनी नायाब रचनाओं से सजाई। एक से बढ़कर एक रचनाओं से सजी महफिल शहर ही नहीं बल्कि समूचे पूर्वांचल के साहित्यिक इतिहास में नया अध्याय जोड़ गई।
प्रो. विश्वनाथ तिवारी ने कोरोना के संक्रमण से बचाव को जूझ रहे लोगों को अपनी कविता के माध्यम से मनुष्यता का दुख बताया। रचना के माध्यम से उन्होंने बताया कि मनुष्य के दुख की कथा अनंत है।
पहली बार नहीं देखा था इसे बुद्ध ने
इसकी कथा अनंत है
कोई नहीं कह सका इसे पूरी तरह
कोई नहीं लिख सका इसे संपूर्ण
क्या तुम देखने चले हो दुख?
इसी क्रम में अपनी एक अन्य रचना से उन्होंने मनुष्य को उसकी मंजिल भी दिखाई।
सूरज डूब रहा है
और अंधेरा घिरने वाला है
मेरे आगे जो रास्ता है
कांटे बिखरे हैं उसपर
प्रो. अनंत मिश्र ने इस सिलसिले को प्यार का मतलब बताकर आगे बढ़ाया। उसे पाने की कसक का अहसास कराया।
प्यार तो कब का सरक गया
अंटी में बंधा था अठन्नी की तरह
पूरा रुपया तो कभी न था
अब उसकी कसक है
खो जाने अहसास है
प्रो. मिश्र ने अपनी एक अद्यतन कविता में कोरोना की वजह से मजदूरों के दर्द को उभारा और आयोजन को प्रासंगिक बना दिया।
प्रो. केसी लाल ने प्रो. मिश्र की बात को आगे बढ़ाते हुए जिंदगी के मायने अपनी गजल के माध्यम से बताए। उन्होंने जिंदगी की तुलना नदी से की।
जिंदगी यह एक नदी सी है
कहीं सूखी, कहीं चढ़ी सी है
ख्वाब हों या कि तमन्नाएं
ये हकीकत गुदगुदी की है
किस तरह से सुकूने-दिल
मुसीबतों की लड़ी सी है
मशहूर शायर कलीम कैसर अपने मौजू शेर से वर्तमान की विपरीत परिस्थितियों में उम्मीद की लौ जगाई। शेर के माध्यम से उन्होंने कोरोना पर करुणा के भारी पडऩे का फलसफा बताया।
हमारा होगा मंगल और यह इतवार जाएगा
हमें विश्वास है ये तप निभा ले जाएंगे हम सब
हैं करुणा वाले हम, हमसे कोरोना हार जाएगा
इसी क्रम में उन्होंने मनुष्य को उसकी गलतियों को अहसास भी अपनी रचना से कराया।
अजब हुआ कि पङ्क्षरदे उड़ान भूल गए
जमीं पर रहने लगे और आसमान भूल गए।
टीएन श्रीवास्तव वफा गोरखपुरी ने अपनी गजल से आदमियत का पैमाना पेश किया। आदमी को आदमी की तरह पेश आने की नसीहत दी।
आप उससे भी मिलिए उसी की तरह
बात जो भी करे आदमी की तरह
उसको अपना बनाना हो गर जान लें
बंदगी कीजिए बंदगी की तरह
बंद होगा न दरवाजा मेरा कभी
मुझसे मिलिए मगर आदमी की तरह।
कोरोना के संक्रमण से परेशान देशवासियों का दर्द मशहूर शायर सैयद आसिम रऊफ की गजल में झलका। उन्होंने इसे लेकर खुद की चाहत का इजहार किया।
भंवर में हूं किनारा चाहता हूं
मैं तिनके का सहारा चाहता हूं
कोरोना से महफूज रहे मेरा भारत
वतन में यही नजारा चाहता हूं।
अंत में मशहूर शायर महेश अश्क ने अपनी गजल से जिंदगी में हार न मानने की सीख दी। उन्होंने सच के एक सिरे से संतोष न करने की सलाह दी, साथ ही दृसरे सिरे को तलाशने का रास्ता दिखाया।
कौन-सा अब पहाड़ है टूटा
मुंह किए बैठे हो जो इत्ता- सा
जिंदगी सख्त मुम्तहिन ठहरी
कुछ कहीं पढ़-पढ़ा ले, तब जा-ना
सच का एक छोर थाम बैठे हो तुम
जब कि एक दूसरा सिरा भी था