Move to Jagran APP

जिंदा युवक को कोरोना से मृत बता भेजा दूसरे का शव, दाह संस्‍कार के समय खुला भेद Gorakhpur News

सरयू नदी के तट पर मुखाग्नि देने के लिए परिजनों ने शव पर से कपड़े को हटाया तो दंग रह गए। शव दूसरे समुदाय के उम्र दराज व्यक्ति का था।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 04:10 PM (IST)
जिंदा युवक को कोरोना से मृत बता भेजा दूसरे का शव, दाह संस्‍कार के समय खुला भेद Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। संत कबीरनगर जनपद के महुली थाना क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार को एक अजीब नजारा देखने को मिला। एक जिंदा युवक को मृत बताकर दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति का शव उसके घर भेज दिया गया। जवान बेटे की मौत की सूचना से घर में कोहराम मच गया। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव के अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी कर ली गई। सरयू नदी के तट पर मुखाग्नि देने के लिए परिजनों ने शव पर से कपड़े को हटाया तो दंग रह गए। शव दूसरे समुदाय के उम्र दराज व्यक्ति का था। इसकी जानकारी होते ही प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया। पता किया गया तो शव धर्मसिंहवा थाना क्षेत्र के कोरोना संक्रमित व्यक्ति का था। वहीं मृत बताया गया युवक बस्ती के कैली अस्पताल में स्वस्थ मिला। आनन-फानन में शव को पुलिस ने शव वाहन में लादा और वहां से निकल गई। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। लोग प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। 

loksabha election banner

महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव निवासी दो सगे भाई मनोज और अखिलेश मुंबई से चार दिन पूर्व घर आए हैं। तीन दिन से मनोज को बुखार व सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मथुरापुर के प्रधान राधेरमण ने बताया कि वह इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग की टीम को दे चुके हैं। मौके पर पहुंची टीम ने मनोज के साथ उसके भाई अखिलेश को अटेंडेंट के रूप में खलीलाबाद ले गई। वहां स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने मनोज को बस्ती स्थित कैली अस्पताल भेज दिया। जबकि अखिलेश को खलीलाबाद जिला अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया गया। सोमवार की देर रात महुली पुलिस गांव में पहुंचकर मनोज के मौत की सूचना दी। जवान बेटे की मौत की सूचना पर घर में कोहराम मच गया। परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गए। मंगलवार की सुबह शव वाहन से शव गांव में पहुंचा। परिजन पुलिस अभिरक्षा में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार के दौरान मुखाग्नि देने के लिए जब शव देखे तो दंग रह गए। वह उम्रदराज व्यक्ति का शव था। चेहरे पर दाढ़ी भी थी। मनोज का शव होने से इंकार करते हुए परिजन शोर मचाने लगे। मौके पर मौजूद महुली पुलिस भी नजारा देख दंग रह गई। उसके बाद पुलिस ने शव पूर्व की अवस्था में करके वाहन में रख दिया। परिजनों ने बताया कि मनोज कैली अस्पताल में रूम नंबर 229 के बेड संख्या पांच पर मौजूद है। उसका इलाज चल रहा है, वह स्वस्थ है।

दरअसल मनोज के नाम पर जो शव यहां भेजा गया था वह धर्मसिंहवा थाना क्षेत्र के महादेवा नानकार के 52 वर्षीय साजिद अली का था जिसकी कोरोना से मौत हुई थी। वह भी कैली अस्पताल में भर्ती था। महुली के थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया की बड़ी चूक होते-होते बची है। जिंदा युवक को मृत बताकर अस्पताल के लोगों ने दूसरे समुदाय के व्यक्ति के शव को भेज दिया था। अंतिम संस्कार के समय शव को खोलकर देख लिया गया जिससे बड़ी चूक होते होते बच गई। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

कैली अस्‍पताल से हुई है चूक

संतकबीर नगर जिले के जिलाधिकारी रवीश कुमार का कहना है कि बस्ती के कैली अस्पताल से चूक हुई है। इसकी जांच करवाई जा रही है। मनोज अभी ठीक है, उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। शव का अंतिम संस्कार परिजनों की उपस्थिति में करवा दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.