Corona virus : अबकी होली मटन, चिकन की जगह लेंगे कटहल, मशरूम Gorakhpur News
कोरोना के प्रभाव के भ्रम के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने पहले से ही नॉनवेज से दूरी बना रखी है। महेवा स्थित सब्जी मंडी में कटहल की आवक खूब है। मांग बढ़ गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। इस साल होली में मटन-चिकन की जगह कटहल व मशरूम खाने के मेनू में शामिल होने वाले हैं। कोरोना के प्रभाव के भ्रम के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने पहले से ही नॉनवेज से दूरी बना रखी है। जिनपर इस अफवाह का असर नहीं है, वे होली मंगलवार के दिन पडऩे से धार्मिक कारणों के चलते इस बार शाकाहारी भोजन पर जोर दे रहे हैं। जिसके कारण मटन, चिकन की जगह कटहल, मशरूम व पनीर ने ले ली है।
कटहल की आवक तेज
महेवा स्थित सब्जी मंडी में कटहल की आवक खूब है। व्यापारियों के अनुसार होली में इस सब्जी की मांग बढ़ जाती है। दो दिन बाद से ही होली के मद्देनजर कटहल की खरीद शुरू हो जाएगी। हर साल होली में नॉनवेज पसंद करने वाले शाहपुर निवासी नरसिंह सिंह का कहना है कि मंगलवार के दिन पूरा परिवार नॉनवेज से दूर रहता है। इसलिए इस बार मशरूम व कटहल की सब्जी को खाने की मेनू में शामिल किया जा रहा है। राजेंद्र नगर निवासी दीपक का कहना है कि कोरोना के कारण तो नहीं लेकिन मंगलवार का दिन होने से इस बार नॉनवेज नहीं खाएंगे। कई दोस्त मिलकर होली का पर्व मनाते हैं, इस बार खाने में कटहल, मशरूम या पनीर को रखा जाएगा।
क्या हैं सब्जियों के दाम
कटहल थोक बाजार में 40 रुपये प्रतिकिलो की दर से शुक्रवार को बिक्री हुई। फुटकर बाजार में कीमत 60 से 80 रुपये रही। मशरूम की कीमत 150 से 180 रुपये प्रतिकिलो तक रही।
कड़कनाथ की बढ़ रही मांग
कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते लोग पोल्ट्री आइटम से दूरी बना रहे हैं। पर, छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की विकल्प के रूप में मांग बढ़ रही है। पोल्ट्री कारोबारी सुधीर सिंह के अनुसार इस मुर्गे में प्रतिरोधक क्षमता अधिक मानी जाती है, जिससे एक वर्ग इसे पसंद करता है। आमतौर पर इसकी बिक्री कम ही होती है। इस समय देसी मुर्गा भी बहुत कम मिल पा रहा है।