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फ्रांसीसी परिवार ने कहा-असली भारत को अब समझा, याद में लगाया पौधा Gorakhpur News

पर्यावरण दिवस पर फ्रांस के टूलोज शहर से आए पैट्रीस पैलारे के बेटे टाम ने कोल्‍हुआ उर्फ सिंहोरवा के शिव मंदिर में निशानी के तौर पर आम का पौधा लगाया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 07:14 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 05:37 PM (IST)
फ्रांसीसी परिवार ने कहा-असली भारत को अब समझा, याद में लगाया पौधा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। फ्रांसीसी परिवार को भारत की आबोहवा भा गई है। पूरा कुनबा भारतीय सभ्यता, संस्कृति, परंपरा, धार्मिकता व भोजपुरी परिवेश के रंग में रच-बस गया है। इसकी एक बानगी विश्व पर्यावरण दिवस पर भी देखने को मिली। फ्रांस के टूलोज शहर से आए पैट्रीस पैलारे के बेटे टाम ने कोल्‍हुआ उर्फ सिंहोरवा के शिव मंदिर में निशानी के तौर पर आम का पौधा लगाया। यह पौधा ग्रामीणों के बीच फ्रांसीसी परिवार की याद को जिंदा रखेगा। उन्‍होंने कहा कि यदि हम यहां नहीं ठहरते तो असली भारत के बारे में परिचित होने से वंचित ही रह जाते। यहां रहने से हमें न केवल भारतीय संस्‍कृति का पता चला है, अपितु भारत के बारे में भी पता चल गया है।

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मार्च से ही मंदिर परिसर में ठहरा है परिवार

फ्रांस के मशहूर शहर 'टूलोज' से भारत भ्रमण करते हुए महराजगंज जनपद के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा पहुंचा यह परिवार नेपाल सीमा बंद होने के चलते बीते 21 मार्च से यहां मंदिर परिसर में रुका हुआ है। पैट्रीस पैलारे, उनकी पत्‍नी वर्जीनी, बेटियां लोला व ओफली व बेटे टाम  ने कहा कि यह पौधा लोगों के बीच हमारी यादों को जिंदा रहेगा। जब भी कोई यहां आएगा, इन पौधों को देखकर बरबस ही हमें याद करेगा। उन्‍होंने कहा कि नेपाल सीमा खुलते ही हम अपनी यात्रा को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन भारत को भूलना मुश्‍किल है। यह हमारी यादों में जिंदा रहेगा।

लाकडाउन में सीमा बंद होने से मंदिर पहुंचा फ्रांसीसी परिवार

लाकडाउन के चलते भारत-नेपाल सीमा बंद हो गया था। तब सोनौली सीमा से वापस आया फ्रांसीसी परिवार कोल्‍हुआ उर्फ सिंहोरवा गांव पहुंच गया। वहां मंदिर परिसर में रुका। मंदिर के पुजारी ने उनका स्‍वागत सत्‍कार किया। उसके बाद फ्रांसीसी परिवार तभी से वहीं पर ठहरा हुआ है। हालांकि प्रशासन ने उनके लिए अच्‍छे होटल में ठहराने के लिए कई बार अनुरोध कर चुका है, पर वह मंदिर से गए नहीं। मंदिर परिसर, पु‍जारी और गांव के लोगों का व्‍यवहार फ्रांसीसी परिवार को ऐसा भाया कि वह तभी से यहीं पर ठहरे हुए हैं। पूरे परिवार को मंदिर से ही भोजन मिलता है।

यह पौधा हमारे होने का कराएगा अहसास

फ्रांसीसी परिवार के सभी सदस्‍य पुजारी के साथ मंदिर में पूजा भी करते हैं। प्रसाद भी ग्रहण करते हैं। अब जबकि वह अपने वतन जाने की तैयारी कर रहे हैं तो उन्‍होंने अपनी याद के लिए आम का पौध लगा दिया है। फ्रांसीसी परिवार का कहना है कि यह पौधा हमारे यहां रहने का अहसास करता रहेगा। हम यहां के लोगों को कभी भूल नहीं सकते हैं। यहां के लोग काफी भोले और सीधे हैं। लोगों का व्‍यवहार अपनेपन का अहसास दिलाता है। 


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