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गोरक्षपीठ से पीढि़यों से है इस मुसलिम परिवार का संबंध, जानें- योगी आदित्‍यनाथ को क्‍यों फूल भेंट करता है यह परिवार Gorakhpur News

गोरखपुर में एक ऐसा मुसिलम परिवार है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर से निकलने पर उन्हें गुलाब का फूल भेंट करता है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 03:17 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 09:48 AM (IST)
गोरक्षपीठ से पीढि़यों से है इस मुसलिम परिवार का संबंध, जानें- योगी आदित्‍यनाथ को क्‍यों फूल भेंट करता है यह परिवार Gorakhpur News
गोरक्षपीठ से पीढि़यों से है इस मुसलिम परिवार का संबंध, जानें- योगी आदित्‍यनाथ को क्‍यों फूल भेंट करता है यह परिवार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। यह बात शायद कम ही लोगों को पता हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर से निकलने पर एक मुस्लिम परिवार उन्हें गुलाब का फूल भेंट करता है। यह बात एक बार रविवार को भी प्रासंगिक हुई। सीएए को लेकर सीएम ने जागरूक अभियान की शुरुआत इस परिवार से मिलकर की। यह चौधरी कैफुल वरा का परिवार है। कैफुल के पूर्वज ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ को गुलाब का फूल भेंट किया करते थे। कैफुल परिवार ऐसा भाईचारगी को बढ़ावा देने के लिए करता है।

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रविवार सुबह भी गोरखनाथ मंदिर के पास कैफुलवरा का परिवार मुख्यमंत्री के आने की प्रतीक्षा कर रहा था। उनसे जब पूछा गया कि सीएम किस सिलसिले में आने वाले हैं तो उन्होंने कहा कि सिलसिला कुछ नहीं वह यहां आते हैं और उनका परिवार उन्हें भाईचारगी में गुलाब का फूल भेंट करता है। उन्होंने कहा कि उनके वालिद चौधरी मकबुल हुसैन ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ को फूल दिया करते थे। उनके बाद उन्होंने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को फूल देना शुरू किया। अब इसी परंपरा के तहत वह मुख्यमंत्री को फूल भेंट कर रहे हैं।

केबी सिंह के परिजनों से मिले मुख्यमंत्री, बधाया ढांढस

उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ रविवार सुबह हुमायूपुर स्थित स्व.केबी सिंह के परिजनों से मिले और उन्हें ढांढस बधाया। मुख्यमंत्री ने परिजनों से कहा कि वह इस घड़ी में खुद को मजबूत रखें। मुख्यमंत्री करीब सवा 11 बजे स्व. केबी सिंह के घर पहुंच गए। वहां उनके बड़े पुत्र अर्जुन सिंह, गेंदा सिंह सिर्फ गोदी बाबू से मिले और उन्हें सांत्वना दी। बाद में स्व. सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। स्व. सिंह की पत्नी धनवंती सिंह को धीरज रखने को कहा। उनके पौत्र मनिल सिंह से कहा कि वह दादी का ख्याल रखें और उनकी सेवा करें। स्व. सिंह जनसंघ से जुड़े रहे।


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