जानें-मधवलिया गोसदन की सच्चाई, इस वजह से सस्पेंड हुए डीएम समेत पांच अधिकारी Gorakhpur News
गोसदन के जिम्मेदार 1546 गायों का महीने भर में 13.91 लाख रुपये का गोलमाल कर रहे थे। गोसदन के आसपास पशु तस्करों की सक्रियता भी गोवंशियों के संकट का बड़ा कारण माना जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के मधवलिया गोसदन से 1546 गायों के लापता होने के बाद लोग सकते में आ गए हैं। जांच में परत दर परत गोसदन के प्रबंध तंत्र की लापरवाही उजागर होने के बाद हलचल तेज है। यह कृत्य जिम्मेदारों की लापरवाही छिपाने का प्रयास मात्र था या गायों के नाम पर उनकी देखभाल करने वाले लोग ही चारा खा रहे थे। इसका खुलासा जांच में अब धीरे-धीरे होने लगा है।
अपर आयुक्त की जांच की यह है रिपोर्ट
अपर आयुक्त द्वारा की गई जांच में जो तथ्य सामने आए हैं , उसके मुताबिक मधवलिया गोसदन के इंट्री रजिस्टर में 2500 गायों को दर्ज किया गया है। जबकि मौके पर महज 954 ही उपलब्ध हैं। अगर विभागीय नियमों पर गौर करें तो एक गाय पर शासन द्वारा प्रतिदिन 30 रुपये दिया जाता है।
हरमाह गायों के चारा के नाम पर डकार रहे थे 14 लाख
गोसदन के जिम्मेदार 1546 गायों का प्रतिदिन 46380 रुपये डकार रहे थे। महीने भर में 13.91 लाख का गोलमाल हो रहा था। गोसदन के आसपास पशु तस्करों की सक्रियता भी गोवंशियों के संकट का बड़ा कारण माना जा रहा है। गोसदन के समीप बसे गांवों में पशु तस्करों ने अपना ठिकाना वर्षों पूर्व से बनाया है। नेपाल सीमा गोसदन से महज आठ किलोमीटर दूर है। ऐसे में तस्कर आसानी से गोवंशियों को नेपाल की सीमा में पहुंचा उन्हें बांग्ला देश तक ले जाते हैं।
इसी रिपोर्ट पर सस्पेंड हुए डीएम समेत पांच अधिकारी
अपर आयुक्त की रिपोर्ट को आधार मानकर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि महराजगंज जिले के मध्वलिया गो सदन में गोवंश के रखरखाव में मिली गंभीर अनियमितता के चलते डीएम अमर नाथ उपाध्याय, तत्कालीन एसडीएम देवेन्द कुमर और मौजूदा एसडीएम सत्या मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजीव उपाध्याय, पशु चिकित्सा अधिकारी वीके मौर्य निलंबित किये गए है।
कागजों में चल रहे थे पशु आश्रय केंद्र
मधवलिया से सटे मैरी व पिपरहिया गांव के पशु आश्रय केंद्र भी गोसदन के परिसर में ही चल रहे थे। कागजों में ही सही इनका संचालन था और गोसदन मधवलिया के जिम्मेदार ही प्रति गाय 30 रुपये के हिसाब से पैसा निकाल रहे थे।
भूमि आवंटन में भी हुआ है खेल
1546 गायों के लापता होने के साथ ही गोसदन की भूमि को चेहेतों को आवंटित करने का बड़ा मामला सामने आया है। गोसदन की 328 एकड़ भूमि को महज 13 हजार रुपये के हिसाब से हुंडा दे दिया गया। यहां तक कि अकेले व्यवसायी गौतम पोद्दार को 105 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई। प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद विरोध भी खूब हुआ था, लेकिन अंत में मामला ठंडे बस्ते में चला गया।