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ये सिद्धार्थनगर है, एक ही स्थान पर बना दिए छह धान क्रय केंद्र

गल्ला माफिया पानी फेर दे रहे हैं। तहसील प्रशासन और विभाग की मिलीभगत से इस बार भी किसानों को छले जाने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है। नियम के तहत आठ किलोमीटर से अधिक दूरी पर कोई धान क्रय केंद्र नहीं बन सकता।

By Rahul SrivastavaEdited By: Fri, 08 Oct 2021 09:30 AM (IST)
ये सिद्धार्थनगर है, एक ही स्थान पर बना दिए छह धान क्रय केंद्र
सिद्धार्थनगर में एक ही स्थान पर बना दिए छह धान क्रय केंद्र। प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : शासन की मंशा पर गल्ला माफिया पानी फेर दे रहे हैं। तहसील प्रशासन और विभाग की मिलीभगत से इस बार भी किसानों को छले जाने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है। नियम के तहत आठ किलोमीटर से अधिक दूरी पर कोई धान क्रय केंद्र नहीं बन सकता, लेकिन यहां किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए 20 से तीस किलोमीटर तक अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी।

साधन सहकारी समिति कंचनपुर से जुड़ा अंतिम गांव बनगवां

सिद्धार्थनगर जिले में साधन सहकारी समिति कंचनपुर व भारतभारी, शाहपुर तक दूरी 20 किमी है। इस समिति से जुड़़ा अंतिम गांव बनगवां है, जहां से दूरी और बढ़ जाती है। इसी प्रकार मानिकगंज समिति की खरीद भी मंडी समिति में ही होगी। बढ़नीचाफा, दलपतपुर, वासाचक और रमवापुर जगतराम का खरीद स्थल भी मंडी ही निर्धारित है। दूरी लगभग 30 किलोमीटर से अधिक है। किसान परेशान हैं कि सरकार उनके निकटतम क्षेत्र में सरकारी खरीद की सुविधा देने की बात कर रही है तो खरीद स्थल इतना दूर क्यों बनाया गया। जब क्षेत्र में समितियां खरीद के लिए हैं तो उन्हें ही खरीद स्थल क्यों नहीं तय किया जा रहा है।

क्रय केंद्र के निर्माण में की गई मनमानी

त्रिलोकी ने कहा कि क्रय केंद्र के निर्माण में मनमानी की गई है। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा। मुनाफे की जगह घाटा होना तय है। शैलू सिंह ने कहा कि दलपतपुर समिति बिस्कोहर के पास है, वहां से किसान को उपज लेकर आने में शाहपुर तक कितनी परेशानी होगी इसका अंदाजा जिम्मेदारों को नहीं, इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। मनबहाल दुबे ने बताया कि रमवापुर समिति से शाहपुर के दूरी 22 किलोमीटर से अधिक है। किसान पहले ही आनलाइन पंजीयन को लेकर परेशान हैं, अगर इतनी दूर खरीद स्थल निर्धारित होगा तो किसान क्यों सरकारी बिक्री करेगा। परवेज मलिक ने कहा कि एसडीएम को शिकायती पत्र भेजकर यह मांग की गई है कि समितियों पर ही धान खरीद की स्वीकृति प्रदान करें जिससे लोगों को परेशान न होना पड़े।

क्रय केंद्रों की नहीं आई अंतिम सूची

एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि अभी क्रय केंद्रों की अंतिम सूची नहीं आई है। अगर अंतिम सूची में भी क्रय स्थल में बदलाव नहीं होता तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।