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यूपी के इस अस्‍पताल को 23 वर्ष बाद मिला अपना भवन

सिद्धार्थनगर जिले के एक अस्‍पताल को 23 साल बाद अपना भवन नसीब हुआ। यह अस्‍पताल है औराताल क्षेत्र के कुंडी ग्राम पंचायत में निर्मित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूल। 18 लाख रुपये की लागत से इस अस्‍पताल भवन का निर्माण हुआ है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 03:38 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 03:38 PM (IST)
यूपी के इस अस्‍पताल को 23 वर्ष बाद मिला अपना भवन
राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूलपुर कुंडी के नए भवन में इलाज करते डा.कुलदीप सिंह। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सिद्धार्थनगर जिले में औराताल क्षेत्र के कुंडी ग्राम पंचायत में निर्मित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूल को अपना भवन स्थापना के 23 वर्ष बाद नसीब हुआ। 18 लाख रुपये की लागत से बने भवन के चलते अब किराये से छुटकारा मिल गया, जिससे न केवल डाक्टर व स्टाफ को राहत मिली बल्कि मरीजों को भी राहत मिल गई। दैनिक जागरण ने इस संबंध में खबर भी प्रकाशित की थी, जिसका नतीजा मिला कि भवन अस्‍पताल विभाग को हैंडओवर कर दिया गया।

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1998 में हुई थी होम्‍यो‍पैथिक अस्‍पताल की स्‍थापना

राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल रसूलपुर में वर्ष 1998 में अस्पताल की स्थापना हुई थी। किराये के भवन में चालू हुआ अस्पताल पहले तो कुछ वर्ष ठीक-ठाक चला। बाद में भवन खाली करना पड़ा। कुछ वर्षों बाद अस्पताल बगल के गांव कुंडी में स्थानांतरित हो गया था। तब से वही संचलित था। 2018 में शासन से भवन निर्माण की सहमति बनी तो भूमि रसूलपुर में न मिल कर कूड़ी में मिली। 18 लाख रुपया की लागत से क'छप गति से कार्य शुरू हुआ। निर्माण कार्य वर्ष 2020 में जाकर लगभग पूर्ण हुआ। तब से हैंडओवर की बाट जोह रहा था। जागरण के खबर प्रकाशन के बाद अब अस्पताल हैंडओवर हो गया। चिकित्साधिकारी कुलदीप ङ्क्षसह सहित क्षेत्रीय लोगों ने जागरण को धन्यवाद ज्ञापित किया।

बेवा में 7.50 करोड़ की लागत से बनेगा औषधि भंडार गृह

कोरोना संक्रमण की भयावहता के मद्देनजर बेवां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो रही है। यहां 7.50 करोड़ रुपये की लागत से औषधि भंडार गृह का निर्माण होने जा रहा है। एसडीएम त्रिभुवन के नेतृत्व में राजस्व टीम ने परिसर में इसके लिए भूमि चिह्नांकन का कार्य पूरा किया। बताया कि इसके निर्माण से स्थानीय स्तर पर दवा स्टाक रखने की क्षमता बढ़ जाएगी। कोविड काल में सरकारी अस्पताल की सुविधाओं में इजाफा हो रहा है। तहसील के पीएचसी जहां उच्चीकृत होने जा रहे हैं, वहीं बेवां सीएचसी में भी जरूरी काम हो रहे हैं।

सात करोड़ रुपये से बनाया जाएगा औषधि भंडार

पीकू वार्ड, आक्सीजन प्लांट के बाद यहां सात करोड़ पचास लाख रुपये से औषधि भंडार घर बनाया जाएगा। परिसर में ही इसके लिए भूमि चिह्नित कर ली गई है। इस भवन में वातानुकूलित चैंबर भी रहेगा जहां निश्चित तापमान पर रखी जाने वाली दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में स्टोर हो सकेंगी। अधीक्षक डा. वीएन चतुर्वेदी ने बताया कि पहले स्टाक सीमित रखना पड़ता था, जगह नहीं थी। निर्माण होने से समस्या समाप्त होगी।


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