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साजिश रचने वालों के लिए फायदेमंद न बन जाए पर्दाफाश में देरी Gorakhpur News

एसपी सिटी डा. कौस्तुभ का कहना है कि वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। हैंडवाश और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 01:30 PM (IST)
साजिश रचने वालों के लिए फायदेमंद न बन जाए पर्दाफाश में देरी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कारोबारी सईद अहमद की मौत की गुत्थी सुलझाने में देरी कहीं साजिश रचने वालों के लिए फायदेमंद न साबित हो जाए। घटना की जांच को प्रभावित करने के लिए जिस तरह से कुछ प्रभावशाली लोग सक्रिय हो गए हैं और स्थानीय पुलिस का जो रवैया है, उससे इस आशंका को बल भी मिल रहा है।

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बाथरूम में मिला था शव, लगी थी तीन गोली

कोतवाली इलाके के इस्माइलपुर मोहल्ला निवासी दवा कारोबारी सईद अहमद की 13 फरवरी की रात गोली लगने से मौत हो गई थी। उनका शव घर के अंदर कमरे से जुड़े बाथरूम में मिला था। सिर और सीने में तीन गोली लगने से उनकी मौत हुई थी। मौके से बरामद पिस्टल के चेंबर में फंसी गोली चौथी गोली चलाने के प्रयास की गवाही दे रही थी। कारोबारी के पुत्र अनस सहित परिवार के सदस्य अवसाद की वजह से खुदकशी करने का दावा कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह कि तीन गोली मारकर खुदकशी करने का कोई अन्य उदाहरण न मिलने के बाद भी कोतवाली पुलिस भी इसे खुदकशी ही मान रही है। स्थानीय पुलिस ने पहले उच्‍चाधिकारियों को भी गुमराह कर दिया था, लेकिन तीन गोली लगने से मौत होने की बात सामने आने के बाद उन्होंने घटना को हत्या के नजरिये से छानबीन करने का निर्देश दिया।

कई दिन बाद शुरू हुई पूछताछ

उच्‍चाधिकारियों के सख्त रवैया अपनाने के कई दिन बाद पुलिस ने इस मामले में पूछताछ शुरू की। घटना की रात घर में मकान के एक हिस्से में अनस, उसकी पत्नी और दो नाबालिग नौकर तथा दूसरे हिस्से में कारोबारी के भाई व उनके परिवार के लोग मौजूद थे। भाई का परिवार अलग और घर के दूसरे हिस्से में रहता है, इसलिए उनसे पूछताछ का भी कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता। बेटे को थाने लाया गया था, लेकिन पूछताछ करने की औपचारिकता पूरी करने के बाद उसे घर जाने की इजाजत दे दी गई। अलबत्ता कारोबारी पुत्र के तीन दोस्तों को दो दिन तक थाने में रखकर पूछताछ की जाती रही, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकाला।

रिपोर्ट आने में देरी बनी चर्चा का विषय

कारोबारी के जिस हाथ में पिस्टल मिली थी उसका हैंडवाश पुलिस ने सुरक्षित कर लिया था। कई अन्य फोरेंसिक नमूने भी लिए गए थे। काफी दबाव के बाद कोतवाली पुलिस ने इन्हें जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ भेजा। पहले बताया गया कि 24 फरवरी को हैंडवाश रिपोर्ट मिल जाएगी। इसे लेने के लिए विशेष वाहक भी भेजा गया है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट मिल नहीं पाई है। रिपोर्ट न मिलने को लेकर आमजन के बीच ही नहीं पुलिस विभाग में भी कई तरह की चर्चा सरगर्म है। एसपी सिटी डा. कौस्तुभ का कहना है कि वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। हैंडवाश और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा। बहुत जल्दी घटना का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।


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