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सिर्फ पार्किंग से ही चिड़‍ियाघर ने कमा लिए 5.57 लाख रुपये

इस साल 28 मार्च को लोकार्पण होने के बाद से जून तक शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) की पार्किंग से 5.57 लाख रुपये से अधिक की आय हो चुकी है। पार्किंग से होने वाली आय को रोज प्राणि उद्यान सोसाइटी के खाते में जमा किया जाता है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 06:25 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 06:25 PM (IST)
चिड़‍ियाघर ने पार्किंग से कमाए 5.57 लाख रुपये। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : इस साल 28 मार्च को लोकार्पण होने के बाद से जून तक शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) की पार्किंग से 5.57 लाख रुपये से अधिक की आय हो चुकी है। पार्किंग से होने वाली आय को रोज प्राणि उद्यान सोसाइटी के खाते में जमा किया जाता है। चिड़‍ियाघर प्रशासन की देखरेख और दिशा-निर्देशन में वसूली के लिए दैनिक मजदूरों को काम पर लगाया गया है। पार्किंग का ठीका न हो पाने की वजह से प्राणि उद्यान सोसाइटी ने दैनिक मजदूरों से वसूली कराने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई है।

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28 मार्च को मुख्‍यमंत्री ने किया था चिड़‍ियाघर का लोकार्पण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 मार्च को चिड़‍ियाघर का लोकार्पण किया था। इससे पहले चिड़‍ियाघर की पार्किंग को ठीके पर देने के लिए 19 मार्च को निविदा आमंत्रित की गई थी। तीन अप्रैल को निविदा खोले जाने की तिथि निर्धारित की गई थी। इसी बीच चिड़‍ियाघर का लोकार्पण किए जाने का कार्यक्रम तय हो जाने की वजह से प्राणि उद्यान सोसाइटी ने दैनिक मजदूरों से पार्किंग की वसूली किए जाने की वैकल्पित व्यवस्था बनाई। तभी से यह व्यवस्था चली आ रही है।

एक मई से आठ जून तक बंद था चिड़‍ियाघर

चिड़‍ियाघर के निदेशक डा.एच राजामोहन ने बताया कि 28 मार्च से लेकर छह जुलाई तक पांच लाख 57 हजार चार सौ रुपये पार्किंग शुल्क से चिड़‍ियाघर की आय हुई थी। इस बीच एक मई से आठ जून तक कोविड - 19 की वजह से चिड़‍ियाघर पूरी तरह से बंद रहा। लाकडाउन खत्म होने के बाद नौ जून को खोला गया। पार्किंग के ठीके के लिए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कैफेटेरिया के लिए दो बार आमंत्रित की जा चुकी है निविदा

डा.राजामोहन ने बताया कि चिड़‍ियाघर परिसर में बने कैफेटेरिया के लिए दो बार (तीन मार्च और 18 मार्च) निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। पहली सिर्फ एक निविदा और दूसरी बाद कोई निविदा प्राप्त नहीं हुई। कैफेटेरिया का ठीका न हो पाने की वजह जानने के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित कमेटी ने फ्लोर रेट अधिक होने की रिपोर्ट दी थी। नया फ्लोर रेट निर्धारित करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जुलाई को बैठक हुई थी। बहुत जल्द नए फ्लोर रेट पर निविदा आमंत्रित की जाएगी।


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