तीस रुपये प्रतिदिन से नहीं चल रहा काम, नगर आयुक्त ने कहा-58 रुपये चाहिए, जाने-क्या है मामला Gorakhpur News
नगर आयुक्त ने कहा कि कान्हा उपवन में तमाम गोवंशियों की देखरेख की जाती है। प्रति गोवंशीय की देखरेख में प्रतिदिन 58 रुपये खर्च होते हैं। तीस रुपये से काम नहीं चल पा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अतुल सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन सहित विभिन्न अधिकारियों के साथ मीटिंग की। नगर आयुक्त आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने आयोग के उपाध्यक्ष से कहा कि प्रति निराश्रित गोवंश की देखरेख के लिए दिया जाने वाले 30 रुपये प्रतिदिन बेहद कम हैं। इसे बढ़ाकर 58 रुपये किए जाएं।
देख-रेख में खर्च हो जाते हैं 58 रुपये
नगर आयुक्त ने कहा कि कान्हा उपवन में तमाम गोवंशियों की देखरेख की जाती है। प्रति गोवंशीय की देखरेख में प्रतिदिन 58 रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में यदि 30 रुपये के बजाय पशुपालकों को प्रति गोवंश देखरेख के लिए 58 रुपये दिए जाएं तो वह थोड़ा और उत्साह के साथ कार्य करेंगे। इस दौरान जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि गोशाला के केयर टेकरों को भुगतान के लिए कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है। इसके लिए कोई शासन से कोई स्पष्ट दिशा निर्देश मिले तो उन्हें समय से भुगतान दिया जा सके। उन्होंने कई गोशालाओं पर बाउंड्रीवाल की व्यवस्था किए जाने को भी कहा।
मुख्यमंत्री से कराएंगे अवगत
आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि वह सुझावों को मुख्यमंत्री से अवगत कराएंगे। उन्होंने मीटिंग में मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.देवेन्द्र कुमार शर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर, एसडीएम खजनी, एसडीएम बांसगांव, एसडीएम गोला आदि मौजूद रहे। बाद में आयोग के उपाध्यक्ष ने कान्हा उपवन समेत तीन गोशालाओं का निरीक्षण किया। वहां गायों को गुण खिलाया और व्यवस्था संतोष जनक पाई।
जगह की कोई दिक्कत नहीं
गोसेवा आयोग उपाध्यक्ष की मीटिंग में श्याम सेवा गोशाला बांसगांव के प्रतिनिधि मृत्युंजय सिंह ने बताया कि उनकी गोशाला में जगह की कोई कठिनाई नहीं है। यदि कहीं गोवंश को रखने में कठिनाई आ रही है तो उनकी गोशाला में रखी जा सकती है।