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मौसम बदल रहा है ; धूल, धुआं व गर्दा से बचें Gorakhpur News

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के छाती श्वांस एवं टीबी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी मिश्रा ने कहा कि मौसम बदल रहा है धूल धुआं गर्दा से बचें।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:10 AM (IST)
मौसम बदल रहा है ; धूल, धुआं व गर्दा से बचें Gorakhpur News
मौसम बदल रहा है ; धूल, धुआं व गर्दा से बचें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के छाती, श्वांस एवं टीबी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी मिश्रा ने कहा कि मौसम बदल रहा है, धूल, धुआं, गर्दा से बचें। सुबह-शाम खासकर बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं बाहर न निकलें। गरम पानी का सेवन करें, गले में खराश होने पर गरम पानी का गलाला करें। बुखार होने पर सिर्फ पैरासिटामॉल लें, न ठीक होने पर चिकित्सक से संपर्क करें। अपने मन से कोई अन्य दवा न खाएं। डॉ. मिश्रा दैनिक जागरण के कार्यक्रम 'हेलो डॉक्टर' में आम जनता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। 

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सवाल - सांस लेने में दिक्कत है। खांसी आ रही है और बलगम भी है। क्या करें? सोनी, मोहद्दीपुर

जवाब - मौसम परिवर्तन से सांस लेने में दिक्कत आ जाती है। धूल, धुआं, गर्दा आदि से बचें। एसी में रखी चीजों का प्रयोग न करें। मास्क लगाकर घर से निकलें।

सवाल -पांच-छह दिन से सर्दी-जुकाम-खांसी है। क्या करें? वाहिद अंसारी, देवरिया

जवाब- यह मौसम बदलने की वजह से है। गरम पानी का गलाला करें। तरल पदार्थ ज्यादा लें। बुखार होने पर पैरासिटामॉल लें। दो-चार दिन में ठीक हो जाएगा।

सवाल - इस मौसम में छोटे बच्चों को कैसे बचाएं? उमानाथ, कौड़ीराम

जवाब- छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों के लिए यह मौसम अनुकूल नहीं होता है। फ्रिज के सामान का सेवन न करने दें। सामान्य खुराक दें।

सवाल -जब भी ठंड पड़ती है तो खांसी व बलगम हो जाता है, क्या करें? रामाशीष, रावतगंज

जवाब- यह अस्थमा व एलर्जी के लक्षण हैं। छाती रोग विशेषज्ञ को दिखाकर उपचार कराएं। धूमपान न करें।

सवाल - हमेशा सिर भारी रहता है, क्या करें? रामेश्वर पटेल, महराजगंज

जवाब- किसी एमबीबीएस डॉक्टर को दिखा लें।

सवाल - मेरा दोनों गाल फूला हुआ है। हमारे आसपास कई लोगों को यह समस्या है? राजमणि उपाध्याय, गौर, बस्ती

जवाब- इसे पैरोटाइटिस कहते हैं। अधिकतर मामलों में यह खुद ही चला जाता है। लेकिन नाक-कान-गला विशेषज्ञ से दिखा लेने की जरूरत है। कई लोगों को है, इसलिए इसकी सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी को जरूर दें। इसकी रोकथाम जरूरी है।

सवाल - हमेशा छाती भारी रहती है, छींक भी आती है। क्या करें? सूरज, सहजनवां

जवाब- यह एलर्जी है। प्रदूषण से बचें। मास्क लगाकर बाहर निकलें। हरियाली के बीच ज्यादा रहें।

सवाल - ठीक से सांस नहीं ले पाते, जोर से खींचनी पड़ती है। घबराहट भी होती है। कहीं यह मानसिक रोग तो नहीं? अनिल कुमार जायसवाल, सिसवा

जवाब - यह मानसिक रोग नहीं है, आपको घबराहट है। आप योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार शुरू करें।

सवाल -छाती में जकडऩ व बलगम है। क्या करें? रामायण मिश्रा, देवरिया

जवाब- यह अस्थमा का लक्षण हैं। यह बीमारी 100 फीसद नियंत्रित की जा सकती है। योग्य चिकित्सक को दिखाएं।

सवाल - सर्दी-जुकाम व गले में खरास है। क्या करें? संदीप, महावीर छपरा

जवाब- यह सीजनल फ्लू है। गरम पानी पियें और उसी से गलाला करें। अनुलोम-विलोम करें।

सवाल - ठंडी में अक्सर नाक से खून आ जाता है, हमेशा पानी आता रहता है। क्या करें? सीपी मिश्रा, शिवपुर सहबाजगंज

जवाब- यह सीजनल एलर्जिक राइनाटाइटिस है। नाक को गरम पानी से धोएं। नाक-कान-गला विशेषज्ञ को दिखा लें।

सवाल - मेरी बच्ची को बहुत ज्यादा छींक आती है। हमेशा सर्दी-जुकाम बना रहता है। क्या करें? भारती त्रिपाठी, मोहद्दीपुर

जवाब- यह सीजनल एलर्जिक राइनाटाइटिस के लक्षण हैं। धूल, गर्दा, धुआं से बचें। घर की साफ-सफाई करते समय भी नाक-मुंह पर कपड़ा बांध लें। किसी नाक-कान-गला विशेषज्ञ से संपर्क करें।

सवाल -इस मौसम में बच्चों, बुजुर्गों के लिए लिए बचाव क्या है? सूर्य प्रकाश पांडेय, बस्ती

जवाब- जब मौसम बदलता है तो हमारा शरीर उसे एडाप्ट नहीं कर पाता है। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है। सुबह-शाम कम निकलने दें, जब निकलें तो गरम कपड़े पहनकर निकलें। इस समय बुजुर्गों की बीपी बढ़ जाती है। नमक का सेवन कम करें। एक दिन में पांच ग्राम से अधिक नमक न लें।

सवाल - मेरा बच्चा पैर मोड़कर सोता है। सोते समय उसके पैर कांपने लगते हैं। क्या करें? विकास, रामकोला, कुशीनगर

जवाब- बच्चे को सूर्योदय के समय धूप का सेवन जरूर कराएं। उसे दूध दें। ज्यादा दिक्कत होने पर बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।

सवाल - 12 महीने से सर्दी-खांसी है, ठीक नहीं हो रही है। क्या करें? गौतम जायसवाल, नौतनवां

जवाब- यह एलर्जी है। यह नाक से सीधे फेफड़े तक पहुंच जाए तो अस्थमा हो सकता है। किसी छाती- सांस रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।

सवाल - सर्दी-खांसी और हल्का बुखार है। क्या करें? श्याम चौहान, कुशीनगर

जवाब- यह सीजनल फ्लू है। यह 98 फीसद मामलों में अपने आप ठीक हो जाता है। ठीक न हो तो डॉक्टर को दिखाएं।

सवाल - पिछले एक महीने से लगातार खांसी आ रही है। क्या करूं? शैलेंद्र चतुर्वेदी, सिंघडिय़ा

जवाब- यह तापमान में अचानक परिवर्तन की वजह से है। सुबह-शाम घर में रहें। गरम पानी का सेवन करें, भांप लें।

सवाल -15 दिन से जुकाम जा नहीं रहा है, हल्की खांसी भी आ रही है। अक्सर यह हो जाता है। क्या करें? निशिकांत त्रिपाठी, सरया तिवारी, खजनी

जवाब- छाती एवं सांस रोग विशेषज्ञ से मिलें। भांप लें। प्रतिवर्ष इन्फ्लूएंजा का वैक्सीन लगवाएं।

सवाल - खांसी आती है, सांस फूलती है। दो माह से परेशान हूं। 20 साल पहले मैं धूमपान करता था। क्या करूं? राम प्रसाद, खलीलाबाद

जवाब- पहले किए गए धूमपान की वजह से फेफड़ों का पॉवर कम हो सकता है। यह सीओपीडी बीमारी की शुरुआत हो सकती है। किसी छाती रोग विशेषज्ञ से मिलकर इलाज कराएं।

सर्दी-जुकाम-खांसी के कारण

बदलता मौसम

सुबह-शाम ठंडी, दोपहर को गर्मी

प्रदूषण

धुआं, धूल, गर्दा

ज्यादा देर हरियाली विहीन वातावरण में रहना

लक्षण

तेज बुखार

सांस फूलने की समस्या

खांसी

बलगम आना

थकान

घबराहट

बचाव

सुबह-शाम घर से कम निकलें

तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें

गरम पानी पियें

भांप लें

बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लगवाएं

पौष्टिक आहार लें

हरी सब्जियों का सेवन करें 


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