खतरे के निशान तक पहुंची यह नदी ; हर साल हाेती है भारी तबाही, अलर्ट जारी, Gorakhpur News
प्रशासन ने सरयू नदी से प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने सभी एसडीएम को नदी से प्रभावित गांवो में ग्राम आपदा प्रबंधन समिति को सक्रिय करने का निर्देश दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। पहाड़ी इलाकों व नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण सरयू नदी के जल स्तर में एक बार फिर से वृद्धि दर्ज की गई है। अयोध्या व तुर्तीपार में सरयू खतरे के निशान के लगभग पहुंच गई है। अयोध्या में नदी बढ़ाव की ओर है। इस कारण आसपास के इलाकों के ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सरयू नदी से प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने सभी एसडीएम को सरयू नदी से प्रभावित गांवो में ग्राम आपदा प्रबंधन समिति को सक्रिय करने का निर्देश दिया है। साथ ही सिंचाई विभाग को लगातार तटबँधो की पेट्रोलिंग के निर्देश दिए हैं। बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक अयोध्या में सरयू खतरे के निशान 92.73 मीटर के सापेक्ष 92.48 मीटर के स्तर पर बह रही है जबकि तुर्तीपार में खतरे के बिंदु 64.01 मीटर के सापेक्ष 63.13 मीटर के स्तर पर पहुंच गई है। नदी के जल में हो रही वृद्धि से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।
जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों में पलायन की स्थिति
नदी में जलस्तर के बढ़ने का क्रम यदि नहीं थमा तो तटवर्ती गांवों से पलायन की स्थिति बन सकती है। नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते बाढ़ खंड के जिम्मेदार बस्ती जिले के विक्रमजोत लोलपुर तटबंध के ठोकरों को बचाने में जुट गए हैं। उधर तटबंध विहीन गांवों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों ने कहा-सुरक्षा का इंतजाम नहीं
बस्ती जिले के विक्रमजोत विकास क्षेत्र के केशवपुर, रानीपुर, बाघानाला,भरथापुर ,कल्यानपुर संदलपुर के गांव के लोगों ने बताया कि एक बार फिर गांव छोड़ने की स्थिति बनने लगी है। यदि ऐसे ही जलस्तर बढ़ता रहा तो कल तक गांवों में पानी घुसना शुरू हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सुरक्षा कोई स्थाई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। गत वर्ष की बाढ़ व कटान से हुए नुकसान अभी उबर भी नहीं पाए थे कि इस बार फिर वही स्थिति बन गई है। इस बार तो नदी गांवों पर सीधा हमला कर रही है।
आबादी की अधिकांश जमीन नदी में समाई
आबादी की अधिकांश जमीन नदी की धारा में समा चुकी है। अब घरों के कटने का समय आ गया है। लगातार हो रही कटान से स्थाई निजात दिलाने का अब तक कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। तहसील प्रशासन का कहना है कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए वह पूरी तरह तैयार है।