जल लेकर पहुंचने लगे कांवड़िए, शिवमय हुआ गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन Gorakhpur News
भगवान भोले शंकर के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास है। कांवड़ लेकर नंगे पांव शिव भक्त अयोध्या से बस्ती तक पैदल चल रहे हैं। पूरा फोरलेन कांवडि़यों से पट गया है।
By Edited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 02:12 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। भगवान भोले शंकर के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास है। कांवड़ लेकर नंगे पांव शिव भक्त अयोध्या से बस्ती तक पैदल चल रहे हैं। 26 जुलाई से शुरू कांवड़ यात्रा अब भक्तिभाव से ओतप्रोत है। रविवार को कांवड़िएं बस्ती पहुंचना शुरू कर दिए हैं। वहीं अयोध्या के पवित्र सरयू तट से जल भरकर चलने वालों का तांता लगा है। भगवाधारियों ने बस्ती-अयोध्या को जोड़ दिया है।
भक्ति के जुनून में लोग कदम बढ़ाए जा रहे हैं। रास्ते में संगीत, भजन, बोलबम की गूंज हो रही है। कोई भोले की शक्ल में चल रहा है, तो कोई शिव मंत्रों के सहारे आगे बढ़ रहा है। जनपद सीमा घघौआ पुल कांवड़ियों के विश्राम का पहला पड़ाव है। यहां से फिर चलकर विक्रमजोत में ठहराव हो रहा है। पचवस स्कूल और इसके बाद छावनी में श्रद्धालु रुक रहे हैं। हर्रैया कस्बे में विशेष व्यवस्था है। सेवादारों ने जगह-जगह राहत शिविर लगाए हैं। यहां कांवड़ियों के जलपान, स्नान और उपचार की व्यवस्था है। इन जगहों पर गेरुआधारियों का एक जत्था निकल रहा है तो दूसरा आकर ठहर रहा है। महराजगंज, कप्तानगंज में भी कांवड़ियों की भीड़ है। तिलकपुर शिवमंदिर पर भी शिवभक्तों का डेरा जमा हुआ है।
यहां से यात्रा प्रारंभ हो रही है तो फुटहिया और अमहट घाट पर आकर रुक रही है। अगले दिन सुबह तक बाबा भद्रेश्वरनाथ धाम तक कांवड़िए पहुंचना शुरू हो जाएंगे। भदावल के पास मिले पुन्नवासी ने बताया कि पत्नी और बच्चे के साथ कांवड़ उठाए हैं। यह लोग स्वयं के हाथों तैयार किया खाना खाकर यात्रा पूरी कर रहे हैं। मुस्कान भी तीन साल से कांवड़ उठा रही हैं। भोलेनाथ उनकी हर मुराद पूरी कर रहे हैं। भक्ति की कठिन परीक्षा में सैलाब उमड़ा हुआ है। भजन, गीत के बीच हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष हो रहे हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा में बस्ती से अयोध्या तक हाइवे सील कर दिया गया है। 30 जुलाई को जलाभिषेक के बाद ही आवागमन बहाल हो पाएगा।
भक्ति के जुनून में लोग कदम बढ़ाए जा रहे हैं। रास्ते में संगीत, भजन, बोलबम की गूंज हो रही है। कोई भोले की शक्ल में चल रहा है, तो कोई शिव मंत्रों के सहारे आगे बढ़ रहा है। जनपद सीमा घघौआ पुल कांवड़ियों के विश्राम का पहला पड़ाव है। यहां से फिर चलकर विक्रमजोत में ठहराव हो रहा है। पचवस स्कूल और इसके बाद छावनी में श्रद्धालु रुक रहे हैं। हर्रैया कस्बे में विशेष व्यवस्था है। सेवादारों ने जगह-जगह राहत शिविर लगाए हैं। यहां कांवड़ियों के जलपान, स्नान और उपचार की व्यवस्था है। इन जगहों पर गेरुआधारियों का एक जत्था निकल रहा है तो दूसरा आकर ठहर रहा है। महराजगंज, कप्तानगंज में भी कांवड़ियों की भीड़ है। तिलकपुर शिवमंदिर पर भी शिवभक्तों का डेरा जमा हुआ है।
यहां से यात्रा प्रारंभ हो रही है तो फुटहिया और अमहट घाट पर आकर रुक रही है। अगले दिन सुबह तक बाबा भद्रेश्वरनाथ धाम तक कांवड़िए पहुंचना शुरू हो जाएंगे। भदावल के पास मिले पुन्नवासी ने बताया कि पत्नी और बच्चे के साथ कांवड़ उठाए हैं। यह लोग स्वयं के हाथों तैयार किया खाना खाकर यात्रा पूरी कर रहे हैं। मुस्कान भी तीन साल से कांवड़ उठा रही हैं। भोलेनाथ उनकी हर मुराद पूरी कर रहे हैं। भक्ति की कठिन परीक्षा में सैलाब उमड़ा हुआ है। भजन, गीत के बीच हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष हो रहे हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा में बस्ती से अयोध्या तक हाइवे सील कर दिया गया है। 30 जुलाई को जलाभिषेक के बाद ही आवागमन बहाल हो पाएगा।
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