आइए, इस गांव को आप भी देखिए, सुविधा में किसी शहर से कम नहीं G0rakhpur News
पिपरौली विकास खंड का जंगल दीर्घन सिंह गांव प्रदेश के उन चुनिंदा हाईटेक गांवों में शामिल है जिसे जियोग्राफिकल इंफार्मेशन टैग मिला है।
गोरखपुर, जेएनएन। किसी गांव में बिजली, पानी, सड़क के साथ सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों, हर गली स्वच्छ हो तो ऐसे गांव में भला कौन नहीं बसना चाहेगा? पिपरौली विकास खंड का जंगल दीर्घन सिंह गांव प्रदेश के उन चुनिंदा हाईटेक गांवों में शामिल है जिसे जियोग्राफिकल इंफार्मेशन टैग मिला है। गांव और यहां के लोगों के साथ ही प्रधान की तारीफ इसलिए जरूरी है क्योंकि यह उस इलाके में बसा है, जो पलायन और गरीबी के लिए जाना जाता है। इस ग्राम पंचायत को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार 2019 के लिए चुना गया है। गांव का हुलिया बदला है युवा प्रधान विवेक शाही ने। जनपद मुख्यालय से करीब 17 किमी दूर गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर स्थित गांव आज आधुनिक भारत की तस्वीर बयां कर रहा है। जहां देश में अधिकांश हिस्से में प्रधानों को लेकर ग्रामीणों की खराब सोच है वहीं विवेक शाही ने इस सोच को बदलने के लिए खुद अपने गांव को गोद लेकर निजी संसाधनों से विकास की नई कहानी गढ़ दी है।
सर्व सुविधा संपन्न गांव
गांव के मुख्य मार्ग से लेकर अन्य जगहों पर नौ सीसी कैमरे लगाए जा रहे हैं। 40 एलईडी स्ट्रीट लाइट, 18 स्ट्रीट सोलर लाइट, चार पब्लिक एड्रेस सिस्टम, हर पांचवें घर पर कूड़ादान, कामन सर्विस सेंटर, वाइ-फाइ, दो माडर्न स्कूल और अन्य कई सुविधाएं हैं। इस पंचायत में 95 फीसद ग्रामीणों के आधार कार्ड, 97 फीसद बिजली कनेक्शन हैं।
बेटियां हैं महफूज, वाइफाइ युवाओं के लिए वरदान
गांव की अर्पिता कहती हैं कि अब लाइट आए या न आए, कोई फर्क नहीं पड़ता। गांव की हर गली में सोलर लाइट है। घर में शौचालय बनने से सुबह जल्दी उठने की चिंता खत्म हो गई है। अर्पिता की तरह हर बेटी अपने गांव की गलियों में खुद को महफूज पाती हैं। 11वीं कक्षा के विद्यार्थी रामस्वारथ कहते हैं कि किसी भी विषय पर जानकारी के लिए अपने फोन पर वाइफाइ कनेक्ट कर हासिल कर लेते हैं। वाइफाइ युवाओं के लिए वरदान है।
देश ही नहीं, अपितु विदेश के लिए भी नजीर बनेगा यह गांव
ग्राम प्रधान विवेक शाही का कहना है, मैं अपने गांव में वो हर एक सुविधा देने की कोशिश कर रहा हूं जिससे गांव का नाम पूरी दुनिया में रोशन हो सके। हर पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। गांव ही हर बेटी सुरक्षित रहे, हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिले, घर की पहचान बेटी के नाम से हो, ऐसी तमाम बातों का खास ध्यान रखा है। सिलाई-कढ़ाई केंद्र, कुटीर उद्योग व जैविक खेती को बढ़ावा जैसी कई सुविधाएं देने की कोशिश की है जिससे यहां का पलायन रुक सके।
मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार
जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि आधारभूत संरचनाओं का विकास कर जंगल दीर्घन सिंह ग्राम पंचायत ने प्रतिष्ठित दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार जीता है। भविष्य में अच्छा कार्य करने वाली अन्य ग्राम पंचायतें भी प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतें। 15 लाख रुपये की पुरस्कार धनराशि एक सप्ताह के भीतर ग्राम पंचायत को उपलब्ध करा दी जाएगी।