सिंचाई विभाग का हैरतअंगेज कारनामा : नहीं मुड़ी नदी की धारा, खर्च हो गए 52 लाख Gorakhpur News
आश्चर्यजनक बात यह है कि इस पर कुल 52 लाख रुपये खर्च हो गए। अब बाढ़ का समय आ गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जिले में सरयू नदी की धारा मोड़कर तटबंध और बस्ती जिले की खेती की जमीनों को बचाने के सरकार के प्रयासों को जिम्मेदार अफसर ही पलीता लगा दिए हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस पर कुल 52 लाख रुपये खर्च हो गए। अब बाढ़ का समय आ गया है। जाहिर है कि तटवर्ती गांव में पानी तो घुसेगा ही, खेत भी नदी की धारा में विलीन होने से कोई रोक नहीं सकता है।
मशीन सिर्फ खड़ी रही और नदी तटबंध के पास पहुंची
अतिसंवेदनशील कटरिया चांदपुर तटबंध के पास ड्रेजिंग मशीन नदी की धारा को मोडऩे के लिए लगाई गई तो आसपास के किसान काफी खुश हो गए थे। यह मशीन कुछ काम करने के बाद यहां सिर्फ खड़ी रही। स्थिति यह है कि अब नदी बढ़कर तटबंध के पास आ गई है। मशीन चली ही नहीं और नदी की धारा मोडऩे पर 52 लाख रुपये खर्च भी हो गए। सिंचाई विभाग का यह हैरतअंगेज कारनामा सुन किसान और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे हैं।
फरवरी में शुरू हुआ था कार्य
अति संवेदनशील तटबंध कटरिया चांदपुर पर खजंचीपुर गांव के निकट सिंचाई विभाग की तरफ से ड्रेजिंग मशीन लगाकर तटबंध की तरफ आ रही सरयू नदी की धारा को मोडऩे का कार्य फरवरी में शुरू कराया गया लेकिन जून माह बीतने को है अब तक मौके पर कोई खास कार्य नहीं दिखा। नदी तटबंध पर और ज्यादा दबाव के साथ प्रवाहित हो रही है। ग्रामीणों की माने अधिकारियों की लापरवाही के चलते ड्रेजर आए दिन बंद रहता था। अधिकारियों के निरीक्षण के समय ही मशीन को चलाया जाता था।
स्थिति जस की तस
फरवरी से मई तक ड्रेजर मशीन को चलाने में 52 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति आज भी जस की तस है। खजांचीपुर निवासी रामअवतार यादव, रामकेश, रामसागर आदि ने बताया जब से मशीन लगी है अधिकतर समय बंद ही रहा करती थी। अधीक्षण अभियंता नवीन कपूर ने बताया ड्रेजर मशीन लगातार चल रही थी काम भी काफी हुआ है। इधर नदी का जलस्तर बढऩे से काम रोक दिया गया है।