सिपाहियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, थानेदार जैसा होगा रुतबा, जानें-क्या है विशेषता Gorakhpur News
एसएसपी डा. सुनील गुप्ता का कहना है कि पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। बीट सिपाही को सीयूजी नंबर मिलेगा। बीट की पूरी जवाबदेही सिपाही की होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। कानून-व्यवस्था दुरुस्त और अपराधियों पर नजर रखने के लिए थानों में बनी बीट प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए इसका पुनर्गठन किया जा रहा है। नई व्यवस्था में एक बीट में अब दो सिपाही होंगे। तेज तर्रार सिपाही प्रभारी बनेगा तो दूसरा सहायक होगा। प्रभारी को सीयूजी नंबर भी दिया जाएगा। कुल मिलाकर बीट सिपाही को थाना और चौकी प्रभारी की तरह जिम्मेदारी दी जाएगी।
बीट व्यवस्था का पुनर्गठन
सुस्त पड़ी बीट प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर इसका पुनर्गठन किया गया है। बीट क्षेत्र से शिकायत मिलने पर दोनों सिपाही जांच कर रिपोर्ट देंगे। इलाके में रहने वाले अपराधियों व गलत काम करने वालों की सूची तैयार करेंगे।
अपराधियों का लेखा-जोखा अब बीट सिपाही पर
जेल से जमानत पर बाहर आए अपराधियों पर खास नजर रखनी होगी। इसके साथ ही बीट क्षेत्र की आबादी, होने वाले अपराध और सक्रिय अपराधियों का लेखा-जोखा बीट प्रभारी के पास होगा।
पुलिस के बुनियादी ढांचे होंगे मजबूत
इस संबंध में एसएसपी डा. सुनील गुप्ता का कहना है कि पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। बीट सिपाही को सीयूजी नंबर मिलेगा। बीट की पूरी जवाबदेही सिपाही की होगी। उन्हें क्षेत्र में हर तरह के लोगों से संपर्क रखना होगा। कोई भी घटना होने पर बीट प्रभारी से जवाब मांगा जाएगा।