कृषि क्षेत्र में संभावनाएं अपार, पहल करने की है जरूरत Gorakhpur News
कुशीनगर में कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष पहल करनी होगी। पिछले तीन वर्षों के आंकड़े पर गौर करें तो धान व गेहूं की फसलों के बाद गन्ने की खेती पर किसान जोर देते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : कुशीनगर में कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इसके लिए सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष पहल करनी होगी। पिछले तीन वर्षों के आंकड़े पर गौर करें तो धान व गेहूं की फसलों के बाद गन्ने की खेती पर किसान जोर देते हैं। इसके अलावा कहीं-कहीं हल्दी, मूंग, केला की खेती भी होती है, जो सुदृढ़ व्यवस्था न होने से परवान नहीं चढ़ पा रही है। यहां संसाधन के अभाव के कारण किसान परंपरागत खेती के अलावा और दूसरे उत्पाद पर जोर नहीं देते हैं। कारण है कि एक तो सिंचाई के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो दूसरी ओर उन्हें उपजाऊ मिट्टी के अनुसार समय से बीज नहीं मिल पाता है। इसके चलते एक-दो साल खेती करने के बाद किसान इससे मुंह मोड़ लेते हैं।
किसानों को नहीं मिल पाता उपज का मूल्य
दुदही क्षेत्र में हल्दी की खेती होती है, लेकिन प्रोसेसिंग मशीन न होने से किसानों को उनके उपज का मूल्य नहीं मिल पाता है। लगभग 39 लाख से अधिक की आबादी वाले इस जनपद में 14 ब्लाकों के 1003 ग्राम पंचायतों में खेती की बेहतरी के लिए और ठोस योजनाएं बनानी पड़ेगी।
यहां सभी प्रकार खेती के लिए उपलब्ध है मिट्टी
कृषि विभाग के अनुसार यहां सभी प्रकार की खेती के लिए मिट्टी उपलब्ध है। दोमट, भाठ, चिकनी, बलुई मिट्टी अधिक पाई जाती है। नारायणी नदी के किनारे की उपजाऊ मिट्टी भी कटान की वजह से रेत बनती जा रही है। इसके लिए भी सरकार को कदम उठाना पड़ेगा, तभी किसानों की दिक्कतें कम होंगी।
किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं
हरित क्रांति, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, सब मिशन आन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन, किसान पाठशाला, प्रमाणित बीज अनुदान, कृषि सूचना तंत्र एवं सुदृढ़करण, बीज ग्राम योजना, मनरेगा तथा खेत तालाब समेत 20 योजनाएं संचालित हैं, जिनमें किसानों को किसी न किसी रूप में अनुदान की सुविधा मिलती है।
बजट में खेती-किसानी के लिए बढ़ाई जाएं सुविधाएं
विधानसभा सत्र में 22 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले बजट किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि के क्षेत्र में और बेहतर पहल करेगी, जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। संजीव कुमार गुप्ता कहते हैं कि खेती के नए संयंत्र के साथ अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए बजट में सरकार से अपेक्षा है। राजा महेश्वर प्रताप शाही कहते हैं कि उन्नतशील खेती के लिए सरकार को ठोस पहल करनी चाहिए, जिससे किसान उत्पादन बढ़ा सकें। मन्नू राय कहते हैं कि चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक नहीं पहुंच पाता। इसके लिए पहल की जरूरत है। अनीसुद्दीन सिद्दीकी कहते हैं कि जैविक विधि से खेती करने के लिए सरकार को विशेष रूप से किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
संसाधन को देना चाहिए विस्तार
सिद्धार्थ राय का कहना है कि सिंचाई के संसाधन को और विस्तार देना चाहिए, जिससे किसानों को पानी के संकट से न जूझना पड़े।
कृषि को लेकर सरकार गंभीर
जिला कृषि अधिकारी प्यारे लाल ने कहा कि कृषि को लेकर सरकार गंभीर है और किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनुदान देकर लाभ भी पहुंचा रही है। योजनाओं को लेकर गांव स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। ब्लाक से लेकर जिला स्तर पर किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कर्मचारी लगे हुए हैं। कृषि वैज्ञानिक भी शिविरों में किसानों को खेती के नए तरीके बता रहे हैं, ताकि उत्पादन बढ़ने के साथ उपज का लाभ भी उन्हें मिल सके।