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नेपाल में वाहन का संचालन बंद, प्रभुनाथ मंदिर तक जाना हुआ मुश्किल

कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल सरकार ने बार्डर पर और सख्ती बढ़ा दिया है। भारतीय नागरिकों के तीर्थयात्रा पर भी रोक लगा दी है। अब तक बढ़नी होकर नेपाल की गाड़ियों से भारतीय नागरिक नेपाल के प्यूथान जिले में स्थित प्रभुनाथ मंदिर जाते थे लेकिन मंगलवार की शाम से यात्रियों को भी नहीं जाने दिया जा रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:30 AM (IST)
नेपाल में वाहन का संचालन बंद, प्रभुनाथ मंदिर तक जाना हुआ मुश्किल
नेपाल में वाहन का संचालन बंद, प्रभुनाथ मंदिर तक जाना हुआ मुश्किल

सिद्धार्थनगर: कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल सरकार ने बार्डर पर और सख्ती बढ़ा दिया है। भारतीय नागरिकों के तीर्थयात्रा पर भी रोक लगा दी है। अब तक बढ़नी होकर नेपाल की गाड़ियों से भारतीय नागरिक नेपाल के प्यूथान जिले में स्थित प्रभुनाथ मंदिर जाते थे, लेकिन मंगलवार की शाम से यात्रियों को भी नहीं जाने दिया जा रहा। दोनों देश के सटे बाजार में आवागमन पर फिलहाल कोई रोक नहीं है। बढ़नी से प्रभुनाथ मंदिर की दूरी 162 किलोमीटर है।

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ककरहवा, बढ़नी और अलीगढ़वा के रास्ते दोनों देशों के लोग वाहनों से आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। वहीं व्यवसाय व मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए पगडंडी सहारा बन बना है। करीब डेढ़ वर्ष से यह स्थिति बनी हुई है। एसएसबी के जवान चप्पे-चप्पे पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं। किसी विशेष परिस्थिति या बीमार व्यक्तियों को ही दवा करवाने के लिए पैदल सीमा पार करने का इजाजत दी जा रही है।

अलीगढ़वा क्षेत्र से जुड़े सीमाई इलाके के लोग जीविकोपार्जन के लिए भारत पर निर्भर हैं। अपनी दिनचर्या की सामग्री सीमा क्षेत्र के अलीगढ़वा बाजार से खरीद कर एसएसबी से विशेष आग्रह पर लगभग एक किलोमीटर पगडंडी रास्ते से गुजर रहे हैं। बारिश की वजह से इन रास्तों पर कीचड़ हो गया है। कई बार लोग इसमें गिर भी जाते हैं।

बीमारों को दी जा रही सहूलियत

ककरहवा: भारत-नेपाल बार्डर की खुली सीमा से आवागमन के लिए सिर्फ बीमारों को ही सहूलियत मिल रही है। सोमवार को नेपाल सीमा के लालपुर बार्डर के रास्ते नेपाल के अमहवा निवासी सिराजुद्दीन जो नेपाल में ही बाइक और टेंपों की टक्कर में गम्भीर रूप से घायल हो गए थे, उन्हें उनके रिश्तेदार सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल ले जाना चाहते थे। एसएसबी जवानों ने उन्हें भारत लाने के लिए पूरी सहूलियत दी।

व्यापारियों को उठाना पड़ रहा आर्थिक नुकसान

ककरहवा में भारत नेपाल सीमा सील होने का सबसे ज्यादा खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है। सीमा पार से आवागमन न होने के कारण बाजार में सन्नाटा फैला हुआ है। कस्बे के किराना व्यवसायी मनोज गुप्ता ने बताया कि बार्डर बंद होने से व्यापार चौपट हो गया है। हम व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मुसीबत में हैं बार्डर के किसान

ऐसे किसान जिनका खेत दोनों देशों में है, उन्हें भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। किसान सुरेंद्र, तूफानी, पप्पू, लक्ष्मण, पिटू आदि ने बताया कि हम लोगों की पुश्तैनी खेती नेपाल में भी है। लेकिन इस बार सीमा सील होने के कारण आने जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण अधिकतर खेत परती ही छोड़ देना पड़ा है।

एसएसबी 43वीं वाहिनी के कमांडेंट अमित सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण न फैले, इसके चलते भारत-नेपाल में बीच आवागमन बंद है। सिर्फ बीमार और दुर्घटना में घायल लोगों को इलाज की सुविधा के लिए मानवता के आधार पर आने-जाने की सुविधा दी जा रही है।


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