#मिसाल : बेटा वैज्ञानिक बना तो ग्रामीण ने छोड़ दी वृद्धा पेंशन
आमतौर पर वृद्धा पेंशन पाने के लिए लोग हर तरह का जुगाड़ लगाते हैं लेकिन यहां एक ग्रामीण ने खुद ही विभाग को यह लिखकर दे दिया कि बेटा वैज्ञानिक बन गया है उसे अब पेंशन नहीं चाहिए।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 09:52 AM (IST)
गोरखपुर/संतकबीर नगर, दिलीप पांडेय। आमतौर पर वृद्धा पेंशन पाने के लिए लोग हर तरह का जुगाड़ लगाते हैं लेकिन यहां एक ग्र्रामीण ने खुद ही विभाग को यह लिखकर दे दिया कि उसे अब पेंशन नहीं चाहिए, बेटा वैज्ञानिक बन गया है। विकास भवन स्थित समाज कल्याण दफ्तर में मेंहदावल ब्लाक के ग्राम-कुड़वा निवासी 80 वर्षीय कोमल यादव पहुंचे। प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी की अनुपस्थिति में लेखाकार दुर्गेश मिश्र के पास गए और कहा कि बेटा इंद्रेश यादव वैज्ञानिक बन गया है, उसकी नियुक्ति सिंगापुर में हो गई है, अब मुझे वृद्धा पेंशन नहीं चाहिए।
इसे बंद कराने के लिए उन्होंने प्रार्थना पत्र के साथ पेंशन पासबुक, आधार कार्ड आदि की छायाप्रति भी दी। ग्र्रामीण की ईमानदारी की सभी लोग सराहना कर रहे हैं। कोमल यादव लगभग आठ साल से वृद्धा पेंशन ले रहे थे। प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी विजयलक्ष्मी मौर्य ने दूरभाष पर बताया कि उन्होंने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है, इससे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रतिवर्ष 6000 रुपये मिलती है पेंशन
पहले वृद्धा पेंशन के लाभार्थी प्रतिमाह 400 रुपये की दर से हर तीन माह पर 1200 और चार किस्तों में सालाना 4,800 रुपये पेंशन पाते थे। इस साल से इन्हें प्रतिमाह 500 रुपये की दर से तीन माह में 1500 रुपये और सालाना इनके बैंक खाते में 6,000 रुपये पाएंगे।
वृद्धा पेंशन पाने के लिए ये हैं मानक
गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) जीवन-यापन करते हों।
60 साल या इससे अधिक आयु होनी चाहिए।
3.5 एकड़ से कम भूमि होना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए 46,080 रुपये जबकि शहरी क्षेत्र में रहने वाले महिला-पुरुष की सालाना आय 56,460 रुपये तक या इससे कम होनी चाहिए।
पहले प्रधान-सचिव देते थे प्रस्ताव अब आनलाइन आवेदन की सुविधा
जब से वृद्धा पेंशन योजना प्रारंभ हुई तब से लेकर वर्ष 2014 के अंतिम माह तक आनलाइन आवेदन करने की सुविधा थीं। इस अवधि में प्रधान-सचिव प्रस्ताव देते थे। जांच में मानक पर खरा उतरने पर वृद्धा पेंशन का लाभ मिलता था। वहीं वर्ष 2015 से sspy.gov. in पोर्टल पर लाभार्थियों को आनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिल गई है। लाभार्थी को परिवार रजिस्टर की नकल, आधार कार्ड की छाया प्रतिलिपि, आय प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि अपलोड करना होगा।
इसे बंद कराने के लिए उन्होंने प्रार्थना पत्र के साथ पेंशन पासबुक, आधार कार्ड आदि की छायाप्रति भी दी। ग्र्रामीण की ईमानदारी की सभी लोग सराहना कर रहे हैं। कोमल यादव लगभग आठ साल से वृद्धा पेंशन ले रहे थे। प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी विजयलक्ष्मी मौर्य ने दूरभाष पर बताया कि उन्होंने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है, इससे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रतिवर्ष 6000 रुपये मिलती है पेंशन
पहले वृद्धा पेंशन के लाभार्थी प्रतिमाह 400 रुपये की दर से हर तीन माह पर 1200 और चार किस्तों में सालाना 4,800 रुपये पेंशन पाते थे। इस साल से इन्हें प्रतिमाह 500 रुपये की दर से तीन माह में 1500 रुपये और सालाना इनके बैंक खाते में 6,000 रुपये पाएंगे।
वृद्धा पेंशन पाने के लिए ये हैं मानक
गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) जीवन-यापन करते हों।
60 साल या इससे अधिक आयु होनी चाहिए।
3.5 एकड़ से कम भूमि होना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए 46,080 रुपये जबकि शहरी क्षेत्र में रहने वाले महिला-पुरुष की सालाना आय 56,460 रुपये तक या इससे कम होनी चाहिए।
पहले प्रधान-सचिव देते थे प्रस्ताव अब आनलाइन आवेदन की सुविधा
जब से वृद्धा पेंशन योजना प्रारंभ हुई तब से लेकर वर्ष 2014 के अंतिम माह तक आनलाइन आवेदन करने की सुविधा थीं। इस अवधि में प्रधान-सचिव प्रस्ताव देते थे। जांच में मानक पर खरा उतरने पर वृद्धा पेंशन का लाभ मिलता था। वहीं वर्ष 2015 से sspy.gov. in पोर्टल पर लाभार्थियों को आनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिल गई है। लाभार्थी को परिवार रजिस्टर की नकल, आधार कार्ड की छाया प्रतिलिपि, आय प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि अपलोड करना होगा।
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