बारिश के मौसम में बढ़ रही मरीजों की संख्या, जिला अस्पताल में सभी बेड फुल
गोरखपुर जिला अस्पताल में बारिश के मौसम में केवल तेज बुखार टायफाइड व उल्टी-दस्त के मरीज ही नहीं पहुंच रहे हैं गाडिय़ों व पैर फिसलने से लोगों की हड्डियां भी टूट रही हैं। जनरल (सामान्य) व हड्डी रोग वार्ड में बेड फुल हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिला अस्पताल में बारिश के मौसम में केवल तेज बुखार, टायफाइड व उल्टी-दस्त के मरीज ही नहीं पहुंच रहे हैं, गाडिय़ों व पैर फिसलने से लोगों की हड्डियां भी टूट रही हैं। जनरल (सामान्य) व हड्डी रोग वार्ड में बेड फुल हैं। केवल महिला आर्थो वार्ड में एक बेड खाली है। जनरल वार्ड की स्थिति यह है कि वहां 13 बेड थे लेकिन दो गंभीर मरीजों को भर्ती करने के लिए दो अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं।
इस समय जिला अस्पताल में 109 बेड खाली हैं। लेकिन जहां बेड खाली हैं, वहां सामान्य मरीज भर्ती नहीं किए जा सकते। पुरुष व महिला आर्थो, मेडिसन, बाल रोग व जनरल वार्ड लगभग फुल हैं। आंख, सर्जिकल, बर्न, टिटनेस व कार्डियोलाजी में बेड खाली हैं लेकिन वहां उसी बीमारी के मरीज ही भर्ती किए जाएंगे। इसलिए सामान्य मरीजों के लिए अब दिक्कतें बढ़ गई हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि इमरजेंसी वार्ड में अभी 14 बेड खाली हैं।
40 फीसद पहुंच रहे वायरल फीवर के मरीज
मेडिसिन ओपीडी में लगभग 40 फीसद मरीज वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। उनकी स्क्रीङ्क्षनग व कोविड जांच के बाद ही पर्चा बनाया जा रहा है। राहत की बात यह है कि पिछले एक सप्ताह में कोई कोविड संक्रमित नहीं मिला है। गुरुवार को मेडिसन की तीन ओपीडी में लगभग पांच सौ मरीज पहुंचे, जिसमें से करीब 200 मरीज वायरल फीवर से पीडि़त थे।
कुल बेड- 305
कुल खुले बेड- 283
आरक्षित बेड- 22
कुल भर्ती मरीज- 174
वार्डों में मरीज- 152
इमरजेंसी में मरीज- 22
खाली बेड- 109
वार्ड बेड मरीज
पुरुष आर्थो 38 38
महिला आर्थो 21 20
इंसेफ्लाइटिस 16 10
पीकू 17 11
मेडिसिन 15 13
बाल रोग 16 14
सामान्य 15 15
आंख रोग 15 03
मेल सर्जिकल 10 07
आइसीसीयू 09 03
बर्न 15 02
सर्जरी 06 05
प्राइवेट 08 03
टिटनेस 14 08
कार्डियोलाजी 12 00
आइसोलेशन 20 00
इमरजेंसी 36 22
बारिश के मौसम में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस समय जिला अस्पताल की व्यवस्था काफी अ'छी कर दी गई है। इसलिए मरीजों को भरोसा है कि उनका इलाज अ'छा होगा। लोग निजी अस्पतालों में जाने की बजाय जिला अस्पताल आ रहे हैं। हालांकि अब बेड लगभग फुल हैं। फिर भी सभी का इलाज करने की कोशिश की जा रही है। जनरल वार्ड में 13 बेड थे, सभी फुल थे। बुधवार को दो गंभीर मरीज आए तो दो अतिरिक्त बेड लगाकर उन्हें भर्ती किया गया है। जरूरत पडऩे पर हम कार्डियोलाजी वार्ड का उपयोग कर लेंगे। - डा. एसी श्रीवास्तव, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल।