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सांसद रवि किशन ने कहा- सभी वार्ड एसी बनाए जाएं, जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था हो, Gorakhpur News

रेलवे अस्पताल की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए सांसद रवि किशन ने व्यवस्था को सुदृढ करने का अश्वासन दिया। इसके लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल को 13 बिंदुओं पर एक पत्र भी लिखा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 06:24 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 07:00 PM (IST)
सांसद रवि किशन ने कहा- सभी वार्ड एसी बनाए जाएं, जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था हो, Gorakhpur News
सांसद रवि किशन ने कहा- सभी वार्ड एसी बनाए जाएं, जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था हो, Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सदर सांसद रवि किशन ने शुक्रवार को ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल की अव्यवस्था को देख उन्होंने अफसोस जताया। इमरजेंसी सहित सभी वार्डों और परिसर का जायजा लेने के बाद उन्होंने मरीजों का भी हाल जाना। मरीजों और उनके परिजनों की समस्याएं सुनी और बेहतर इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया। उन्‍होंने कहा कि सभी वार्ड एसी बनाए जाएंगे और जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था भी होगी। रेलमंत्री से उन्‍होंने तत्‍काल इस पर अमल करने की मांग की है।

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अस्‍पताल की दुर्दशा पर चिंता

रेलवे अस्पताल की गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने इसकी व्यवस्था को सुदृढ करने का अश्वासन भी दिया। इसके लिए सदर सांसद ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को 13 बिंदुओं पर एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने रेलमंत्री को अवगत कराया है कि पूर्वोत्तर रेलवे का केंद्रीय अस्पताल 90 वर्षों से रेल कर्मियों और उनके परिजनों को उच्च चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता आ रहा है। किसी समय यह पूर्वांचल का गौरव हुआ करता था। यहां के रोगियों के लिए चिकित्सालय का विशेष योगदान रहा है। लेकिन इधर कुछ वर्षों से धीरे-धीरे गिरावट आ रही है।

इन बिंदुओं पर रेलमंत्री को लिखा पत्र

- नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल कर्मियों की कमी है, उसे दूर किया जाए।

- इमरजेंसी और वार्ड में संसाधनों का अभाव, उपकरण भी जर्जर हैं।

- जनरल सर्जन, पौथालाजिस्ट और रेडियोलाजिस्ट नहीं हैं।

- सीटी स्कैन, एमआरआइ व इंडोस्कोपी की सुविधा नहीं है।

- मरीजों को बाहर से आवश्यक जांच करानी पड़ती है।

- तीन बाल रोग विशेषज्ञ हैं, लेकिन बाल रोग वार्ड बंद है।

- बहिरंग प्रखंड में मरीजों को समय से देखने की व्यवस्था हो।

- सभी वार्डों और बेडों का यथाशीघ्र नवीनीकरण किया जाएगा।

- सभी वार्ड एसी बनाए जाएं, जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था हो।

- सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था नहीं, बना रहता संक्रमण का खतरा।

- परिजनों के लिए चिकित्सालय की कैंटीन 24 घंटे खोली जाए।

- अस्पताल में वाहन स्टैंड है लेकिन लोग उपयोग ही नहीं करते हैं।


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